When no government help came tribals of Kheda village decided to build a lake on their own. And they did this in just 33 days. The population of the village is around 3000. Even ladies and children participated in the 'shramdan'. The lake can store about 24 cr litres of water.
ग्राम खेड़ा में खेतों की सिंचाई के लिए आदिवासियों को अब किसी का मुंह नहीं देखना पड़ेगा और मवेशियों की प्यास भी आसानी से बुझ सकेगी। सरकार का रास्ता देखने की बजाय उन्होंने 33 दिन पसीना बहाया और तालाब तैयार कर लिया।
शिवगंगा संस्था के हलमा कार्यक्रम के तहत श्रमदान कर बनाए इस तालाब पर 10 लाख रुपए खर्च आया है, जो संस्था ने अपने कोष से खर्च किया है। लगभग 100 मीटर लंबे, 30 फीट ऊंचे और 24 करोड़ लीटर क्षमता वाले इस तालाब को बनाने का निर्णय ग्रामीणों ने काफी पहले ही ले लिया था। 33 दिन पहले काम शुरू होते ही, महिलाओं और बच्चों ने बड़े-बड़े पत्थर एक-दूसरे के हाथ में थमाए व तालाब की पाल पर जमाना शुरू कर दिया।
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