Union Minister for Tribal Affairs, Arjun Munda, launched the “e-governance initiatives for ST Welfare schemes” at a function organized by Ministry of Tribal Affairs here on Wednesday. A power point presentation on these new e-governance initiatives was made on the occasion.
The minister applauded the team work efforts of the Ministry of Tribal affairs for these governance initiatives for Scheduled Tribes Welfare schemes and said that as per the “Sabka Saath, Sabka Vikas and Sabka Vishwas”, these e-governance initiatives will serve their purpose of the betterment of tribal communities across the nation. He called upon the officials of Ministry of Tribal Affairs to prepare a data bank of the previous beneficiaries of the schemes of the ministry on a priority basis. He emphasized that the officials of the ministry have to achieve the target of completion of its tasks before time.
Ministry of Tribal Affairs has developed online portals namely DBT Tribal (https://dbttribal.gov.in/) and NGO Grants Online Application & Tracking System (https://ngograntsmota.gov.in/) for bringing in greater e-Governance in implementation of welfare schemes for STs. In DBT Tribal portal, there are 3 main modules for Pre-Matric & Post-Matric Scholarship. Data Sharing module is mainly meant for sharing beneficiary-data by States. In Communication module, the States have facility to upload documents, raise query and DBT data uploaded by States is used for faster release of funds. Monitoring module has facility of MIS reports & Dashboards.
Ministry has further developed module for verification of students by Universities and Colleges under Fellowship scheme and Grievance Module for all stake holders including beneficiary students in 03 Central Sector schemes and Institutions.
The NGO portal, developed for implementing scheme of Aid to Voluntary Organizations working for the welfare of STs, has been fully revamped & redesigned with simplified Application form, Inspection Report and Fund Processing module. The portal has been re-opened on today for FY 2019-20 for NGOs and States for online application.
अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं के लिए ई-शासन पहलों की शुरूआत
जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अनुसूचित जनजाति कल्याण योजनाओं के लिए ई-शासन पहलों की शुरूआत की। इस मौके पर नई ई-शासन पहलों के बारे में एक पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दी गई।
मुंडा ने अनुसूचित जन-जातियों के लिए कल्याण योजनाओं की इन ई-शासन पहलों के लिए मंत्रालय की टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के अनुसार इन पहलों से देशभर में जनजातीय समुदायों की बेहतरी में मदद मिलेगी। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे मंत्रालयों की योजनाओं के लाभान्वितों का प्राथमिकता के आधार पर एक डेटा बैंक तैयार करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों को समय से पूर्व अपना कार्य पूरा करने का लक्ष्य हासिल करना होगा।
जनजातीय मामलों के मंत्रालयों ने अनुसूचित जनजाति की कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन में अधिक ई-शासन लाने के लिए डीबीटी जनजाति (https://dbttribal.gov.in/) और एनजीओ अनुदान ऑनलाइन आवेदन और पैकिंग प्रणाली (https://ngograntsmota.gov.in/) के नाम से ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है। डीबीटी जनजाति पोर्टल में प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए तीन मुख्य मॉड्यूल हैं। डेटा शेयररिंग मॉड्यूल राज्यों द्वारा लाभान्वितों के आकड़े साझा करने के लिए है। संचार मॉड्यूल में, राज्यों के पास दस्तावेज़ों के अपलोड़ करने, सवाल उठाने की सुविधा है और राज्यों द्वारा अपलोड़ किये गये डीबीटी डेटा का इस्तेमाल धनराशि तेजी से जारी करने के लिए किया जाता है। निगरानी मॉड्यूल में एमआईएस रिपोर्टों और डेश-बोर्डों की सुविधा है।
अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों की सहायता की योजना के कार्यान्वयन के लिए विकसित एनजीओ पोर्टल, को पूरी तरह से बदला गया है और सरल आवेदन फॉर्म, निरीक्षण रिपोर्ट और फंड प्रोसेसिंग मॉड्यूल के साथ नये सिरे से डिजाइन किया गया है। पोर्टल को ऑनलाइन आवेदन के उद्देश्य से वर्ष 2019-20 के लिए एनजीओ और राज्यों के लिए फिर से खोला गया है।