BRAHMOS supersonic cruise missile featuring Indian propulsion system, airframe, power supply and other major indigenous components, was successfully test fired at 10.20 AM today from ITR, Chandipur in Odisha. The missile was successfully test-fired for its full range of 290-km during the launch jointly conducted by DRDO and BrahMos Aerospace.
With this successful mission, the indigenous content in the formidable weapon has reached a high value, thus bolstering India’s defence indigenisation and the flagship ‘Make in India’ programme.
Raksha Mantri Rajnath Singh congratulated team DRDO, BrahMos and Industries for today’s successful mission.
Secretary, Department of Defence, R&D and Chairman DRDO, Dr. G. Satheesh Reddy and DG, Missiles and Strategic Systems MSR Prasad also congratulated for the successful launch.
DG (BrahMos) Dr Sudhir Kumar Mishra, Director DRDL Dr Dashrath Ram and Dr BK Das Director ITR coordinated and witnessed the entire mission at the launch site and termed the successful flight test as a landmark achievement in enhancing India’s “Make in India” capabilities.
Jointly developed by India and Russia, the versatile BRAHMOS has been operationalised in the Indian Armed Forces with all the three services.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, का आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण स्थल से सफल प्रक्षेपण किया गया। इस प्रक्षेपास्त्र में भारतीय प्रणोदन प्रणाली, एयरफ्रेम, पावर सप्लाई और अन्य प्रमुख स्वदेशी कलपुर्जे लगे हैं। इस मिसाइल को डीआरडीओ और ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा संयुक्त रूप से उसकी 290 किलोमीटर की पूर्ण रेंज पर सफलतापूर्वक छोड़ा गया।
इस सफल मिशन के साथ ही इस मिसाइल में स्वदेशी सामान के इस्तेमाल से भारत की रक्षा क्षमता और आगे बढ़ी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज के सफल मिशन के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और उद्योगों की टीम को बधाई दी।
रक्षा विभाग, अनुसंधान और विकास में सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी तथा मिसाइल और रणनीतिक प्रणाली के महानिदेशक एमएसआर प्रसाद को भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई दी गई।
महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, डीआरडीएल निदेशक डॉ. दशरथ राम और आईटीआर निदेशक डॉ. बी.के.दास ने प्रक्षेपण स्थल पर पूरे मिशन के साथ समन्वयन कायम किया और उसे देखा और इस सफलतापूर्वक परीक्षण को भारत की मेक इन इंडिया क्षमता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंग काम में ला रहे हैं।