NITI Aayog Releases ‘Vision 2035: Public Health Surveillance In India’

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NITI Aayog on Monday released a white paper: Vision 2035: Public Health Surveillance in India with the vision:

  • To make India’s public health surveillance system more responsive and predictive to enhance preparedness for action at all levels.
  • Citizen-friendly public health surveillance system will ensure individual privacy and confidentiality, enabled with a client feedback mechanism.
  • Improved data-sharing mechanism between Centre and states for better disease detection, prevention, and control.
  • India aims to provide regional and global leadership in managing events that constitute a public health emergency of international concern.

The white paper was released by NITI Aayog Vice Chairman Dr Rajiv Kumar; Member (Health) DrVinod K Paul; CEO Amitabh Kant; and Additional Secretary DrRakesh Sarwal.

‘Vision 2035: Public Health Surveillance in India’is a continuation of the work on health systems strengthening. It contributes by suggesting mainstreaming of surveillance by making individual electronic health records the basis for surveillance. Public health surveillance (PHS) is an important function that cuts across primary, secondary, and tertiary levels of care. Surveillance is ‘Information for Action’.

The Covid-19 pandemic has provided us with an opportunity to revisit (re) emerging diseases due to increased interaction between human-animal-environment. Early identification of this interference is essential to break the chain of transmissions and create a resilient surveillance system. This vision document is a step in that direction, it articulates the vision and highlights the building blocks. It envisions a citizen-friendly public health system, which will involve stakeholders at all levels, be it individual, community, health care facilities or laboratories, all while protecting the individual’s privacy and confidentiality.’

The white paper lays out India’s vision 2035 for public health surveillance through the integration of the three-tiered public health system into Ayushman Bharat. It also spells out the need for expanded referral networks and enhanced laboratory capacity. The building blocks for this vision are an interdependent federated system of governance between the Centre and states, a new data-sharing mechanism that involves the use of new analytics, health informatics, and data science including innovative ways of disseminating ‘information for action’.

The paper released today is envisagedto serve as a vision document to propel public health surveillance in Indiaand establish India as a global leader in the area.

The full document can be accessed here: https://niti.gov.in/sites/default/files/2020-12/PHS_13_dec_web.pdf

नीति आयोग ने ‘विजन 2035 : भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी’ श्‍वेत पत्र जारी किया

नीति आयोग ने सोमवार को ‘विजन 2035 : भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी’ नाम से एक श्‍वेत पत्र जारी किया। इसका लक्ष्‍य है :-

·         भारत की जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी प्रणाली को अधिक प्रतिक्रियाशील और भविष्‍योन्‍मुखी बनाकर हर स्‍तर पर कार्रवाई करने की तैयारी को बढ़ाना।

·         नागरिकों के अनुकूल जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी प्रणाली ग्राहक फीडबैक तंत्र तैयार कर व्‍यक्ति की निजता और गोपनीयता को सुनिश्चित करेगी।

·         केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच बीमारी की पहचान, बचाव और नियंत्रण को बेहतर बनाने के लिए एक संशोधित आंकड़ा भागीदारी तंत्र बनाएगी।

·         ऐसी जन स्‍वास्‍थ्‍य आपदा जिसपर अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चिंता पैदा होती है, के प्रबंधन के लिए भारत क्षेत्रीय और वैश्विक नेतृत्‍व प्रदान करने का लक्ष्‍य रखता है।

यह श्‍वेत पत्र नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार, सदस्‍य (स्‍वास्‍थ्‍य) डॉ. विनोद के.पॉल, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत और अतिरिक्‍त सचिव डॉ. राकेश सरवाल ने जारी किया।

यह ‘विजन 2035 : भारत में जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी’ स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए किये जा रहे कार्य की ही अगली कड़ी है।

यह व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड को निगरानी का आधार बनाकर यह सुझाव देती है कि निगरानी किस तरह की जाए। जन स्वास्थ्य निगरानी वह महत्वपूर्ण कार्य है जो प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर देखभाल मुहैया कराता है। निगरानी ‘कार्रवाई के लिए सूचना’ देती है।

कोविड -19 महामारी ने हमें वह अवसर प्रदान किया है, जिसमें मानव-पशु-पर्यावरण के बीच बढ़ते सम्‍पर्क के चलते बीमारियों के उभरने पर ध्‍यान दिये जाने की जरूरत है। इस सम्‍पर्क की शीघ्र पहचान संक्रमण के फैलाव की श्रृंखला को तोड़ने के लिए और एक लचीली निगरानी व्‍यवस्‍था बनाने के लिए जरूरी है, यह विज़न दस्‍तावेज इसी दिशा में एक कदम है। यह विजन को स्पष्ट करता है और इसके रास्‍ते में आने वाले अवरोधों को रेखांकित करता है। यह एक नागरिकों के अनुकूल जन स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था की परिकल्‍पना करता है, जिसमें सभी स्तरों पर सभी हितधारकों को चाहे वह एक व्यक्ति हो, समुदाय हो, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं या प्रयोगशालाएं हों, व्‍यक्ति की निजता और गोपनीयता को सुरक्षित रखते हुए शामिल करता है।

यह श्वेत पत्र त्रिस्‍तरीय जन स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को आयुष्‍मान भारत की परिकल्‍पना में शामिल करते हुए जन स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी के लिए भारत के विजन 2035 को पेश करता है। यह एक विस्तारित रेफरल नेटवर्क और प्रयोगशालाओं की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता भी बताता है। इस परिकल्‍पना का मुख्‍य अंग केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासन की परस्‍पर निर्भर संघीय व्‍यवस्‍था है, जिसके तहत नए विश्‍लेषण, स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जानकारी और आंकड़ा विज्ञान का इस्‍तेमाल करके नया आंकड़ा भागीदारी तंत्र बनाना है, जिसमें कार्रवाई के लिए 'सूचना का प्रसार करने के नये तरीके' शामिल हों।

आज जारी इस श्‍वेत पत्र का उद्देश्‍य भारत में जन स्वास्थ्य निगरानी को बढ़ाने के लिए एक विजन दस्‍तावेज पेश करना और भारत को इस क्षेत्र और विश्‍व में नेता के तौर पर स्थापित करना है।

पूरा दस्तावेज़ https://niti.gov.in/sites/default/files/2020-12/PHS_13_dec_web.pdf लिंक पर देखा जा सकता है।

News Source
PIB Release

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