इस समाचार को हिन्दी में पढ़े आगे...
‘Jadui Pitara’ -a play-based learning-teaching material tailored for children between the age group of 3-8 years – developed under the National Curriculum Framework is available in 13 Indian languages - Shri Dharmendra Pradhan
Shri Dharmendra Pradhan urges NCERT to leverage technology to translate the materials in the ‘Jadui Pitara’ in mother tongue
As envisaged under National Education Policy 2020, Union Education Minister Shri Dharmendra Pradhan launched Learning - Teaching Material for Foundational Stage in presence of Minister of Education, Smt Annapurna Devi and Dr. K Kasturirangan, Chairman, National Steering Committee on National Curriculum Framework in New Delhi today.
Speaking on the occasion Shri Pradhan said that today is a historic day in making the learning landscape more vibrant. In line with the vision of Prime Minister Shri Narendra Modi, ‘Jadui Pitara’ -a play-based learning-teaching material tailored for children between the age group of 3-8 years has been launched today.
Shri Pradhan highlighted that ‘Jadui Pitara’ comprising of playbooks, toys, puzzles, posters, flash cards, story books, worksheets as well as reflecting the local culture, social context and languages is designed to pique curiosity and accommodate the diverse needs of learners in the foundational stage. He also informed that ‘Jadui Pitara’ developed under the National Curriculum Framework is available in 13 Indian languages. It is a giant leap towards enriching the learning-teaching environment and making it more child-centric, lively and joyful for the Amrit Generation as envisioned in the NEP 2020.
The Minister urged NCERT as a national think-tank must leverage technology to translate the materials in the ‘Jadui Pitara’ in all Indian languages and endeavour to expand its reach as well as make it available to all SCERTs for transforming early childhood care & education scenario of our country. These resources should be made digitally available on DIKSHA platform - portal and mobile app. All Foundational Learning material should be in mother tongue, the Minister added. NCERT has developed trainers handbook mapping to panch koshiya vikash and curricular goals of NCF-FS for future training of teachers at Foundational Stage.
The National Education Policy 2020 envisages 5+3+3+4 curriculum pedagogical structure. The Department of School Education & Literacy under Ministry of Education has constituted a National Steering Committee headed by Prof. K. Kasturirangan to develop the National Curriculum Framework for each of the stages. The NCF for foundational stage (FS) was launched by Ministry of Education on 20th October, 2022 and as per the curriculum framework, NCERT has developed and collected Learning Teaching Material (LTM). Accordingly, "Learning Teaching Material" for foundational stage was launched today using the concept of "Jaadui Pitara". It is expected to bring NEP and NCF-FS to practice, in the hands of teachers and students.
The salient points of "Jaadui Pitara" are as follows:-
- CORE transformative aspect of NCF-FS - 'learn through Play'
- Foundational Stage - ages 3-8- learn best and effectively through Play
- Research from fields as diverse as Neurosciences to Education
- Applies to Class 1 & 2 also (age 6-8) - huge shift - children will learn through play, have fun, and FLN will be addressed.
- Learning and Development in 5 domains: Physical Development, Socio-emotional and Ethical Development, Cognitive Development, Language and Literacy Development, Aesthetic and Cultural Development, Positive Learning Habits has been included as another domain of development at this stage.
