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Union Minister of Science and Technology and MoS PMO, Atomic Energy and Space, Dr Jitendra Singh personally witnessed the momentous occasion at Sriharikota, Andhra Pradesh; describes it as a new beginning in India’s Space journey, a turning point for India’s StartUp movement:
Soon after the successful launch of India's first ever private Rocket launch, Union Minister Dr Jitendra Singh, who was personally present at the launching site, in his very first reaction said , "Congratulations India! A new beginning in India's Space journey ! Thanks so very much PM Narendra Modi ji for making this effort possible by opening the Space sector to public-private-participation. A turning point for India's Start-Up movement! Kudos ISRO for a new feather in your much decorated hat".
The Minister says, this is a major milestone in the journey of ISRO, after Prime Minister Modi unlocked the Space Sector in 2020 for private participation
ISRO says, “Mission Prarambh is successfully accomplished”, while the Skyroot Aerospace said, “Vikram-S makes history as the first private rocket of India to grace the skies”
Indian Space Research Organisation (ISRO) made history today by launching successfully India’s maiden private Vikram-suborbital (VKS) rocket.
Union Minister of Science and Technology and MoS PMO, Atomic Energy and Space, Dr Jitendra Singh personally witnessed the momentous occasion from Sriharikota, Andhra Pradesh.
In his brief congratulatory address to the Team ISRO and Skyroot Aerospace, an Indian Space-Tech StartUp, Dr Jitendra Singh said, “A Historic landmark under PM Narendra Modi! A turning point for Indian Start-Ups! A new beginning for ISRO” as the first ever private Rocket “Vikram-S” is in Space.
Dr Jitendra Singh said, ISRO has added another feather in its glorious Space Journey, setting a new milestone in the 75 years history of independent India. The Minister said, the launch has put India among the frontline Space Powers of the World and many aspiring countries will look forward to take cues from Indian expertise. He described this as a major milestone after Prime Minister Narendra Modi had unlocked the Space Sector in India two years ago for private participation.
Dr Jitendra Singh informed that Vikram-S is a single stage fuel rocket meant to test most systems and processes in Skyroot Aerospace’s project ahead of the launch of Vikram-1 next year. He said, the rocket goes to the max altitude of 81.5 kilometres and splashes into the sea and the overall duration of launch is about 300 seconds only.
Dr Jitendra Singh said that Skyroot was the first StartUp to sign a MoU with ISRO for launching its rockets. He said, apart from being the nation's first private launch, it is also the maiden mission of Skyroot Aerospace, named “Prarambh”.
ISRO said in a statement that Mission Prarambh is successfully accomplished, while the Skyroot Aerospace said that Vikram-S makes history as the first private rocket of India to grace the skies. It carried a total of three payloads in space, including one from the foreign customers.
Later, addressing the media, Dr Jitendra Singh said, the ambitious dream for India that Dr Vikram Sarabhai, the first Chairman of ISRO and the founding father of India's Space Programme saw sitting in his primitive scientific set up, stands gloriously vindicated today.
Dr Jitendra Singh recalled that Dr Vikram Sarabhai always insisted on ISRO playing a meaningful role “nationally” and said it was a vindication that during the eight years of the Government led by Prime Minister Modi, the youth talent of India, which was waiting to be explored, got new outlets to give full play to their potential with a fiery zeal. He said, India was always having the huge talent pool and passion to dream big, but finally it was Modi who gave them a perfect outlet.
Dr Jitendra Singh said, Space reforms have unleashed innovative potentials of StartUps and within a short span of time, from a couple of Space Start-ups three -four years back, today we have 102 start-ups working in cutting-edge areas of space debris management, nano-satellite, launch vehicle, ground systems, research etc.
