Ekal's Gramotthan Resource Centres have been set up to empower women by enabling them to participate in the mainstream economy. The idea is to create women micro-entrepreneurs in rural and tribal villages and connect them to urban consumers.
Ekal has established a model to impart tailoring training to the village women folk. At the Grammotthan Cetres trained personnels teach the intricacies of tailoring in their local language and environment.
160 rural/tribal women are being trained at each center annually.
Ekal is also trying to form Self-Help Groups and provide them tailoring machines so that the groups can start economic activities in their villages.
“बीते कल तक सोचा भी नही था की जिंदगी एक नयी करवट लेगी पर आज एकल की वजह से हमें एक नया रास्ता मिला है और हमारे जीवन में ख़ुशहाली आई है” ।
ये कोई कहानी नही बल्कि सच्चाई है भारत के गाँवों की सैकड़ों महिलाओं की, जिन्हें एकल अभियान के ग्रामोत्थान केंद्रों ने सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर स्वावलEch बनाया है । एकल अभियान के ग्रामोत्थान केंद्रों द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु चलाए जा रहे इन सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित महिलाएँ अब अपने घरों में ही केंद्र बनाकर स्वयं सबल हो रही है। पॉलिथीन मुक्त भारत बनाने हेतु ये महिलाएँ कपड़े की थैलियाँ भी बना रही है ।
एकल अभियान के ग्रामोत्थान केंद्रों द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु किए जा रहे सेवा कार्यों के फलस्वरूप ग्रामीण भारत अब करवट बदल रहा है ।परिवर्तन की जड़े और मज़बूत हो रही है ।