This is the story of a 11 year old Seema Meena of village Rawal, some twenty kms from Sawai Madhopur in Rajasthan. She is a national level Hand Ball player. However, her dreams of moving ahead only got wings when the district collector, Sri K C Verma, knocked on her doors one day. Verma convinced her parents to let Seema move forward and offered financial help for her studies and for pursuing her game.
सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलो मीटर दूर बसे रांवल गांव की हैंडबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी सीमा मीणा अब अपने सपनो को पूरा कर सकेगी। वह अब अपनी इच्छा से न केवल पढ़ सकेगी बल्कि हैंडबॉल में भी अपना नाम ऊंचा कर सकेगी। मंगलवार सुबह 9 बजे से पहले तक सीमा की पढ़ाई और हैंडबॉल में आगे बढ़ना उसके लिये मात्र एक ख्वाब रह गया था क्योंकि उसके पिता उसकी पढ़ाई और उसके खेल दोनों पर पाबन्दी लगा चुके थे।
जिला कलेक्टर श्री के.सी. वर्मा को जब सीमा की कहानी पता चली तो वह उसके घर पहुंचे और उसके पिता को समझाया। कलेक्टर ने उसके पिता से कहा कि आपकी बेटी इस छोटे से गांव से निकलकर राजस्थान का नेतृत्व कर चुकी है और यह एक दिन आपका नाम बुलन्दियों पर पहुंचायेगी। उन्होंने कहा कि यदि सीमा की पढ़ाई और उसके खेल के लिए पैसे की दिक्कत है तो प्रशासन इसकी जिम्मेदारी उठायेगा।
उन्होंने कहा कि सीमा जैसी बेटियों से देश की और बेटियां भी प्रेरणा लेती है यदि आपने इसके पांव में बेडियां डाली तो बहुत बेटियां आगे बढ़ने से वंचित रह जायेगी। कलेक्टर की समझाईश पर सीमा के पिता हरकेश उसे पढ़ने भेजने के लिए तैयार हो गये।
वर्तमान में 11 वर्षीय सीमा उदय पाठशाला में छठवीं कक्षा की छात्रा है। वह हैंडबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी है और राजस्थान का नेतृत्व कर चुकी है। जिला कलेक्टर श्री के.सी. वर्मा ने बताया कि सीमा की पढ़ाई की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने ली है। आठवीं कक्षा तक वह उदय पाठशाला में पढ़ेगी और उसके बाद उसे जयपुर एकेडमी में भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि सीमा का पूरा खर्च प्रशासन उठायेगा। सीमा अपना बाल विवाह स्वयं रूकवा चुकी है। उसने चाईल्ड लाईन को फोन कर जोर जबरदस्ती से बाल विवाह करवाये जाने की सूचना दी थी जिस पर कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने सीमा का बाल विवाह रूकवाया था। इसी बात से सीमा के पिता जी नाराज थे और उन्होंने उसकी पढ़ाई और खेल दोनों छुड़वा दिये थे।