छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य-समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये 'बाल अखबार' की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है. इस नवाचार के माध्यम से छात्रों का पठन कौशल एवंं लेखन कौशल भी विकसित होता है. उनमें नेतृत्व क्षमता जागृत होती है और साथ ही जो छात्र पढ़ने, लिखने या बोलने मेंं कमजोर हैंं, उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है. दैनिक बाल अखबार जहां विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि को दर्ज कर सकता है, वहीं इसका साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक संस्करण छात्रों की क्रियाशीलता का दर्पण होगा. मासिक या वार्षिक संस्करण में छात्रों की स्वरचित रचनाओं को स्थान देकर उनकी भाषा में आशातीत सुधार संभव है. यह एक ऐसा नवाचार है जिसमें छात्र-छात्राओं को अपनी शैली विकसित करने का अवसर मिलेगा और उनकी अभिव्यक्ति मुखर होगी.
This innovation is about students being motivated to come out with a newspaper. This imbibes in them the habit of reading newspapers at home to get acquainted with what is happening around. The students are also asked to read a few news items. They are also given the task of making a news of their surroundings in schools or even making a news from some story published in the newspapers.
The complete details of this innovation developed by Mitu Singh of a government school in Unnao district can be read in our earlier post. In this post we have given the details in 3 pages on pdf. The link is http://bharatmahan.in/zero-investment/daily-childrens-newspaper