Minister of State(I/C) for Housing & Urban Affairs, Hardeep S Puri, has informed that out of a validated demand of 1.12 Cr houses in urban areas, 1 Cr houses have already been sanctioned. Further, a total of 57 Lakh houses are in various stages of construction of which, nearly 30 Lakh houses have been completed. Compared to the earlier JnNURM scheme, PMAY (U) has achieved 10 times more in a span of 4.5 years, whereas the earlier scheme had taken 10 years to achieve a significantly less number. Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban), [PMAY (U)], is one of the largest affordable housing programmes in the world.
Secretary, Ministry of Housing & Urban Affairs has informed that the Mission has covered a range of social groups which comprises of around 5.8 Lakh senior citizens, 2 Lakh construction workers, 1.5 Lakh domestic workers, 1.5 Lakh artisans, 0.63 Lakh differently-abled (Divyang), 770 transgender and 500 leprosy patients as of now. Empowerment of women is an inbuilt design of the scheme where the ownership of the house is in the name of female head of household or in the joint name.
In addition to this, the construction activity under the scheme has had a huge impact on the other sectors of the economy with a multiplier effect in employment generation. Approximately around 1.20 Cr employment has been generated through forward and backward linkages with about 250 auxiliary industries like, steel, brick kilns, cement, paint, hardware, sanitary etc.
Due to investment being made in the scheme, around 568 lakh metric tonne of cement would be required for sanctioned houses; out of which 178 lakh metric ton of cement has already been consumed through completed houses. Around 130 lakh tonne of steel is required for the sanctioned houses; around 40 lakh ton of steel has already been consumed in the completed houses. It also has an impact on livelihood, transport sector, skill development, horticulture, landscape development sector etc.
The Ministry has launched angikaar- a campaign for change management. The campaign address and enables beneficiaries to adapt to life transformation that comes with shifting to a newly constructed house. The campaign has also converged with other government schemes like Ayushman Bharat and Ujjawala so that beneficiaries can avail the benefits of these schemes. Currently more than 12 lakh households have been covered through this campaign which is ongoing and will conclude on January 26th 2020.
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक मकान स्वीकृत
आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया है कि शहरी क्षेत्रों में 1.2 करोड़ मकानों की वैधानिक मांगों में से एक करोड़ मकानों को पहले ही स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा 57 लाख मकान निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और लगभग 30 लाख मकानों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। पूर्ववर्ती जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरणीय मिशन योजना की तुलना में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की उपलब्धि 10 गुना रही है। यह उपलब्धि लगभग साढ़े चार वर्षों में प्राप्त की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसके तहत सस्ती दरों पर मकान उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि इसके दायरे में कई सामाजिक समूह आते हैं, जिनमें लगभग 5.8 लाख वरिष्ठ नागरिक, 2 लाख निर्माण मजदूर, 1.5 लाख घरेलू कामगार, 1.5 लाख दस्तकार, 0.63 लाख दिव्यांगजन, 770 ट्रांसजेंडर और 500 कुष्ठरोगी शामिल हैं। योजना में महिला सशक्तिकरण का विशेष ध्यान रखा गया है, जिसके तहत किसी महिला के नाम से मकान लेने पर सुविधा दी जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में कुल निवेश 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जिनमें से 1.5 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के रूप में हैं। अब तक 60 हजार करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक घर के लिए एक लाख से 2.67 लाख रुपये का योगदान कर रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 1.2 करोड़ रोजगारों का सृजन हुआ है। इसके अलावा लगभग 568 लाख लाख मीट्रिक टन सीमेंट की खपत होने का अनुमान है, जिनमें से 178 लाख मीट्रिक टन सीमेंट की खपत हो चुकी है। इसी तरह लगभग 130 लाख मीट्रिक टन इस्पात की खपत का अनुमान है, जिसमें से 40 लाख मीट्रिक टन इस्पात की खपत हो चुकी है।
मंत्रालय ने जीवन में परिवर्तन लाने के सम्बंध में ‘अंगीकार’ योजना भी शुरू की है, ताकि नए निर्मित मकानों में रहने वाले लाभार्थियों को लाभ प्राप्त हो सके। इस अभियान को आयुष्मान भारत और उज्ज्वला योजनाओं से भी जोड़ा गया है। अब तक इस अभियान के जरिये 12 लाख से अधिक घरों को जोड़ा जा चुका है। यह प्रक्रिया सतत रूप से चालू है और यह 26 जनवरी, 2020 तक पूरी हो जाएगी।