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The Sports Ministry is all set to establish Khelo India State Centres of Excellence (KISCE) under the ministry’s flagship, Khelo India Scheme. One KISCE will be identified in each state and union territory, with an effort to create a robust sporting ecosystem in the entire country. In the first leg, the Ministry has identified state-owned sports facilities in eight states of India, including, Karnataka, Odisha, Kerala, Telengana and the north east states of Arunachal Pradesh, Manipur, Mizoram and Nagaland which will be upgraded into Khelo India State Centre of Excellence (KISCE).
Speaking about this initiative of strengthening sporting facilities in the states, Union Minister of Youth Affairs and Sports, Shri Kiren Rijiju said, “The Khelo India State Centre of Excellence are being established to strengthen India’s pursuit for excellence in Ölympics. Our effort is to scale up the best sporting facilities available in each state in India into academies of world-class standard, where athletes from all over the country will want to train in their specific discipline. The sporting facilities have been identified after in-depth analysis by a government committee. I am confident that this is a step in the right direction to tap talent from across the country and train them into elite athletes who can win medals for the country in all major international tournaments, and specifically the Olympics.”
The process of selection of these sports facilities was started in October 2019, when each state and UT was asked to identify the best sports infrastructure available with them, their agencies or any eligible agencies, which could be developed into a world-class sporting facilities. Of the 15 proposals received and examined, 8 have been shortlisted based on the training facilities available in priority sports, infrastructure facilities and champion produced by the centre.
In order to upgrade the existing centre to the KISCE, the government will extend a ‘Viability Gap Funding’ in sports science and technology support for sports disciplines practiced at the centre and also bridge the gaps in requirement of sports equipment, expert coaches and high performance managers. The support extended will be to Olympic sports, though support can be extended in sports science and allied fields in other sporting disciplines being run in the centre.
The state and UT will run the centre and build capacity to turn it into the world-class sporting facility, and will be responsible for all aspects of management of the centre including, boarding, lodging and maintenance, while funds for critical gaps such as expert coaches, support staff, equipment, infrastructure will be extended through the Khelo India Scheme.
The eight centres will be given a grant based on the actual amount finalised as per the requirement indicated after a comprehensive gap analysis study. In a bid to broad-base talent identification, the states and UTs will also identify and develop talent in each sport for which funding is received at the centre. The Sports Authority of India will extend expertise, resources and a monitoring system to ensure that the level of performance of the athletes improve to international standards.
In the first batch, the following sporting facilities will be upgraded to Khelo India State Centre of Excellence:
Sangey Lhaden Sports Academy, Itanagar, Arunachal Pradesh
Jaiprakash Narayan National Youth Center, Bangalore, Karanataka
GV Raja Sr. Secondary Sports School, Thiruvananthapuram, Kerala
Khuman Lampak Sports Complex, Imphal, Manipur
Rajiv Gandhi Stadium, Aizawl, Mizoram
State Sports Academy, IG Stadium, Kohima, Nagaland
Kalinga Stadium, Bhubaneshwar, Odisha
Regional Sports School, Hakimpet, Telangana.
