In a first of its kind initiative, the Election Commission of India has reached out to over 150 Community Radio stations from across the country to help educate and inform the voters. The event was organised by India International Institute for Democracy and Electoral Management (IIIDEM), in partnership with Seeking Modern Applications for Real Transformation (SMART), at IIIDEM, Dwarka, New Delhi. The main purpose of the workshop was for training and capacity building of Community Radios for voter education and awareness.
In the valedictory address, Umesh Sinha, Senior Deputy Election Commissioner, ECI said that the Community Radio is one of the best medium to reach the last voter of the country. He said that these workshops were just the beginning to a long term and sustained engagement and Community Radio can play a vital role in motivating and mobilising the voters, enlisting the under-served voters into the electoral roll, mobilising them to go to the polling booth, educating them about their rights and responsibilities, and making them an informed and educated voter. He emphasised that every voter is the first representative of the country, they are the soldiers and play an important role in protecting democracy. All voters across the country have the same power. Elections provide a level playing field as each vote has the same power, no matter who casts it –the richest of the rich or the poorest of the poor. He said that Community Radio can play an important role in strengthening democracy by developing content in their local dialects and deepening the process of voter education and awareness upto the grass root levels. He assured that Community Radio Stations will now become an integral part of the voter education programme.
The workshop was inaugurated by Chandra Bhushan Kumar, Deputy Election Commissioner & DG, IIIDEM on March 25, who iterated that Community Radios can play a pivotal role in increasing voter enrolment and participation in the “Festival of Democracy“. He said that the tag line of ‘No voter to be left behind’ was to ensure that each and every eligible voter irrespective of his or her economic status, class, caste or profession understands the importance of his or her vote. He talked about the measures taken to include migrant workers, homeless, tribal persons, persons with disabilities (PWD), service voters, NRIs. He said that the effort of the Commission is to ensure fair and fearless elections and that Community Radios can play an important role in assisting Election Commission.
Archana Kapoor, Founder of SMART, said that inclusion of Community Radio stations in the campaign is also recognition of the work by ECI, being done at the grass root levels by the stations. The stations will broadcast programmes in their own dialect and will develop 5 programmes each, besides broadcasting promotional material. Ms. Kapoor assured that Community Radio station, across the country, will contribute their best for voter education.
सामुदायिक रेडियो स्टेशनों द्वारा मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने का प्रयास
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने के लिए देश भर में 150 से अधिक सामुदायिक रेडियो स्टेशनों से संपर्क किया है, जो अपनी तरह की अनूठी पहल है। कार्यक्रम का आयोजन‘इंडियन इंस्ट्टीयूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) की ओर से ‘सीकिंग मॉर्डन एप्लीकेशंस फॉर रीयल ट्रांसफॉरमेशन’ (स्मार्ट) की साझेदारी में आईआईआईडीईएम, द्वारका, नई दिल्ली में किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने में सामुदायिक रेडियो का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करना था।
अपने समापन भाषण में वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने कहा कि देश के आखिरी मतदाता तक पहुंचने के लिए सामुदायिक रेडियो एक बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने कहा कि ये कार्यशालाएं एक दीर्घकालिक और निरंतर जुड़ाव की शुरुआत हैं। उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि सामुदायिक रेडियो मतदाताओं को प्रोत्साहित करने, मतदाता सूची में उन्हें शामिल करने, उन्हें मतदान केंद्र तक ले जाने, उन्हें उनके अधिकार और जिम्मेदारियों के प्रति शिक्षित करने तथा उन्हें जागरूक एवं शिक्षित मतदाता बनाने में सामुदायिक रेडियो एक अहम भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हर मतदाता देश का पहला प्रतिनिधि ही नहीं बल्कि वो सैनिक है जो लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश भर के सभी मतदाताओं के पास समान अधिकार हैं। चुनाव सबको समान अधिकार देते हैं और प्रत्येक वोट अहम होता है, चाहे वह सबसे अमीर व्यक्ति का हो या सबसे गरीब व्यक्ति का। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो अपनी स्थानीय बोलियों में सामग्री विकसित करके और जमीनी स्तर तक मतदाताओं को शिक्षित करने की प्रक्रिया सुदृढ़ करने तथा लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन अब मतदाताओं को शिक्षित करने वाले कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बन जाएंगे।
कार्यशाला का उद्घाटन 25 मार्च को उप-चुनाव आयुक्त और महानिदेशक, आईआईआईडीईएम चंद्र भूषण कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो 'लोकतंत्र के उत्सव' में मतदाता नामांकन और भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 'कोई मतदाता छूट ना जाए' की टैग लाइन यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हर एक योग्य मतदाता को अपनी आर्थिक स्थिति, वर्ग, जाति या पेशे के बावजूद अपने वोट की कीमत मालूम हो। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों, बेघरों, आदिवासी व्यक्तियों,दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), सेवा मतदाताओं, एनआरआई को शामिल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का प्रयास निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव सुनिश्चित करना है और आयोग के इस लक्ष्य को पूरा करने में सामुदायिक रेडियो स्टेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सीकिंग मॉर्डन एप्लीकेशंस फॉर रीयल ट्रांसफॉरमेशन’ (स्मार्ट) की संस्थापक अर्चना कपूर ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा अभियान में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को शामिल करने का मतलब स्टेशनों द्वारा जमीनी स्तर पर किए जा रहे उनके कार्यों की मान्यता है। स्टेशन अपनी स्वयं की बोली में कार्यक्रम प्रसारित करेंगे और प्रचार सामग्री प्रसारित करने के अलावा 5 और कार्यक्रम भी विकसित करेंगे। सुश्री कपूर ने आश्वासन दिया कि देश भर के सामुदायिक रेडियो स्टेशन, मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।