
18 महीनों में पाली और जोधपुर जिला अस्पतालों का डिजिटलीकरण होगा
केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री पीपी चौधरी शुक्रवार को दिल्ली स्थित मंत्रालय में सीडैक, एनआईसी तथा अपने विभाग के अधिकारियों से बैठक कर देश भर में ई-हॉस्पीटल और अस्पतालों को सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ने के बारे में चर्चा की। श्री चौधरी ने पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और पाली के अस्पतालों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने तथा अस्पतालों को मॉडल के तौर पर विकसित करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहां कि पाली तथा जोधपुर जिला अस्पतालों का डिजिटलीकरण तीन चरणों में आगामी 18 महीनों में होना है। प्रथम चरण तीन महीनों का होगा। इसमें टेलीमेडीसिन की सुविधा, ऑनलाइन पंजीकरण सिस्टम, ऑनलाइन लेबोरेटरी रिपोर्टस तथा पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा प्रदान करवाई जाएगी। छह महीने के दूसरे चरण में इंफॉरमेटिव कियोस्क टर्मिनल, एलईडी स्क्रीन/क्यू मेनेजमेंट गैजेटस तथा हॉस्पीटल वेबसाइट की शुरूआत की जाएगी तथा तीसरे चरण में आईपीडी मॉड्यूल्स, ओपीडी मॉड्यूल्स की शुरूआत की जाएगी। ये सुविधाएं क्लाउड से जुड़ी रहेंगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम का पहला वर्जन पूर्ण हो चुका है तथा मोबाइल वर्जन विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा ऑनलाइन रिपोर्ट की सुविधा का भी पहला वर्जन पूर्ण कर लिया गया है तथा इसका भी मोबाइल वर्जन विकसित किया जा रहा है। श्री पीपी चौधरी ने कहा है कि पाली का राजकीय बांगड़ चिकित्सालय तथा जोधपुर में जोधपुर एम्स, एमडीएम अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल तथा डॉ. एसएन मेडीकल कॉलेज में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। बाद में इसे पूरे देश के सीएससी तथा पीएचसी और सभी एम्स में चालू किया जाएगा। रिमोट एरिया में मौजूद चिकित्सा केन्द्रों को वायरलेस वीसेट प्रणाली के माध्यम से कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने पर विचार किया जाएगा। इस सम्बंध में सभी प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक कर इसे पूरे देश में चालू करने पर विचार किया जाएगा। इस परियोजना में मरीजों के ऑनलाइन पंजीकरण में आधार और भामाशाह कार्ड के उपयोग करने पर विशेष बल दिया गया है।