15th ICH Element from India to Join the List
Gujarat Govt Organizing Several Curated ‘Garba’ Events across Districts to Celebrate this Milestone
'Garba of Gujarat' has been inscribed in the Representative List of Intangible Cultural Heritage (ICH) of Humanity by UNESCO, under the provisions of the 2003 Convention for the Safeguarding of Intangible Cultural Heritage during the 18th meeting of the Intergovernmental Committee for the Safeguarding of the Intangible Cultural Heritage from 5th -9th December, 2023 in Kasane, Botswana.
Garba of Gujarat is the 15th ICH element from India to join this list. This inscription underscores Garba’s pivotal role as a unifying force that fosters social and gender inclusivity. Garba as a dance form is entrenched deeply in ritualistic and devotional roots, involving people from all walks of life and it continues to thrive as a vibrant living tradition bringing communities together. The inscription further highlights the commitment and efforts of the Ministry of Culture, Government of India towards the safeguarding, promotion and preservation of our intangible cultural heritage.
Union Minister of Culture, Tourism & Development of North Eastern Region Shri G. Kishan Reddy in a X post said that this listing is testimony to the tireless efforts of the government under the leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi to showcase our rich culture, traditions & heritage to the world:
The Evaluation Body of the 2003 Convention in its report this year, lauded India for its dossier with outstanding supporting material and for nominating an element that champions unity in diversity and cultivates social equality among varied communities. This acknowledgement of UNESCO inscribing an intangible cultural heritage element from Gujarat, Garba will significantly elevate its global visibility and authentic essence.
Several Member States congratulated India on this achievement. To celebrate this remarkable occasion, a troupe of 8 dancers from the Indian Council for Cultural Relations, showcased Garba dance form at the meeting venue. In India, the Government of Gujarat is organizing several curated ‘Garba’ events across districts in Gujarat to celebrate this milestone.
The Listing mechanism under the UNESCO 2003 Convention aims to enhance the visibility of intangible cultural heritage, fostering awareness of its significance and promoting dialogue that respects cultural diversity. India was elected to be part of the 24 Member Inter-governmental Committee (IGC) of the ICH 2003 Convention in 2022 for a tenure of 4 years.
Alongside India, this year’s Intergovernmental Committee (IGC) comprised of Angola, Bangladesh, Botswana, Brazil, Burkina Faso, Côte d’Ivoire, Czechia, Ethiopia, Germany, Malaysia, Mauritania, Morocco, Panama, Paraguay, Peru, Republic of Korea, Rwanda, Saudi Arabia, Slovakia, Sweden, Switzerland, Uzbekistan and Vietnam.
यूनेस्को ने 'गुजरात के गरबा' को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया
यूनेस्को की सूची में भारत की 15वीं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में गरबा शामिल हुआ
गुजरात सरकार इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए जिलों में कई क्यूरेटेड 'गरबा' कार्यक्रम का आयोजन कर रही है
अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (आईसीएच) की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति की 18वीं बैठक के दौरान 2003 के कन्वेंशन के प्रावधानों के तहत यूनेस्को ने 'गुजरात के गरबा' को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है। यह बैठक बोत्सवाना के कसाने में 5 दिसंबर को शुरू हुई जो 9 दिसंबर, 2023 तक चलेगी।
गुजरात का गरबा नृत्य इस सूची में शामिल होने वाला भारत की 15वीं धरोहर (आईसीएच) है। यह उपलब्धि सामाजिक और लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने वाली एक एकीकृत शक्ति के रूप में गरबा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। एक नृत्य शैली के रूप में गरबा धार्मिक और भक्ति की जड़ों में गहराई से समाया हुआ है, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। गरबा समुदायों को एक साथ लाने वाली एक जीवंत परंपरा के रूप में विकसित हो रहा है। यह उपलब्धि हमारी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा, प्रचार और संरक्षण के प्रति भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की प्रतिबद्धता और प्रयासों पर प्रकाश डालती है।
केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि यूनेस्को की इस सूची में गरबा को शामिल किया जाना विश्व के सामने हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के अथक प्रयासों का प्रमाण है।
इस वर्ष 2003 कन्वेंशन के मूल्यांकन निकाय ने अपनी रिपोर्ट में, उत्कृष्ट सहायक सामग्री के साथ अपने डोजियर और एक ऐसे तत्व को नामांकित करने के लिए भारत की प्रशंसा की जो विविधता में एकता का समर्थन करता है और विभिन्न समुदायों के बीच सामाजिक समानता का भाव पैदा करता है। गुजरात की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर ‘गरबा’ को अपनी सूची में शामिल करने वाली यूनेस्को की यह स्वीकृति इसकी वैश्विक पहचान और प्रामाणिक सार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।
यूनेस्को के कई सदस्य देशों ने भारत को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। इस उल्लेखनीय अवसर का उत्सव मनाने के लिए, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के 8 नर्तकों के एक समूह ने यूनेस्को के बैठक स्थल पर गरबा नृत्य शैली का प्रदर्शन किया। भारत में, गुजरात सरकार इस उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए गुजरात के जिलों में कई क्यूरेटेड 'गरबा' कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
यूनेस्को 2003 कन्वेंशन के तहत इस सूचीबद्ध तंत्र का उद्देश्य अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की पहचान को बढ़ाना, इसके महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करने वाले संवाद को आगे ले जाना है। भारत को 2022 में 4 वर्षों के कार्यकाल के लिए आईसीएच 2003 कन्वेंशन की 24 सदस्यीय अंतर-सरकारी समिति (आईजीसी) का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था।
भारत के साथ-साथ, इस वर्ष की अंतर सरकारी समिति (आईजीसी) में अंगोला, बांग्लादेश, बोत्सवाना, ब्राजील, बुर्किना फासो, कोटे डी आइवर, चेकिया, इथियोपिया, जर्मनी, मलेशिया, मॉरिटानिया, मोरक्को, पनामा, पैराग्वे, पेरू, कोरिया गणराज्य, रवांडा, सऊदी अरब, स्लोवाकिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, उज्बेकिस्तान और वियतनाम शामिल हैं।