भारत का सबसे बड़ा हस्तशि​ल्प और जैविक उत्पाद बाजार, ट्राइब्स इंडिया ई मार्केटप्लेस का शुभारंभ

केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है, ''भारत का सबसे बड़ा हस्तशि​ल्प और जैविक उत्पाद बाजार, ट्राइब्स इंडिया ई मार्केटप्लेस, जनजातीय जीवन तथा आजीविका को बदलने की दिशा में एक और पथप्रदर्शक पहल है। मुझे खुशी है कि महामारी से जनजातीय लोगों के सामाजिक—आर्थिक विकास के मुख्य उददेश्य को अब नए माहौल के अनुरूप नए तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है।''

दिनांक दो अक्टूबर 2020 को ट्राइब्स इंडिया ई—मार्केटप्लेस (www.market.tribesindia.com) के ऑनलाइन उदघाटन के अवसर पर मुंडा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के भारत को आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना की दिशा में ट्राईफेड का यह एक नया कदम है।

देश भर के जनजातीय उद्यमों की उपज एवं हस्तशिल्प कलाकृतियों का प्रदर्शन करने वाली और उन्हें अपने उत्पादों को सीधे बाजार में लाने में मदद करने वाली यह पथप्रदर्शक पहल, जनजातीय, वाणिज्य के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस अवसर पर, मुंडा ने ट्राईफेड की कई अन्य पहलों का भी शुभारंभ किया, जिनका उददेश्य जनजातीय भाई—बहनों को समर्थन प्रदान करना है। इनमें रिषिकेश में ट्राइब्स इंडिया के 123 वें और कोलकाता में 124 वें केन्द्र का उद्घाटन, झारखंड राज्य और छत्तीसगढ़ राज्य के नए जनजातीय उत्पादों को शामिल करना और अमेजन के साथ उनके विक्रेता फ्लेक्स कार्यक्रम में ट्राईफेड/ ट्राइब्स इंडिया की साझेदारी शामिल हैं।

ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेस एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसके माध्यम से ट्राईफेड का लक्ष्य देशभर में विभिन्न हस्तकला, प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की खरीद के लिए 5 लाख जनजातीय उत्पादकों को शामिल करना है और आपके समक्ष सर्वोच्च गुणवत्ता वाले जनजातीय उत्पादकों को प्रस्तुत करना है। आपूर्तिकर्ताओं में व्यक्तिगत जनजातीय कारीगर, जनजातीय स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), जनजातीय समुदाय के साथ काम करने वाले संगठन/एजेंसियां/गैर-सरकारी संगठन आदि शामिल हैं। यह अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म जनजातीय आपूर्तिकर्ताओं को बहुउद्देशीय तंत्र की सुविधा प्रदान करता है ताकि वे अपने स्वयं के खुदरा विक्रेताओं व वितरकों के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने के लिए ट्राईफेड के बिक्री केंद्रों तथा ई-कॉमर्स भागीदारों के तंत्र के साथ-साथ ई-मार्केटप्लेस में अपने स्वयं के खाते पर भी बेच सकें। यह प्लेटफॉर्म लघु वनोपजों तथा औषधीय पौधों पर निर्भर जनजातीय समुदाय के सदस्यों को बड़े खरीदारों/निर्माताओं से जोड़कर बी2बी व्यापार की सुविधा भी प्रदान करेगा।

ई-प्लेटफॉर्म, पूरे भारत के जनजातीय उत्पादों (उत्पाद एवं हस्तशिल्प) को एक ही जगह पर प्रदर्शित करने वाला एक अत्याधुनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जिसे वेब तथा मोबाइल (एंड्रॉइड व आईओएस) पर दोनों तरह के ग्राहकों और पंजीकृत जनजातीय विक्रेताओं द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।

इस अवसर पर कई अन्य ट्राईफेड पहलों और साझेदारियों का भी उद्घाटन किया गया जो जनजातीय कारीगरों और आपूर्तिकर्ताओं के समावेशी विकास और सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने में सफलता और बुलंदियों को छू लेंगी।

