In exercise of the power conferred under sub-section (1) of section 83 on the Mines Act, 1952 (35 of 1952), the Central Government hereby exempts the women employed in any mine above ground and in any mine below ground from the provisions of section 46 of the Mines Act, 1952, subject to the following conditions, namely:-
(a) In the case of women employed in any mine above ground,-
- The owner of a mine may deploy women between the hours of 7 pm and 6 am in the mine above ground including opencast workings;
- the deployment of women shall be after obtaining the written consent of the concerned woman employee;
- the women so deployed shall be provided with adequate facilities and safeguards regarding occupational safety, security and health;
- the deployment of women shall be subject to the framing and implementation of Standard Operating Procedures on the basis of the guidelines issued in this regard by the Chief Inspector of Mines from time to time;
(v) the deployment of women shall be in a group of not less than three in a shift.
(b) in the case of women employed in any mine below ground,-
- the owner of a mine may deploy women between the hours of 6 am and 7 pm in technical, supervisory and managerial work where continuous presence may not be required.
(ii) the deployment of women shall be after obtaining the written consent of the concerned woman employee;
- the women so deployed shall be provided with adequate facilities and safeguards regarding occupational safety, security and health;
- the deployment of women shall be subject to the framing and implementation of Standard Operating Procedures on the basis of the guidelines issued in this regard by the Chief Inspector of Mines from time to time;
- the deployment of women shall be in a group of not less than three.
The Mines Act, 1952, restricted the employment of women in underground mines and also in opencast or above ground workings of the mine during night hours between 7PM and 6AM. Several women employees groups, industry and students enrolled with various institutions pursuing mining engineering courses at degree and diploma levels have been representing to the government at different forum that women should be provided equal employment opportunity for working in mines. Requests from Mining Companies were also received. Ministry of Labour & Employment has taken a decision in line with the recommendations of the Section 12 committee set up under Mines Act, 1952 and in consultation with Ministry of Home Affairs, Ministry of Women and Child Development, Ministry of Mines, Ministry of Coal and Ministry of Petroleum and Natural Gas to allow the employment of women in above ground mines including opencast workings between 7PM and 6AM to all categories of employees and in below ground working between 6 AM and 7 PM in technical, supervisory and managerial work where continuous presence may not be required vide Gazette Notification No. 393 ( S.O. 506(E)) dated 29 January 2019. The safeguards like obtaining the written consent of the women employee, deployment in groups of not less than three (03) and provisions for framing and implementation of Standard Operating Procedures on the basis of the guidelines issued in this regard by the Chief Inspector of Mines, have been incorporated.
अब खदानों में महिलाओं को रोजगार के समान अवसर
खान अधिनियम, 1952 की धारा 83 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने निम्नलिखित शर्तों के तहत खान अधिनियम, 1952 की धारा 46 के प्रावधानों से महिलाओं को जमीन के ऊपर या जमीन के नीचे स्थित खदान में रोजगार प्रदान करने की छूट दी है:-
- जमीन के ऊपर स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में-
- खदान का मालिक महिलाओं को रात्रि 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक की कार्य अवधि प्रदान कर सकता है।
- महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी।
- ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी।
- मुख्य खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी।
- कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी।
- जमीन के नीचे स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में-
- खदान-मालिक महिलाओं को प्रात: 6 बजे से सायं 7 बजे तक तकनीकी, निरीक्षण और प्रबंधकीय कार्य सौंप सकता हैं जहां निरंतर उपस्थिति की आवश्यकता न हो।
- महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी।
- ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी।
- मुख्य खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी।
- कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी।
खान अधिनियम, 1952 में जमीन के ऊपर या नीचे स्थित खदानों में महिलाओं को सायं 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक रोजगार देना प्रतिबंधित था। विभिन्न महिला कामगार समूह, उद्योग जगत और इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सरकार से समय-समय पर यह मांग की थी कि खदानों में कार्य करने के लिए महिलाओं को भी रोजगार के समान अवसर दिए जाने चाहिए। खान कंपनियों ने भी इस संबंध में अनुरोध किया था। खान अधिनियम, 1952 की धारा 12 के तहत गठित समिति की अनुशंसाओं तथा गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खान मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के परामर्श के आधार पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने गजट अधिसूचना संख्या 393 (एसओ 506 (ई)), दिनांक 29 जनवरी, 2019 के द्वारा जमीन के ऊपर स्थित खदानों में सायं 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक और जमीन के नीचे स्थित खदानों में प्रात: 6 बजे से सायं 7 बजे तक महिलाओं को तकनीकी, निरीक्षण संबंधी और प्रबंधकीय कार्यों में रोजगार देने की अनुमति प्रदान की है, जहां निरंतर उपस्थिति की आवश्यकता न हो।