चौबीस वर्षीय शैतान सिंह को कौशल प्रशिक्षण सीखकर रोजगार की नई राह मिल गई। आज वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया है तथा आत्मनिर्भर होकर वह गांव के अन्य युवाओं को अपना हुनर विकसित करने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में प्रशिक्षण सीखने के लिए प्रेरित करता है।
पाली जिले के जैतारण कस्बे के शैतान सिंह ने ब्यावर से स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिल पा रही थी। उसके माता पिता ने उसे नौकरी करने के लिए कहा जिससे वो घर की आर्थिक तंगी दूर करने में उनकी मदद कर सके। लेकिन वो असहाय था क्योंकि उसके पास कोई तकनीकी शिक्षा भी नहीं थी जिससे वो रोजगार प्राप्त कर सके।
इसी दौरान वह अपने गांव के कुछ युवाओं के संपर्क में आया जिन्होंने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आएसएलडीसी) में कौशल प्रशिक्षण का कोर्स किया हुआ था। उन्होंने उसे बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित ये सभी कोर्स निशुल्क है तथा युवाओं में हुनर विकसित करते हैं जिससे वो रोजगार प्राप्त कर सकें। यह सुनकर उसने तुरन्त ही आएसएलडीसी के कार्यालय में संपर्क किया। उसने वहां पर ऑफिस असिस्टेंट के कोर्स में अपना पंजीकरण करवाया। वहां उसने प्रशिक्षण में अत्यधिक रुचि ली तथा कड़ी मेहनत से अपना प्रशिक्षण कोर्स सफलता पूर्वक पूरा किया।
खुशी से वह कहता है कि प्रशिक्षण के तुरन्त बाद ही वह अन्नपूर्णा माइक्रो फाइनेन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में इंटरव्यू के लिए गया तथा उसका वहां फील्ड क्रेडिट ऑफिसर के पद पर चयन हो गया। उसका वेतनमान 19 हजार 600 रुपये तय किया गया। उसे विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि उसे भी इतना वेतन मिल सकता है। आज वह अपने घर का अच्छे से ख्याल रख पा रहा है। उसके परिवार के सभी लोग खुश है तथा उसकी सफलता का श्रेय राज्य सरकार तथा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम को देते है जिन्होंने उन लोगों की जिन्दगी में खुशियों की बौछारें ला दी तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़े रहने के लिए आर्थिक सम्बल प्रदान किया।
A Success Story of Skill Development Training From Rajasthan
News Source
DIPR Rajasthan