साहस से मनुष्य असंभव को भी संभव बना सकता है। साहस की आवश्यकता केवल युद्ध में ही नहीं, सार्वजनिकजीवन में भी पड़ती है।कई अवसर ऐसे आते हैं, जिसमें कि हमारे पास सब कुछ होते हुए भी कार्य पूर्ण नहीं होता, उस कार्य को पूर्ण करने का साहस नहीं होता।
साहस के लिए शारीरिक क्षमता के साथ मानसिक बल की भी