In first phase under Hub & Spoke model, FCI to construct Silos of 34.875 LMT Capacity
Food Corporation of India (FCI) has planned to construct 111.125 Lakh Metric Tonnes (LMT) modern steel silos at 249 locations spread across 12 states under Hub & Spoke model under Public Private Partnership with total investment of approx. 9236 crores. These silos would be constructed in three phases over next 3-4 years.
In the first phase of Hub & Spoke model, silos of 34.875 LMT capacity at 80 locations would be constructed by FCI. Out of this, 10.125 LMT at 14 locations would be under DBFOT mode and 24.75 LMT at 66 locations under DBFOO mode. Tender under DBFOO mode is due to be opened on 31.10.2022 whereas tender for DBFOT mode already been has opened on 10.08.2022 & one project was awarded to a developer and for other projects, process is underway. These modern Silos with bulk handling facilities is a scientific way of storage of foodgrains and ensures better preservation of foodgrains.
In the already awarded and ongoing Silo Projects, a capacity of 17.75 LMT at 31 locations (Including Circuit Model) has been completed / put to use and 15.50 LMT at 31 locations are under various stages implementation.
The proposed model of development is DBFOT (Design, Build, Finance, Operate and Transfer) and DBFOO (Design, Build, Finance, Own and Operate) wherein the private entities shall be responsible for construction and operation of these modern Silos for a pre-defined period. Through this Public Private Partnership (PPP) mode of DBFOT, the land is to be provided by FCI while under the DBFOO mode, the land is to be acquired by the private entities.
These Silos at 80 locations shall be spread across 9 states and 1 UT i.e. Punjab, Haryana, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Gujarat, Rajasthan, Maharashtra, Bihar, West Bengal and Jammu & Kashmir and expected to be built with an investment of more than Rs. 2,800 crores. These projects are conceived in consultation with state governments, Niti Aayog, Ministry of Finance, Ministry of Railways, Ministry of Steel.
These modern Silos near farms would act as purchase centers (mandies) and expected to reduce distance for farmers and further reduce operational difficulties and complexities. Mechanized operations make silos operational round the clock and also reduce turn-around time for intake and off take of agri-produce and would improve overall efficiency. Further, these modern steel silos require approximately 1/3rd land as compared to conventional storage warehouses.
भारतीय खाद्य निगम 12 राज्यों में 249 स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले आधुनिक स्टील गोदामों का निर्माण करेगा
हब एंड स्पोक मॉडल के तहत भारतीय खाद्य निगम पहले चरण में 34.875 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों को तैयार करेगा
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 12 राज्यों में 249 विभिन्न स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) भंडारण क्षमता वाले आधुनिक स्टील गोदामों के निर्माण की योजना बनाई है। लगभग 9236 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ इन्हें सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत हब एंड स्पोक मॉडल के अनुसार तैयार किया जाएगा। इन गोदामों को तीन चरणों में बनाकर अगले 3-4 वर्षों में कार्यान्वित कर दिया जायेगा।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा हब एंड स्पोक मॉडल के तहत पहले चरण में 80 स्थानों पर 34.875 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 14 स्थानों पर 10.125 एलएमटी क्षमता के गोदाम डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण- डीबीएफओटी मोड के तहत तथा 24.75 एलएमटी के गोदाम 66 स्थानों पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व एवं संचालन- डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत तैयार किये जायेंगे। डीबीएफओओ मोड के तहत निविदा 31.10.2022 को शुरू की जानी है, जबकि डीबीएफओटी मोड के लिए निविदा पहले से ही 10.08.2022 को खोली जा चुकी है। एक परियोजना एक निर्माणकर्ता को आवंटित की जा चुकी है और अन्य परियोजनाओं के लिए आवश्यक प्रक्रिया जारी है। इन आधुनिक गोदामों में विशाल आकार की बनावट प्रबंधन सुविधाओं के साथ खाद्यान्नों के भंडारण का एक वैज्ञानिक तरीका है, जो खाद्यान्नों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करता है।
पहले से ही उपलब्ध कराई गई और वर्तमान में चल रही साइलो परियोजनाओं में से 31 स्थानों (सर्किट मॉडल सहित) पर 17.75 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता पूरी हो चुकी है / उपयोग में आ चुकी है और 31 स्थानों पर 15.50 लाख मीट्रिक टन की साइलो परियोजनाओं का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में हैं।
इनके विकास का प्रस्तावित मॉडल डीबीएफओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण) तथा डीबीएफओओ (डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन) के अनुसार है, जिसमें पूर्व निर्धारित अवधि के लिए इन आधुनिक गोदामों के निर्माण एवं संचालन हेतु निजी संस्थाएं जिम्मेदार होंगी। डीबीएफओटी के इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से आवश्यक भूमि एफसीआई द्वारा प्रदान की जानी है जबकि डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत भूमि का अधिग्रहण निजी संस्थाओं द्वारा किया जाना है।
80 स्थानों पर ये गोदाम 9 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में तैयार किये जायेंगे, इनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। इनके निर्माण में 2,800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं की कल्पना राज्य सरकारों, नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय के परामर्श से की गई है।
खेतों के पास बनने वाले ये आधुनिक गोदाम, खरीद केंद्र (मंडी) के रूप में कार्य करेंगे। इससे किसानों के लिए बाजार की दूरी कम होगी और इनसे परिचालन कठिनाइयों तथा जटिलताओं को काफी कम कर दिया जायेगा। आधुनिक मशीनों से संचालित ये गोदाम चौबीसों घंटे कार्य करते हैं और कृषि-उत्पादों के भंडारण के लिए आने-जाने में लगने वाले समय को भी कम करते हैं। इनके अधिक निर्माण से दक्षता में समग्र सुधार होगा। इसके अलावा, इन आधुनिक स्टील गोदामों को पारंपरिक भंडारण गोदामों की तुलना में लगभग 1/3 भूमि की आवश्यकता होती है।