प्रथम व्यावसाईक उड़ान कल, सांसद राजीव प्रताप रुडी और कैप्टन आशुतोष शेखर होंगे विमान के कप्तान
· इंडिगो का 6E-6191 विमान लेकर दिल्ली से 2.45 बजे देवघर पहुंचेंगे रुडी
· मानक ऊँचाई पर पायलटों के मार्गदर्शन के लिए RNP और PAPI की तकनीकी सुविधा उपलब्ध
· रुडी ने कहा, हो सकता है एयपोर्ट का प्रसार, कालांतर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकास की संभावना
· देवघर में हवाई अड्डा की स्थापना में सांसद निशिकांत की महत्वपूर्ण भूमिका
· समुद्रतल से 802 फीट की ऊँचाई पर फिलहाल 654 एकड़ में फैला है देवघर एयरपोर्ट
· मध्य यूरोप तक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाले ए321 नियो विमानों को भी उतारने की पूरी संभावना
· दो एयरबस A320 के लिए एक एप्रन, टैक्सीवे और एक आइसोलेशन से सुसज्जित है हवाई अड्डा
· 4,000 वर्ग मीटर में प्रति घंटे 200 यात्रियों की क्षमता वाला टर्मिनल भवन
देवघर, 29 जुलाई 2022 । भगवान शिव के पवित्र महीने श्रावण में पावन भूमि देवघर में शनिवार का दिन देवघर के लिए ऐतिहासिक होने वाला है। देवघर की भूमि पर नवनिर्मित हवाई पट्टी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री गणमान्य यात्रियों के साथ विमान उड़ाते हुए नई दिल्ली से देवघर पहुंचेंगे। इस संदर्भ में सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने कहा कि सावन में बाबा की भूमि पर यह ऐसा सुखद संयोग बना है जो न केवल आमजन के विकास के दृष्टिकोण से बल्कि अध्यात्मिक सूचिता के लिए भी याद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देवघर हवाई अड्डा के विकास से झारखंड के उत्तर-पूर्वी भाग और दक्षिण-पूर्वी बिहार के जिलों को विशेष लाभ होगा और भविष्य में देवघर हवाई अड्डा पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण हवाई अड्डो में से एक होगा। इंडिगो की फ्लाईट संख्या 6E 6191 दिल्ली से 1 बजे उड़ान भरकर 1 घंटे 45 मिनट की यात्रा के बाद यह विमान 2.45 पर देवघर में उतरेगा। बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजीव प्रताप रुडी इस विमान के पायलट है। दरअसल बहु प्रतिभा संपन्न रुडी दुनिया में ऐसे इकलौते सांसद है जिनका नाम लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है जो सांसद होने के साथ व्यावसायिक लाइसेंसधारक पायलट भी है। देवघर एयरपोर्ट के इतिहास में भी उनका नाम दर्ज हो गया जो पहले पायलट होंगे जो इस एयरपोर्ट पर विमान लेकर आ रहे है। इसके अलावा पठन-पाठन में रुची रखने वाले रुडी महाविद्यालय में शिक्षक तो है ही साथ ही पटना हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड अधिवक्ता भी है।
विदित हो कि हर वर्ष करोड़ों पर्यटक देवघर आते हैं। देवघर में ही वैद्यनाथ धाम स्थित है जहाँ श्रावण महीने में हर दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है जो सुल्तानगंज से पवित्र गंगाजल लेकर बाबा वैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग पर अर्पित करते है। इस कारण काफी अरसे से यहां एक हवाई अड्डे की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही थी। सड़क और रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होने के साथ ही इस शहर हवाई कनेक्टिविटी की भी आवश्यकता थी। इस संदर्भ में सारण सांसद सह विमान के कप्तान रुडी ने बताया कि वह राजनीतिक सक्रियता के साथ जनसेवा के अलावा प्रोफेशनल पायलट होने के कारण विमान सेवा उपलब्ध कराकर भी जनता की सेवा में लगा रहता हूँ। मुझे खुशी है कि बाबा वैद्यनाथ की भूमि पर व्यावसायिक उड़ान लेकर मुझे आने का मौका मिला। उन्होंने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उनका प्रयास उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय है।
