

सामाजिक चेतना का पर्याय बना सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान
जयपुर, 3 नवम्बर, 2016 चित्तौड़गढ़ जिले के बाशिन्दों ने सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की सफलता के लिये विविध नवाचारों से इसे सामाजिक चेतना का कार्यक्रम बनाकर प्रदेश में अनूठी मिसाल कायम की है। खुले में शौच मुक्ति अभियान के प्रति मानो जिले के गांव-गांव, ढ़ाणी-ढ़ाणी में नई क्रान्ति आ गई है। जहां पर पुरुष एवं महिलाएं, बच्चे एवं वृद्ध अपनी सराहनीय भूमिका निभाकर जल्द से जल्द अपने क्षेत्र को ओडीएफ घोषित करवाने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय अभियान का आलम यह है कि लोग स्वपे्ररणा से मानो गांवों की काया पलटने को प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। जिला कलक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह जहांं रात्रि चौपाल, दौरों, साप्ताहिक बैठकों व राजस्व बैठकों के माध्यम से स्वच्छता मिशन अभियान की प्रगति की चर्चा के बीच दिसम्बर 2016 तक जिले को खुले में शौच से मुक्त करने की दिशा में अथक प्रयास करते आ रहे हैं वहीं जिला प्रशासन, विभागीय अधिकारियों का समर्पित तबका हरसंभव प्रयास कर जिले को स्वच्छता का मॉडल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। प्रशासन की अभियान के प्रति प्रतिबद्धता की बानगी इसी से मिलती है कि अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री सुरेश चन्द्र ने चित्तौड़गढ़ से सांवलियाजी तक साइकिल यात्र निकालकर गांव-गांव में स्वच्छता का संदेश प्रसारित किया है। मशाल रैली बनी मिसाल जिले की बेगूं पंचायत समिति में स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए जन-जन में जागरुकता जगाने आम जन, जनप्रतिनिधि एवं जागरुक लोगों की भागीदारी में मशाल रैली के सार्थक आयोजनों ने अलग ही पहचान बनाई। करवा चौथ पर पतियों से भरवाए संकल्प पत्र स्वच्छता के प्रति महिलाओं का समर्पण इस कदर है कि बेगूं क्षेत्र में करवा चौथ के मौके पर सुहागिनों ने पतियों से घर में शौचालय बनवाने के संकल्प पत्र भरवा कर स्वच्छ भारत मिशन को सार्थक बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए मानो अपनी अमिट मुहर लगा दी है। इससे महिलाओं के मन में खुले में शौच से मुक्ति के प्रति संकल्प का भाव साफ तौर पर परिलक्षित हो रहा है। रक्षाबन्धन पर बहिनों को दिया तोहफा जिले में बहिनों ने रक्षा सूत्र के बदले भाई से जब आशीर्वाद मांगा तो कई भाईयों ने घर में शौचालय बनाने का संकल्प लेकर बहनों को खुले में शौच से मुक्त करने का तोहफा दिया। विश्व बैंक की ओर से अभियान की मॉनिटरिंग स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने की दिशा में चित्तौड़गढ़ जिले का विश्व बैंक के जरिये विशेष तौर पर चयन कर कन्सल्टेंसी कर अभियान की गुणवत्ता पूर्ण एवं समयबद्ध क्रियान्विति के प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं राजीविका महिला समूह भी जिले में जन जागरुकता के सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं घरों में शौचालय के लिए ऋण के लिए भी महिलाओं ने आवेदन किए हैं। बच्चों की टोलियां अल सुबह खुले में शौच के लिये जाने वालों को मानो चेतावनी देती नजर आती है। जाहिर है कि सामाजिक चेतना के बगैर कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता है। ऎसे में स्वच्छता के इस यज्ञ में निश्चय ही चित्तौड़गढ़ जिले को पहचान मिलेगी।