खेल मंत्रालय ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करेगा
मंत्रालय ने पहले चरण में आठ राज्यों में सरकार के स्वामित्व वाली खेल सुविधाओं को चिन्हित किया
खेल मंत्रालय अपनी फ्लैगशिप खेलो इंडिया योजना के तहत खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) की स्थापना के लिए पूरी तरह तैयार है। पूरे देश में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रयासों के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में ऐसा एक सेंटर चिन्हित किया जाएगा। पहले चरण में, मंत्रालय ने आठ राज्यों, कर्नाटक, ओडिशा, केरल और तेलंगाना तथा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में सरकारी स्वामित्व वाले ऐसे खेल सुविधा केन्द्रों की पहचान की है जिन्हें खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेड किया जाएगा।
राज्यों में खेल सुविधाओं को मजबूत करने की इस पहल के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि खेलों में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए खेलो भारत राज्य उत्कृष्टता केंद्रों (केआईएससीई) की स्थापना की जा रही है। मंत्रालय का प्रयास भारत में प्रत्येक राज्य में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ खेल सुविधाओं को विश्वस्तरीय खेल अकादमियों में तब्दील करना है जहां देश भर से आने वाले एथलीट अपने अपने खेलों में बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। श्री रिजिजू ने कहा कि एक सरकारी समिति द्वारा गहन विश्लेषण के बाद इन खेल सुविधाओं की पहचान की गई है। विश्वास है कि इसके माध्यम से देश भर में खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित करने का काम किया जा सकेगा जिससे वे सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं विशेष रूप से ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीत सकें।
इन खेल सुविधा केन्द्रों के चयन की प्रक्रिया अक्टूबर 2019 में शुरू हुई थी जब प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को उनके यहां उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ खेल अवसंरचनाओं या ऐसी एजेंसियों की पहचान करने का काम सौंपा गया था जिन्हें विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं में विकसित किया जा सकता था। इस बारे में सरकार को कुल 15 खेल सुविधा केन्द्रों के बारे में प्रस्ताव मिले थे जिनपर विचार के बाद इनमें से 8 केन्द्रों को चुना गया। इनका चुनाव वहां प्राथमिकता वाले खेलों के लिए उपलब्ध प्रशिक्षण सुविधाओं, आवश्यक बुनियादी अवसंरचना तथा वहां से बनकर निकले प्रतिभावान खिलाड़ियों के आधार पर किया गया।
चयनित मौजूदा केन्द्रों को उत्कृष्टता वाले केन्द्रों में तब्दील करने के लिए सरकार इन केंद्र में जिन खेलों के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है उन खेलों के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी आवश्यकताओं तथा प्रशिक्षकों की नियुक्ति और जरुरी उपकरणों की आपूर्ति के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी। हालांकि ऐसी मदद विशेष रूप से ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए ही की जाएगी लेकिन केन्द्र में खेल विज्ञान तथा उससे संबधित अन्य खेल गतिविधियों के लिए भी ऐसी मदद दी जाएगी।
राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश इन केन्द्रों को चलाएंगे और इनकी क्षमता बढ़ाकर इन्हें विश्व स्तरीय खेल सुविधा केन्द्रों में बदलने का काम करेंगे। इन केन्द्रों के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इन्ही पर होगी। खिलाड़ियों के रहने और खाने की सुविधा आदि का काम भी इन्हें ही देखना होगा। हालांकि विशेषज्ञ कोच , सहायक कर्मचारियों, उपकरण तथा आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिए कम पड़ने वाली वित्तीय जरुरतों को खेलो इंडिया योजना के जरिए पूरा किया जाएगा।
चयनित आठ केन्द्रों को एक व्यापक विश्लेषण के बाद इंगित की गई आवश्यकता के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। व्यापक-आधार पर खेल प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश उन खेलों के लिए प्रतिभाओं की पहचान करेंगे जिनके लिए केन्द्र की ओर से आर्थिक मदद की व्यवस्था की गई है। भारतीय खेल प्राधिकरणअपनी ओर से इन केंद्रों के लिए विशेषज्ञता, संसाधनों और एक निगरानी प्रणाली की व्यवस्था करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन केन्द्रों में प्रशिक्षिण लेने वाले एथलीटों के प्रदर्शन में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुधार हुआ है।
पहले चरण में, निम्नलिखित खेल सुविधा केन्द्रों को खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील किया जाएगा:
संगी लाहेन खेल अकादमी, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश
जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय युवा केंद्र, बेंगलुरू, कर्नाटक
जी वी राजा सीनियर सेकेंडरी स्पोर्ट्स स्कूल, तिरुवनंतपुरम, केरल
खुमान लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, इंफाल, मणिपुर
राजीव गांधी स्टेडियम, आइजोल, मिजोरम
स्टेट स्पोर्ट्स अकादमी, आईजी स्टेडियम, कोहिमा, नागालैंड
कलिंग स्टेडियम, भुवनेश्वर, ओडिशा
रीजनल स्पोर्ट्स स्कूल, हकीमपेट, तेलंगाना।