पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए राष्ट्र-व्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच किया गया (English news given below)
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने आज पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से पंचायतों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता सृजन के लिए व्यापक मॉड्यूल और पूरे देश में महिला पंचायत नेताओं के प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच किया। महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राजमंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रांची में प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता और शासन संचालन और कौशल बढ़ाना है ताकि गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चले।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने झारखंड की चुनिंदा महिला प्रशिक्षकों / महिला सरपंचों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये कहा कि पंचायत संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद निर्वाचित महिला प्रतिनिधि काम में कारगर नहीं है क्योंकि उन्हें प्रशासन का ज्ञान और कौशल नहीं है और उनकी ओर से उनके पति कार्य करते हैं।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि दिए गए कार्यों को जिम्मेदारी से पूरा करेंगी। महिला और बाल विकास मंत्री ने बताया कि इसी कारण से उनके मंत्रालय ने महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देश-व्यापी कार्यक्रम चलाया। यह कार्यक्रम इंजीनियरिंग (सड़क, नाली, शौचालय आदि निर्माण), वित्त, सामाजिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने के लिए है। इसीतरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अनेक नई योजनाएं लांच की गई हैं जो शोषित और वंचित लोगों के लाभ के लिए हैं। उन्होंने कहा कि महिला सरपंचें इन योजनाओं को लोगों तक ले जाने में मददगार साबित होंगी। इन योजनाओं में फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सुरक्षा बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और मातृत्व लाभ योजना शामिल है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम नेतृत्व के अगले स्तर तक पहुंचने में सहायक होगा।
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, लड़कियों की शिक्षा, महिला स्वास्थ्य, मनरेगा के अंतर्गत परिसंपत्ति सृजन और लाखों आगंनवाड़ियों के माध्यम से टीकाकरण तथा पौष्टिकता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण विषय हो गया है और इसमें महिला सरपंचों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
इस अवसर पर पंचायती राज, ग्रामीण विकास तथा पेय जल और स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत पंचायतों को पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। पहले गांव के समग्र विकास के लिए तीस हजार करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। श्री तोमर ने सड़क, नाली प्रणाली, शौचालय, कृषि तालाब तथा आवासीय इकाइयों जैसी विकास परियोजनाओं को लागू करने में उत्तरदायित्व, ईमानदारी और पारदर्शिता पर बल दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि महिला प्रतिनिधि यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।
श्री तोमर ने कहा कि ग्राम पंचायतों को अग्रिम रूप से योजना बनानी होगी ताकि गांव गरीबी और कुपोषण से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि महिला सरपंच समूह बनाकर स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, टीकाकरण, स्कूल नामांकन, महिलाओं तथा आमजन के लिए विभिन्न बीमा योजनाओँ, गर्भवती महिलाओं के लिएविभिन्न लाभों और नकद रहित लेन-देन के लिए भीम ऐप के प्रति सामान्य जागरूकता फैला सकती हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम की निगरानी की जाएगी। पहले चरण में झारखंड के 40 मास्टर प्रशिक्षक राज्य ग्रामीण विकास संस्थान रांची में प्रशिक्षित किए जायेंगे। अगले चरण में 3000 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को झारखंड के सिमडेगा, पाकुड़ और चतरा में इन प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
A comprehensive module for capacity building of Elected Women Representatives (EWRs) of Panchayats and a training program for Trainers of women panchayat leaders across the country was launched by the Ministry of Women and Child Development in collaboration with the Ministry of Panchayati Raj on Monday. The training program was launched at Ranchi, Jharkhand through a video conference, by the Minister of Women & Child Development, Smt Maneka Sanjay Gandhi in the presence of Minister of Rural Development & Panchayati Raj, Shri Narendra Singh Tomar in New Delhi. The training program seeks to empower EWRs of panchayats by enhancing their capacity, capability and skill in governance and administration of villages.
Addressing the select women trainers/women sarpanches of Jharkhand at the video conference today, Smt Maneka Sanjay Gandhi said that inspite of 33% reservation for women in the panchayat bodies, the EWRs continue to remain ineffective since they do not have appropriate knowledge and skill to administer the village, and the show continues to be run by their husbands.
A countrywide program has been initiated for training the women sarpanches and other women representatives at the grassroots level in various areas like engineering (building of roads, drains, latrines etc.), finance, social development, education, health, and environment among others. The women sarpanches can be helpful in taking schemes like Fasal Beema Yojana, Pradhanmantri Awas Yojana, Suraksha Bima Yojana, Sukanya Samridhi Yojana, maternity benefits schemes etc. to the people at the grassroots level.
The WCD Minister said that safety of women, education of the girl child, health of women, creation of assets under MGNREGA, immunization and ensuring nutrition through lakhs of Anganwadis of the country have become important issues at the grassroots level in which the women sarpanches can play a pivotal role in effective delivery. The Minster suggested that the women sarpanches should form a whatsapp group and share their good practices as well as assist one another in finding solutions to common problems.
Speaking on the occasion, the Union Minister for Panchayati Raj, Rural Development and Drinking Water and Sanitation, Shri Narendra Singh Tomar said that under the 14th Finance Commission, the Panchayats will get Rs 2 Lakh crore in 5 years as against the earlier amount of Rs 30,000 crore for the overall development of the villages. He underlined the need for greater accountability, honesty and transparency in the execution of the developmental projects like building of roads, drainage system, toilets, farm ponds and dwelling units which he hoped will be ensured by the newly trained women representatives.
Shri Tomar laid stress on advance planning by the Gram Panchayats to free their villages from scourges of poverty and malnutrition. He said that women Sarpanches can form groups in the villages to spread social awareness on schemes like Swachh Bharat Abhiyan, Pradhan Mantri Aawas Yojana, Immunisation, school enrolment, various insurance schemes for farmers and common man, benefits for pregnant women and BHIM App for cashless transaction. The training programme will lead to the empowerment of Women Sarpanches for the overall development of their villages and the country, explained the Panchayati Raj Minister.
In the first phase, 40 master trainers of Jharkhand will be trained at the State institute of Rural Development, Ranchi. In the second phase, approximately 3000 EWRs will be trained by these master trainers in the three districts of Simdega, Pakur and Chatra of Jharkhand.
Starting with Jharkhand, similar training programs will be organised in different states throughout the country with the help of National Institute of Rural Development, State Institutes of Rural Development and Panchayati Raj Departments of the States to train EWRs throughout the county. There are currently around 13 lakhs EWRs in panchayats across the nation.
The module has been prepared by the National Commission for Women of the WCD Ministry in collaboration with TISS. The module contains training guidelines, timeline, implementation guidelines, training schedules and monitoring and evaluation. The training will be participatory with group discussions, brainstorming lectures, demonstrations, field visits, case studies, games, exercise, role play, small workshops and individual assignments. The module discusses various topics like ‘What is an ideal Panchayat’, composition of the Gram Panchayat, development schemes and programmes, resources of panchayats and their utilization, laws for protection of the vulnerable sections among others.