- To enable play :
- A wide range of resources to be used for learning and teaching NOT only books
- Toys, Puzzles, Puppets
- Posters, Flash cards
- Worksheets and attractive books
- Local environment, context, and community
- Rooted in life, local context and India
- Jaadui Pitara brings all this to life:
- Range of resources
- Flexibility to accommodate variety and local resources
- Fun
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यथा परिकल्पित बुनियादी चरण के लिए शिक्षण-अध्यापन सामग्री का शुभारंभ
‘जादुई पिटारा’ 3 से 8 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए तैयार की गई खेल-आधारित शिक्षण-अध्यापन सामग्री है-
राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा के तहत विकसित 'जादुई पिटारा' 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है- श्री धर्मेंद्र प्रधान
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनसीईआरटी से मातृभाषा में 'जादुई पिटारा' में सम्मिलित सामग्री का अनुवाद कराने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का आग्रह किया
जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पना की गई थी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा पर राष्ट्रीय संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन की उपस्थिति में आज नई दिल्ली में बुनियादी चरण के लिए शिक्षण-अध्यापन सामग्री का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि सीखने के परिदृश्य को और अधिक जीवंत बनाने के लिए आज का यह दिन एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के अनुरूप 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षण-अध्यापन सामग्री 'जादुई पिटारा' आज लॉन्च की गई है।
श्री प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की किताबें, वर्कशीट के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को मिलाकर बना 'जादुई पिटारा' जिज्ञासा को बढ़ाने और लोगों की विविध आवश्यकताओं को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के तहत विकसित 'जादुई पिटारा' 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। यह सीखने-सिखाने के माहौल को समृद्ध करने और अमृत पीढ़ी के लिए इसे और अधिक बाल-केंद्रित, जीवंत और आनंदमय बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है जैसा कि एनईपी 2020 में परिकल्पना की गई है।
मंत्री महोदय ने एक राष्ट्रीय विचार मंच (थिंक-टैंक) के रूप में एनसीईआरटी से आग्रह किया कि सभी भारतीय भाषाओं में 'जादुई पिटारा' में सम्मिलित सामग्री का अनुवाद करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए और इसकी पहुंच का विस्तार करने के साथ-साथ इसे सभी एससीईआरटी को बचपन में देखभाल और हमारे देश के शिक्षा परिदृश्य में बदलाव के लिए उपलब्ध कराना चाहिए। इन संसाधनों को डिजिटल रूप से दीक्षा प्लेटफॉर्म-पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मंत्री महोदय ने कहा कि सभी बुनियादी शिक्षण सामग्री मातृभाषा में होनी चाहिए। एनसीईआरटी ने प्रशिक्षकों की हैंडबुक मैपिंग से लेकर फाउंडेशनल स्टेज पर शिक्षकों के भविष्य के प्रशिक्षण के लिए एनसीएफ-एफएस के लक्ष्यों के लिए पंच कोषीय विकास और पाठ्यक्रम विकसित किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 5+3+3+4 पाठ्यक्रम शैक्षणिक संरचना की परिकल्पना की गई है। शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने प्रत्येक चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने के लिए प्रो. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुनियादी चरण (एफएस) के लिए 20 अक्टूबर, 2022 को एनसीएफ की शुरुआत की गई थी और पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार, एनसीईआरटी ने अध्ययन शिक्षण सामग्री (एसटीएम) विकसित और एकत्र की है। तदनुसार, बुनियादी चरण के लिए "अध्ययन-शिक्षण सामग्री" की "जादुई पिटारा" की अवधारणा का उपयोग करते हुए आज शुभारंभ किया गया। शिक्षकों व छात्रों के एनईपी और एनसीएफ-एफएस को व्यवहार में लाने की उम्मीद है।
‘जादुई पिटारा’ की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं: -
- एनसीएफ-एफएस का प्रमुख परिवर्तनकारी पहलू– ‘खेलते हुए सीखें’
- बुनियादी चरण – उम्र 3-8 साल – खेलते हुए सर्वोत्तम और प्रभावकारी ढंग से सीखें
- न्यूरोसाइंस से लेकर शिक्षा तक विविध क्षेत्रों में अनुसंधान
- कक्षा 1 और 2 पर भी लागू (उम्र 6-8 साल) - बड़ा बदलाव- बच्चे खेलते, मजे करते हुए सीखेंगे, और एफएलएन संभव हो पाएगा।
- 5 क्षेत्रों में सीखना और विकास: शारीरिक विकास, सामाजिक-भावनात्मक व नैतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा एवं साक्षरता विकास, सुरुचिपूर्ण एवं सांस्कृतिक विकास, सीखने की सकारात्मक आदतों को इस चरण में विकास के एक अन्य क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है।
- खेलना सुनिश्चित करने के लिए :
- केवल किताबें ही नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने के लिए अनगिनत संसाधनों का उपयोग किया जाना है
- खिलौने, पहेलियां, कठपुतलियां
- पोस्टर, फ्लैश कार्ड
- वर्कशीट्स और आकर्षक किताबें
- स्थानीय परिवेश, संदर्भ और समुदाय
- आम जीवन, स्थानीय संदर्भ और भारत में निहित
- जादुई पिटारा में ये सभी समाहित हैं:
- विभिन्न संसाधन
- विविधता और स्थानीय संसाधनों को समायोजित करने का लचीलापन
- आमोद-प्रमोद
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के सचिव श्री संजय कुमार ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी, निदेशक, एनसीईआरटी ने जादुई पिटारा की व्यापक विशेषताओं और बुनियादी चरण में छात्रों एवं शिक्षकों के लिए इसकी उपयोगिता पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, एनसीईआरटी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।