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2,000 kgs flagged off to Bengaluru as part of ODOP Import Substitution efforts
The first consignment of Kashmiri walnuts was recently flagged off from Budgam. A truck carrying 2,000 kgs was despatched to Bengaluru, Karnataka under the One District, One Product (ODOP) Initiative of the Ministry of Commerce & Industry.
Kashmir accounts for 90% of India’s walnut production. With their superior quality and taste, the Kashmiri walnuts are a great source of nutrients and hence widely in demand across the globe. There is immense potential for this product to make its place in the local and global markets.
The successful facilitation of trade was marked with a flag off by Additional Secretary, Ms. Sumita Dawra, DPIIT on 26th September 2021 that was organised in collaboration with the Jammu and Kashmir Trade Promotion Organization (JKTPO). Mr. Ranjan Prakash Thakur, Principal Secretary to Govt. Industries and Commerce, J&K, Ms. Tazayun Mukhtar, Director, Industries, Kashmir, Ms. Khalida, Deputy Director, Horticulture, Kashmir, Ms. Ankita Kar, MD, JKTPO and Invest India Team.
Recognizing that walnuts were being imported into India on a large scale despite the availability of Kashmir walnuts, the 'ODOP' team began an in-depth market analysis and stakeholder consultations in Kashmir. Further, importers of walnuts in India were contacted and through dedicated handholding at both ends, the ODOP team was able to facilitate the procurement. Such efforts also give a boost to the AatmaNirbhar Bharat campaign as, for instance, in this case the Bangalore-based importer, who was previously sourcing walnuts from the US, is now able to distribute quality walnuts at a fraction of the import cost.
On the sidelines of the flag off event, a roundtable conference was organised in Budgam wherein inputs were sought from industry representatives. Regional Director PHDCCI, Iqbal Fayaz Jan, Baldev Singh, Himayun Wani, Bilal Ahmad Kawoosa, President KCCI, Sheikh Ashiq, Farooq Amin, and President FCIK, Shahid Kamili shared their insights and experiences with respect to the trade and export ecosystem in Kashmir.
Horticulturists and trade representatives recommended the way forward includes domestic and international marketing through Buyer-Seller Meets, e-commerce onboarding of more agricultural and handicraft/handloom products as well as creating product/scheme awareness for products from each district which will be supported by the ODOP initiative under the Ministry of Commerce & Industry.
कश्मीरी अखरोट की पहली खेप बडगाम से भेजी गई
ओडीओपी आयात के विकल्प हेतु प्रयासों के हिस्से के रूप में 2,000 किलोग्राम अखरोट को झंडी दिखाकर बेंगलुरू के लिए रवाना किया गया
कश्मीरी अखरोट की पहली खेप को हाल ही में बडगाम से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) पहल के तहत 2,000 किलोग्राम अखरोट के साथ एक ट्रक कर्नाटक के बेंगलुरु के लिए रवाना किया गया।
भारत में अखरोट उत्पादन में कश्मीर का 90 प्रतिशत हिस्सा है। अपनी बेहतर गुणवत्ता और स्वाद के साथ, कश्मीरी अखरोट पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हैं और इसलिए दुनिया भर में इसकी व्यापक मांग है। इस उत्पाद के लिए स्थानीय और वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बनाने की अपार संभावनाएं हैं।
डीपीआईआईटी की अपर सचिव, सुश्री सुमिता डावरा द्वारा 26 सितंबर, 2021 को झंडी दिखाकर इस व्यापार की सफल शुरूआत की गई थी। इसे जम्मू-कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के सहयोग से आयोजित किया गया था। जम्मू-कश्मीर के सरकारी उद्योग एवं वाणिज्य के प्रधान सचिव श्री रंजन प्रकाश ठाकुर, कश्मीर की उद्योग निदेशक सुश्री ताजायुन मुख्तार, कश्मीर की बागवानी उप निदेशक सुश्री खालिदा, जेकेटीपीओ की प्रबंध निदेशक सुश्री अंकिता कार और इन्वेस्ट इंडिया टीम इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि कश्मीर अखरोट की उपलब्धता के बावजूद भारत में अखरोट का बड़े स्तर पर आयात किया जा रहा था, 'ओडीओपी' टीम ने कश्मीर में गहन बाजार विश्लेषण और हितधारक परामर्श शुरू किया। इसके अलावा, भारत में अखरोट के आयातकों से संपर्क किया गया और दोनों सिरों पर समर्पित सहयोग के माध्यम से, ओडीओपी टीम खरीद को सुविधाजनक बनाने में सक्षम हुई। इस तरह के प्रयास आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए, इस मामले में बैंगलुरू स्थित आयातक, जो पहले अमरीका से अखरोट खरीद रहे थे, अब आयात लागत के एक हिस्से के बल पर गुणवत्ता वाले अखरोट वितरित करने में सक्षम है।
झंडी दिखाकर रवाना करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के साथ-साथ, बडगाम में एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए। पीएचडीसीसीआई के क्षेत्रीय निदेशक इकबाल फ़याज़ जान, बलदेव सिंह, हिमायूँ वानी, बिलाल अहमद कावूसा, केसीसीआई के अध्यक्ष शेख आशिक, फारूक अमीन और एफसीआईके के अध्यक्ष शाहिद कामिली ने कश्मीर में व्यापार और निर्यात के वातावरण की प्रणाली के संबंध में अपने विचार और अनुभव साझा किए।
बागवानों और व्यापार प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि आगे बढ़ने के तरीके में क्रेता-विक्रेता की मुलाकातों के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विपणन, अधिकाधिक कृषिगत तथा हस्तशिल्प/हथकरघा उत्पादों के ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग के साथ-साथ प्रत्येक जिले के उत्पादों के लिए उत्पाद/योजना जागरूकता पैदा करना शामिल है, जिसका वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओडीओपी पहल के तहत समर्थन किया जाएगा।