The Union Cabinet Chaired by Prime Minister Narendra Modi today approved to release an additional instalment of Dearness Allowance (DA) to Central Government employees and Dearness Relief (DR) to pensioners w.e.f. 01.07.2019 representing an increase of 5% over the existing rate of 12% of the Basic pay/Pension, to compensate for price rise. This increase is in accordance with the accepted formula, which is based on the recommendations of the 7th Central Pay Commission.
This will benefit about 49.93 lakh Central Government employees and 65.26 lakh pensioners.
The additional financial implication on account of this increase in Dearness Allowance is estimated at Rs 8590.20 Crore per year; and Rs 5726.80 Crore in the current Financial Year of 2019-20 (for 8 months from July 2019 to February 2020).
The additional financial implication on account of the Dearness Relief to pensioners is estimated to be Rs 7319.15 Crore per annum and Rs 4870 Crore in the current FY.
Dear Allowance/Dearness Relief is paid to Central Government employees/pensioners to adjust the cost of living and to protect their basic pay/pension from erosion in the real value. Dear Allowance/Dearness Relief is revised twice a year from 1st January and 1st July.
जुलाई 2019 से 5 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता/महंगाई राहत को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मूल्य-वृद्धि की क्षति-पूर्ति के लिए, मूल वेतन/पेंशन के 12 प्रतिशत की मौजूदा दर में 5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 1 जुलाई, 2019 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत के लिए अतिरिक्त धनराशि जारी करने हेतु अपनी मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि स्वीकृत फार्मूले के अनुसार की गई है, जो सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक 8 महीने की अवधि के लिए) में महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के कारण सरकारी खजाने पर क्रमश: 15909.35 करोड़ रूपये और 10606.20 करोड़ रूपये का बोझ होगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 49.93 लाख कर्मचारी और 65.26 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
महंगाई भत्ते में इस वृद्धि के कारण प्रतिवर्ष 8590.20 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष और मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक 8 माह के लिए) में 5726.80 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है।
पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत के कारण प्रतिवर्ष 7319.15 करोड़ रूपये और मौजूदा वित्त में 4870 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते/महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है, ताकि वे वास्तविक मूल्य में ह्रास के कारण अपने रहन-सहन की लागत को पूरा कर सकें और अपने मूल वेतन/पेंशन को संरक्षित कर सकें। 1 जनवरी और 1 जुलाई से एक वर्ष में दो बार महंगाई भत्ते/महंगाई राहत को संशोधित किया जाता है।