प्रधानमंत्री के संदेश “स्थानीय लोगों के लिए मुखर बनें (बी वोकल फॉर लोकल) को आगे बढ़ाने और विपणन के माध्यम से जनजातीय कारीगरों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए, ट्राईफेड देश भर में अपने खुदरा व्यापार का विस्तार करने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में ट्राइब्स के 123वें बिक्री केंद्र का ऋषिकेष, उत्तराखंड में और 124वें बिक्री केंद्र का कोलकाता, पश्चिम बंगाल में शुभारंभ किया गया।” इन पहलों के अलावा, ट्राइब्स इंडिया उत्पादों में झारखंड राज्य तथा छत्तीसगढ़ राज्य की दो नई जनजातीय उत्पाद श्रृंखलाएं भी शामिल की गईं। झारखंड के पाकुड़ जिले के संथाल और पहाड़िया जनजातीय समुदाय के सदस्यों द्वारा संग्रहित अपने स्वयं के मल्टी फ्लोरल हनी, फॉरेस्ट फ्रेश भी अब ट्राईफेड तथा ट्राइब्स इंडिया बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध होंगे।

इस पहल की सराहना करते हुए, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने बतलाया की पाकुड़ जिले के जनजातीय संथाल समुदाय ने व्यावसायिक रूप से मुधमक्खी पालन की संभावित क्षमता की खोज करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। शहद का संग्रहण स्थानीय युवाओं द्वारा सतत आधार पर पर्यावरण अनुकूल तरीके से किया जाता है। फिर शहद को संसाधित करने के बाद पैक किया जाता है और उत्पाद का अलग-अलग आकार के पैकेज में ट्राईफेड द्वारा विपणन किया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये गतिविधियां स्थानीय जनजातीय समुदाय को सुनिश्चित बाजार सुविधा और बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करेंगी।

आज से, ट्राइब्स इंडिया ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय कारीगरों द्वारा बनाए गए आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों और सजावटी वस्तुओं को भी पेश किया है। कोरिया प्रोड्यूसर्स कंपनी के हल्दी तेल(टर्मेरिक ऑयल), गंजनी तेल(सिट्रोनेला ऑयल), लेमनग्रास तथा पामरोजा तेल, सुकमा जिला आजीविका मिशन द्वारा उत्पादित इमली चस्का तथा हल्दी पाउडर और छत्तीसगढ़ सिल्क फेडरेशन द्वारा निर्मित ऊनी तथा सूती कालीन अब ट्राइब्स इंडिया के प्रभावशाली उत्पाद श्रृंखला का हिस्सा होंगे जोकि बिक्री केंद्रों और ई-मार्केटप्लेस दोनों पर उपलब्घ होंगे।

अमेजन के साथ लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए, जिसने विक्रेताओं और कारीगरों को भारत और दुनिया भर में ट्राइब्स इंडिया के उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाया है, और जनजातीय स्वामित्व वाले तथा उनके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय के विकास में तेजी लाने के लिए, ट्राइफेड (ट्राइब्स इंडिया) अब अमेजन के विक्रेता फ्लेक्स कार्यक्रम से भी जुड़ा होगा। इस कार्यक्रम के तहत विक्रेताओं के साथ भंडारण, माल प्रबंधन तथा वितरण (वेयरहाउसिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन व शिपिंग) में अमेजन की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाता है। श्री प्रवीर कृष्ण, प्रबंध निदेशक, ट्राईफेड ने इस साझेदारी की पीछे तर्क को बताते हुए कहा कि “विक्रेता फ्लेक्स भारत के लिए अमेजन द्वारा किया गया एक नवाचार है, जिसे अब अमेजन द्वारा अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है। विक्रेता फ्लेक्स ट्राइब्स इंडिया को ग्राहकों के लिए उत्पादों के व्यापक वर्गीकरण और अमेजन के वितरण तंत्र का लाभ उठाने की पेशकश करते हुए अपनी परिचालन क्षमता में सुधार करने का अवसर प्रदान करता है। विक्रेता फ्लेक्स इस प्रकार ट्राइब्स इंडिया को www.amazon.in पर अपने ग्राहकों को तेजी से, अधिक कुशल डिलिवरी के साथ सेवा प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है। अमेजन का समर्थन और विशेषज्ञता ट्राइब्स इंडिया से जुड़े हजारों कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाने में मदद करेगी और इस प्रकार हमारे देश की जनजातीय आबादी के लिए आजीविका सुनिश्चित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।”

इन प्रभावशाली कदमों के साथ ट्राईफेड जनजातीय सुमदाय के आर्थिक कल्याण और उन्हें मुख्यधारा के विकास की ओर लाने के सतत प्रयासों के लिए वचनबद्ध है।

News Source
PIB Release

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