The Minister underlined that PM Modi has enabled India to earn universal recognition for India's science, technology, innovation capabilities and our StartUps are much sought after. The whole world is looking at India as an inspirational place, as it is helping budding countries in capacity building and satellite building including nanosatellites, he said.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने आकाश को सुशोभित करने के लिए भारत के पहले निजी विक्रम- सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके इतिहास रचा
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह व्यक्तिगत रूप से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इस महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बने; उन्होंने इसे भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत, भारत के स्टार्टअप आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में वर्णित किया है
भारत के पहले निजी रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जो कि प्रक्षेपण स्थल पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि, "बधाई हो भारत! भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत! बहुत बहुत धन्यवाद। सार्वजनिक-निजी-भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलकर इस प्रयास को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के स्टार्ट-अप आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़! इसरो को एक नई उपलब्धि के लिए बधाई।"
मंत्री महोदय ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा निजी भागीदारी के लिए 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के बाद, यह सफलता इसरो की यात्रा में एक बड़े कीर्तिमान की स्थापना है।
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) का कहना है कि "मिशन प्रारंभ फलतापूर्वक पूरा हुआ है", वहीं स्काईरूट एयरोस्पेस ने कहा कि "विक्रम-एस ने आकाश को सुशोभित करने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रच दिया हैI"
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज भारत के पहले निजी विक्रम-सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह व्यक्तिगत रूप से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इस महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बने।
टीम इसरो और एक भारतीय अंतरिक्ष- तकनीक स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस, को अपने संक्षिप्त बधाई भाषण में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कीर्तिमान की स्थापना! भारतीय स्टार्ट-अप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़! क्योंकि इसरो के लिए एक नई शुरुआत" के रूप में अब पहला निजी रॉकेट "विक्रम-एस" अंतरिक्ष में है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो ने स्वतंत्र भारत के 75 वर्षों के इतिहास में एक शानदार उपलब्धि प्राप्त करने के साथ ही अपनी गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा में एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। मंत्री महोदय ने कहा कि इस प्रक्षेपण ने भारत को दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में शामिल कर दिया है और कई महत्वाकांक्षी देश अब भारतीय विशेषज्ञता से प्रेरणा लेने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निजी भागीदारी के लिए दो साल पहले भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने (अनलॉक) करने के बाद एक प्रमुख उपलब्धि बताया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विक्रम-एस एक एकल चरण ईंधन (सिंगल स्टेज फ्यूल) रॉकेट है जो अगले साल विक्रम-1 के प्रक्षेपण (लॉन्च) से पहले स्काईरूट एयरोस्पेस की परियोजना में अधिकांश प्रणालियों और प्रक्रियाओं का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि रॉकेट अधिकतम 81.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाता है और उसके बाद समुद्र में गिर जाता है तथा प्रक्षेपण की कुल अवधि लगभग 300 सेकंड ही होती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए इसरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला स्टार्टअप था। उन्होंने कहा, कि देश का पहला निजी प्रक्षेपण (लॉन्च) होने के अलावा यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला मिशन भी है, जिसे "प्रारंभ" नाम दिया गया है।
इसरो ने एक वक्तव्य में कहा कि मिशन "प्रारंभ" सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, जबकि स्काईरूट एयरोस्पेस ने कहा कि विक्रम-एस ने आसमान को सुशोभित करने वाले भारत के पहले निजी रॉकेट के रूप में इतिहास रचा है। यह अपने साथ अंतरिक्ष में कुल तीन पेलोड ले गया, जिसमें एक विदेशी ग्राहकों का भी था।
बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत के लिए वह महत्वाकांक्षी सपना जो भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई ने अपनी प्रारम्भिक अत्यल्प संसाधनों वाली वैज्ञानिक व्यवस्था में बैठकर देखा था, आज शानदार ढंग से पूरा सिद्ध हुआ है ।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि डॉ. विक्रम साराभाई ने हमेशा इसरो से "राष्ट्रीय स्तर पर" एक सार्थक भूमिका निभाने पर जोर दिया और कहा कि यह एक प्रमाण है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आठ वर्षों के दौरान, भारत की युवा प्रतिभा, जिसका इंतजार किया जा रहा था कि वह अन्वेषण की, जोश के साथ अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए नए आउटलेट खोले। उन्होंने कहा, भारत में हमेशा विशाल प्रतिभा पूल और बड़े सपने देखने का जुनून था, लेकिन आखिरकार यह श्री मोदी ही थे जिन्होंने उन्हें एक आदर्श आउटलेट दिया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्ट अप्स की नवोन्मेषी क्षमताओं को उजागर किया है और तीन-चार साल पहले कुछ ही समय के भीतर, अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स की तुलना में आज हमारे पास अंतरिक्ष के अत्यंत प्रति-स्पर्धी मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण यान, भू– केंद्र प्रणालियों, अनुसंधान इत्यादि अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 102 स्टार्ट- अप्स हैं।
मंत्री महोदय ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी - नवाचार क्षमताओं के लिए सार्वभौमिक मान्यता अर्जित करने में सक्षम बनाया है और हमारे स्टार्ट-अप्स की बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भारत को एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है, क्योंकि यह क्षमता निर्माण और नैनो उपग्रहों सहित उपग्रह निर्माण में नवोदित देशों की सहायता भी कर रहा है।