Indian Railways is continuously working for the improvement of the punctuality of the trains. With its continued effort, Indian Railways has succeeded in improving the Punctuality Performance in 2019-20 in comparison to 2018-19. The average of punctuality performance percentage from April to September in the financial year 2019-20 of Mail/Express trains has improved to 74.21% in comparison to 67.05% from April to September in the financial year 2018-19.
The punctuality performance percentage of the Passenger Trains of Indian Railways for the period of April to September in the financial year 2019-20 improved to 70.54% in comparison to 66.58% from April to September in the financial year 2018-19.
In order to improve the punctuality, Railways has taken numerous steps including:
- Rigorous monitoring at Divisional, Zonal and Railway Board levels.
- Removal of infrastructure bottlenecks in a planned manner.
- Integrated Mega Blocks are planned in such a way that all asset maintenance departments can do their work simultaneously.
- End to end running of some trains with diesel locomotives to avoid detention on account of loco changing from diesel to electric.
- Conversion of conventional rakes of Mail/Express trains (Integral Coach Factory rakes) into LHB (Linke Hofmann Busch) rakes.
- Rationalization of Time Table in order to make a group of similar speed trains.
- Curtailment of stoppage time at major terminals.
- Commissioning of 1st phase of Dedicated Freight Corridor.
- High capacity water pumps at watering stations to minimize detention on this account.
- Provision of Bye-pass stations to avoid engine reversal etc.
- Also, for attaining accuracy in punctuality data, the timing of arrival and departures are prominently being captured automatically through data-loggers. It is being monitored through dashboards – called “Rail Drishti” at highest level to promote punctuality.
भारतीय रेल की समय पाबंदी में सुधार
भारतीय रेल गाड़ियों की समय पाबंदी में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। इन प्रयासों के तहत 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में समय पाबंदी में बहुत सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में अप्रैल से सितंबर की अवधि में औसत समय पाबंदी सुधर कर 74.21 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अप्रैल से सितंबर की अवधि में यह 67.05 प्रतिशत थी।
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान पैसेंजर ट्रेनों में अप्रैल से सितंबर की अवधि में औसत समय पाबंदी सुधर कर 70.54 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अप्रैल से सितंबर की अवधि में यह 66.58 प्रतिशत थी।
समय पाबंदी में सुधार के लिए रेलवे ने अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
i. डिविजनल, जोनल और रेलवे बोर्ड के स्तर पर कड़ी निगरानी।
ii. योजनाबद्ध तरीके से अवसंरचना संबंधी अड़चनों को दूर करना।
iii. इंटीग्रेटेड मेगा ब्लॉक्स की योजना इस तरह बनाई गई है कि रखरखाव के सभी विभाग अपना-अपना काम एक साथ कर सकें।
iv. डीजल के इंजन को बिजली वाले इंजन से बदलने के क्रम में होने वाली देरी को समाप्त करने के लिए डीजल इंजन से चलने वाली कुछ गाड़ियों को शुरू होने वाले स्थान से गंतव्य तक चलाना।
v. मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) के पारम्परिक डिब्बों को एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) डिब्बों में बदलना।
vi. समान गति वाली गाड़ियों को एक समूह में लाने के लिए समय-सारणी को तर्कसंगत बनाना।
vii. प्रमुख टर्मिनलों पर ठहराव समय में कमी करना।
viii. समर्पित माल गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण।
ix. जलापूर्ति करने वाले स्टेशनों पर विलम्ब को कम करने के लिए वहां उच्च क्षमता वाले वॉटर पम्प लगाना।