पिता का साया उठा तो पढाई छोड़ दी, अब 1800 लोगों को बनाया डिजिटल साक्षर
बचपन में पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी के कारण पढाई छोडने वाली पार्वती अब तक 1800 लोगों को डिजिटल साक्षर बना चुकी है। गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुन्दर पिचाई, 27 सितम्बर को गूगल की स्थापना की 18वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पार्वती से मिले और उसके अनुभव ध्यान से सुने। धौलपुर जिले की सैंपऊ पंचायत समिति के सेवा का पुरा निवासी पार्वती जैसी 70 महिलाऎं जिले में इन्टरनेट सखी का कार्य कर रही हैं। गूगल और टाटा ट्रस्ट ने धौलपुर, अलवर और दौसा जिले की महिलाओं को इन्टरनेट सिखाकर इसका उपयोग रोजगार संवर्धन, ई-गवर्नेंस और महिला सशक्तिकरण के लिए करने के लिए प्रोजेक्ट चलाया। 10वीं पास पार्वती इन्टरनेट तो दूर अंग्रेजी भी नहीं जानती थी। तब बिना अंग्रेजी जाने इन्टरनेट का प्रयोग बड़ा मुश्किल था। दृढ इच्छा शक्ति से पार्वती ने इन्टरनेट भी सीखा और अंग्रेजी भी। मंजरी फाउण्डेशन ने भी इसमें मदद की। प्रारम्भिक ट्रेनिंग के बाद पार्वती सहित 70 इन्टरनेट सखियों को 2-2 स्मार्ट फोन और टेबलेट दिए गये जिनमें हाई स्पीड इन्टरनेट सुविधा है। प्रत्येक इन्टरनेट सखी 2-3 ग्राम पंचायत कवर करती है। पहले लोगों को इन्टरनेट का महत्व समझाने में बहुत दिक्कत आती थी अब लोग विशेषकर बालिकाऎं इसे सीखने के लिए खुद पार्वती से सम्पर्क करती हैं। स्मार्ट फोन से गांव के खराब हैण्डपम्प, सड़क, बन्द पड़ी आंगनबाड़ी की फोटो लेकर राजस्थान सम्पर्क समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने, जिला कलेक्टर शुचि त्यागी को व्हाट्स एप करने वालों की तादाद बढ रही है। कुछ महिलाओं ने इन्टरनेट से नवीनतम ब्यूटी टिप्स लेकर ब्यूटी पार्लर खोले हैं तो कई ने अपनी सिलाई -कढाई के कौशल को नई धार दी है। पार्वती से इन्टरनेट ज्ञान लेने वाले भरतसिंह इतना स्वादिष्ट चाऊमिन बनाते हैं कि बडे-बडे रेस्त्रां के शेफ रश्क करें । पार्वती अब तक 1800 लोगों को डिजिटल साक्षर बना चुकी है। जिले की सभी 70 इन्टरनेट सखियॉं कुल 82 हजार लोगों को इन्टरनेट का ज्ञान दे चुकी हैं जिनमें से ज्यादातर महिलाऎं हैं। धौलपुर, दौसा और अलवर की सफलता से उत्साहित होकर गूगल और टाटा ट्रस्ट ने इस अभियान को 7 अन्य राज्यों में शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इन्डिया के मिशन को साकार करने में पार्वती जैसी महिलाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। पार्वती मंगलवार को जिला प्रभारी सचिव अभय कुमार और जिला कलेक्टर शुचि त्यागी से मिली और सुन्दर पिचाई से मुलाकात के अनुभव साझा किए। उसने बताया कि इन्टरनेट विकास और सशक्तिकरण का बडा उपकरण है। यह गरीब और अमीर, साधनविहीन और साधनसम्पन्न के बीच की खाई को पाट रहा है।
Internet 'Sakhiyan' - Helping Rural Rajasthan in Digital Literacy
News Source
DIPR-Rajasthan