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Ministry of Railways has launched “One Station One Product” (OSOP) scheme with objective to promote the ‘Vocal for Local’ vision of the Government of India, provide a market for local/indigenous products and create additional income opportunities for the marginalised sections of the society. This scheme aims to provide enhanced opportunities for livelihood to local artisans, potters, weavers /handloom weavers, craftsmen etc, through provision of sale outlets at Railways Stations across the Country.
As on 30.11.2023, 1189 OSOP outlets have been made operational at 1083 stations. These OSOP outlets have been allotted to the local beneficiaries which inter-alia include 184 Artisans, 630 Craftsmen, 147 Weavers, 202 Agricultural/Forest product producers etc.
As on 30.11.2023, a total of 1189 OSOP outlets are operational at 1083 stations.
The aim of the scheme is to provide enhanced opportunities for livelihood to local artisans, potters, weavers /handloom weavers, craftsmen etc. through provision of sale outlets at Railways Stations. So far, a total of 41,280 direct beneficiaries have availed the opportunities being offered under the OSOP scheme.
It is continuous endeavour of Indian Railways to proliferate the coverage of OSOP scheme at railway stations across the country. As on 30.11.2023, 1189 OSOP outlets are operational at 1083 stations.
Development of stations and provision of Passenger amenities including provision of OSOP outlets are generally funded under Plan Head – 53 ‘Customer Amenities’.
This information was given by the Minister of Railways, Communications and Electronic & Information Technology, Shri Ashwini Vaishnaw in a written reply to a question in Lok Sabha.
1083 रेलवे स्टेशनों पर 1189 'एक स्टेशन एक उत्पाद' विक्रय केंद्र शुरू किये गए
रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों को समुचित बाजार उपलब्ध कराने और समाज में हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से "एक स्टेशन एक उत्पाद" (ओएसओपी) योजना प्रारंभ की है।
इस योजना का लक्ष्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री केंद्र स्थापित करने प्रावधान के माध्यम से स्थानीय दस्तकारों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा कारीगरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है।
दिंनाक 30.11.2023 तक 1083 स्टेशनों पर 1189 'एक स्टेशन एक उत्पाद' विक्रय केंद्र इस्तेमाल हेतु शुरू किये गए हैं। ये ओएसओपी आउटलेट स्थानीय लाभार्थियों को आवंटित किए गए हैं, जिसमें अन्य हितग्राहियों के साथ-साथ 184 कारीगर, 630 शिल्पकार, 147 बुनकर, 202 कृषि/वन उपज उत्पादक आदि शामिल हैं।
दिंनाक 30.11.2023 तक, 1083 स्टेशनों पर कुल 1189 'एक स्टेशन एक उत्पाद' विक्रय केंद्र कार्यान्वित हैं।
इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री केंद्र स्थापित करने प्रावधान के माध्यम से स्थानीय दस्तकारों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा कारीगरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है। अब तक कुल 41,280 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने ओएसओपी योजना के तहत उपलब्ध कराए जा रहे अनेक अवसरों का लाभ उठाया है।
भारतीय रेलवे देश भर के रेलवे स्टेशनों पर ओएसओपी योजना के कवरेज को बढ़ाने के लिए निरंतर कड़े प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में 30.11.2023 तक देश के 1083 स्टेशनों पर 1189 ओएसओपी विक्रय केंद्र अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
रेलवे स्टेशनों का विकास और 'एक स्टेशन एक उत्पाद' विक्रय केंद्र को संचालित करने सहित अन्य विभिन्न यात्री सुविधाओं का प्रावधान आम तौर पर एक प्रमुख योजना शीर्ष - 53 'ग्राहक सुविधाएं' के तहत वित्त पोषित किया जाता है।
रेल और संचार तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।