देवघर विमानपत्तन की तकनीकी जानकारी देते हुए रूडी ने बताया कि समुद्रतल से 802 फीट की ऊँचाई पर स्थित देवघर एयरपोर्ट फिलहाल 654 एकड़ में फैला हुआ है। 2620 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा इसका रनवे है जो एयरबस ए320 और बोइंग 737 दोनों प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त है। भविष्य में यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित हो सकता है, इसकी पूरी संभावना है। यहां मध्य युरोप तक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाले नये इंजन विकल्प के साथ ए321 नियो विमानों को भी उतारा जा सकता है जो आने वाले दिनों में संभव हो सकेगा। दो एयरबस ए320 के लिए एक एप्रन, टैक्सीवे और एक आइसोलेशन से सुसज्जित इस हवाई अड्डा का 4,000 वर्ग मीटर में प्रति घंटे 200 यात्रियों की क्षमता वाले टर्मिनल भवन का निर्माण किया गया है जिसमें एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर है। इसमें छह चेक-इन काउंटर और दो आगमन बेल्ट हैं।
विमानों की लैंडिंग के लिए सहायक उपकरणों की जानकारी देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रुडी ने बताया कि विमानों की सटिक लैंडिंग के लिए सटीक दृष्टिकोण पथ संकेतक (PAPI - Precision approach path indicator) की व्यवस्था भी देवघर हवाई अड्डे पर की गई है। यह एक सटीक दृष्टिकोण पथ संकेतक होता है जो एक पायलट को हवाई अड्डे के लिए सही दृष्टिकोण प्राप्त करने और बनाए रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देवघर हवाई अड्डा पर रिफ्यूलिंग की व्यवस्था नहीं है जिस कारण विमान को पहले से ईंधन लेकर आना होगा।
श्री रूडी ने बताया कि पुरब दिशा में हवाई पट्टी का उपयोग किया जा सकता है । उन्होंने बताया कि देवघर हवाई अड्डे पर दुनिया की अत्याधुनिक लैंडिंग की व्यवस्था की गई है। यहां विमान को RNP अप्रोच (Required navigation performance) के माध्यम से लैंडिंग कराया जायेगा। इस तकनीक से विमान के पायलटों को अधिक सटीकता और पूर्वानुमेयता के साथ चुनौतीपूर्ण हवाई क्षेत्रों को नेविगेट करने में मदद मिलेगी। हवा में 3600 फीट की उंचाई पर जब विमान होता है तो इस तकनीक की मदद से उसका मार्ग तय होता है। इसके बाद 2500 फीट की उंचाई पर आने पर विजुअल लैंडिंग की जायेगी जिसे व्यूआर अप्रोच भी कहा जाता है। देवघर हवाई अड्डा कॉल साइन नाम वेडो (VEDO) से जाना जायेगा। बता दें कि हवाई अड्डो को एक साईन नाम दिया जाता है जिससे पथ प्रदर्शक उसी साइन नाम से मार्ग बताता है।
रूडी ने कहा कि निशिकांत दुबे के प्रयास से माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वैद्यनाथ धाम आने वाले करोड़ों पर्यटकों के साथ झारखंडवासियों के सपने को साकार किया है। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को हवाई अड्डे के विकास की आधारशिला रखी थी। चार साल बाद 12 जुलाई को प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 400 करोड़ रुपये की लागत से एयरपोर्ट का निर्माण किया है। प्रति घंटे 200 यात्रियों की क्षमता वाले 4,000 वर्ग मीटर में इसके टर्मिनल भवन का निर्माण किया गया है जिसमें एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, दो एयरबस ए320 के लिए एक एप्रन, टैक्सीवे और एक आइसोलेशन के साथ छह चेक-इन काउंटर और दो आगमन बेल्ट हैं।