Bokaro Ladies Celebrating Girl Child Birthdays'

Bharat Mahan

मारवाड़ी महिलायें मना रहीं हैं कन्या जन्मोत्सव

घटते शिशु लिंगानुपात के मद्देनज़र बोकारो की महिलाएं कन्या जन्मोत्सव मना रहीं हैं. प्रधान मंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान में बोकारो जिला शामिल नहीं है लेकिन मारवाड़ी महिला समिति ने इस अभियान को बोकारो में महिला अस्मिता से जोड़ दिया है. समिति की वरीय सदस्य गंगा देवी भालोटिया कहती हैं २०११ की जनगणना    रिपोर्ट में बोकारो का आंकड़ा बहुत ही बदतर है. यहाँ प्रति १००० शिशु पर कन्या शिशु की संख्या मात्र ९१२ है. कन्याओं के प्रति अब भी हमारे खयालायत अच्छे नहीं हैं.

श्रीमती भालोटिया बताती हैं कि हम बोकारो, चास के हर निजी अस्पताल में कन्या जन्मोत्सव मनाते हैं. यहाँ कन्या शिशु के परिजनों के साथ बर्थ डे मनाते हैं, केक काटते हैं, कपड़े बांटते हैं तथा परिजनों को काउंसलिंग करते हैं. बेटे-बेटियों को एक समान समझाने की कोशिश की जाती है. वह बताती हैं मदर केयर अस्पताल में एक महिला कन्या शिशु को रखना नहीं चाहतीं थी लेकिन हम लोगों की काउंसलिंग के बाद कन्या शिशु के पेरेंट्स तैयार हो गए.

मारवाड़ी महिला समिति की 150 सदस्य इस काम में जुटी हैं. बोकारो, चास के नर्सिंग होम और हॉस्पिटल इस काम में समिति के सदस्यों को मदद करते हैं. नर्सिंग होम और हॉस्पिटल में जब भी कन्या शिशु का जन्म होता है, इसकी सूचना मारवाड़ी महिला समिति को तुरंत दी जाती है. समिति की अध्यक्ष काजल भालोटिया कहती हैं, सूचना मिलते ही समिति की दर्ज़नों सदस्य भागे- भागे अस्पताल पहुँचती हैं. गीत गाये जाते हैं, बैलून से कमरे को सजाया जाता है , हॉर्लिक्स और केक दिए जाते हैं.

कन्या शिशु के पेरेंट्स को अस्पताल के बाद भी महिला समिति की और से सहयोग मिलता रहता है. इन परिवारों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इनमे से कम पढ़ी-लिखी महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाती है. श्रीमती भालोटिया बतातीं हैं कि कन्या सम्न्व्रिधि योजना की तर्ज़ पर कन्या के नाम पर पैसे जमा करने की योजना भी चलायी जा रही है. महिला समिति के इस प्रयास में विधायक बिरंची नारायण का भी सहयोग मिल रहा है.

चास की विन्दु देवी कहती हैं कन्या जन्मोत्सव के बाद घर परिवार का सहयोग मिल रहा है. पति तथा सास-शवसुर का व्यवहार पहले से बेहतर है. सबसे बड़ी बात है कि समिति की दीदी लोग हर समय हाल –समाचार पूछतीं रहती हैं. इससे कन्या शिशु की मा होने के बाद भी आत्मबल मिलता है.

घटते शिशु लिंगानुपात पर काम करने वाली संस्था प्लान इंटरनेशनल के राज्य समन्वयक अरशद हुसैन समिति के इस प्रयास का स्वागत करते हैं. वह कहते हैं २०११ की जनगणना के मुताबिक जैन समाज और मारवाड़ी समुदाय में कन्या शिशु लिंगानुपात अन्य समुदाय की तुलना में बदतर हालत में है. ऐसे में इस कोशिश से इन समुदायों में भी जागरूकता आएगी.

News Source
Sudhir Pal, Sr. Journalist

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