अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने डेल टेक्नोलॉजिज के साथ भागीदारी में अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) के युवा नवाचारकर्ताओं (अन्वेषकों) के लिए मंगलवार को विद्यार्थी उद्यमशीलता कार्यक्रम 2.0 (एसईपी 2.0) का शुभारम्भ किया।
एसईपी 1.0 की शानदार सफलता के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, डेल टेक्नोलॉजिज के अध्यक्ष व एमडी आलोक ओरी, एआईएम के मिशन निदेशक आर रमणन और लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. अंजलि प्रकाश की उपस्थिति में इसकी दूसरी श्रृंखला की शुरुआत की गई।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, “आज, मैं आशावाद से भरा हुआ हूं क्योंकि मैंने एटीएल के युवा अन्वेषकों द्वारा किए गए भरोसेमंद नवाचार देखे हैं। इन अन्वेषकों ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया है। जब नागरिकों के सामने आ रही चुनौतियों से अपरंपरागत रूप से निबटने का अवसर मिले तो इस देश के युवा बच्चे काफी कुछ हासिल कर सकते हैं। हमने जब एसईपी 1.0 का समापन किया और एसईपी 2.0 का शुभारम्भ किया है, ऐसे में मैं इन नवाचारों के देश पर पड़ने वाले असर को देखकर खासा उत्साहित हूं।”
एसईपी 2.0 से विद्यार्थी अन्वेषकों को डेल के स्वयंसेवकों के साथ मिलकर काम करने का मौका मिलेगा। उन्हें संरक्षण; प्रोटोटाइपिंग और परीक्षण समर्थन; एंड यूजर फीडबैक;बौद्धिक संपदा पंजीकरण और आइडिया, प्रक्रियाओं और उत्पादों का पेटेंट संरक्षण हासिल करने;विनिर्माण सहयोग के साथ ही बाजार में उत्पाद के लॉन्च में भी सहयोग हासिल होगा।
डेल टेक्नोलॉजिज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आलोक ओरी ने कहा, “डेल अपने अनुभवों के सहारे विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के लिए नवीन तकनीकों का उपयोग कर रही है। जिससे उन्हें नवाचार की मानसिकता विकसित की जा सके। हम पहले विद्यार्थी उद्यमशीलता कार्यक्रम के निष्कर्षों से खासे खुश हैं और अगले बैच की उपलब्धियों का इंतजार कर रहे हैं। नीति आयोग के साथ हमारी मजबूत भागीदारी से सामाजिक हित और नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए अपने तकनीक के विजन का विस्तार हो रहा है।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में एआईएम मिशन निदेशक आर. रमणन ने कहा, “नवाचार मिशन का उद्देश्य देश में एक मिलियन नए अन्वेषक और संभावित रोजगार देने वाले तैयार करना है। डेल टेक्नोलॉजिज के साथ हमारी भागीदारी के तहत विद्यार्थी उद्यमशीलता कार्यक्रम के माध्यम से युवा स्कूली विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के द्वारा युवा अटल टिंकरिंग लैब अन्वेषकों की उद्यमी क्षमताओं में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही देश भर की नई प्रतिभाओं के लिए एक नवीन मंच तैयार हुआ है।”
एसईपी 1.0 की शुरुआत जनवरी, 2019 में हुई थी। 10 महीने लंबे कठिन कार्यक्रम के माध्यम से एक देशव्यापी प्रतियोगिता-एटीएल मैराथन के शीर्ष छह दलों को नवीन प्रोटोटाइप्स को पूरी तरह कार्यशील उत्पादों में परिवर्तित करने का मौका मिला, जो अब बाजार में उपलब्ध हैं। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने सामुदायिक चुनौतियों की पहचान की और एटीएल के अंतर्गत जमीनी स्तर पर नवाचार और समाधान तैयार किए गए।
एटीएल मैराथन के पिछले सीजन में लगभग 1,500 नवाचार जमा किए गए थे। दो कठिन चरणों के बाद, 50 दलों को विद्यार्थी अन्वेषक कार्यक्रम के लिए चुना गया था। 75 प्रतिशत से ज्यादा विजेता दल टियर-2 शहरों और/ या ग्रामीण क्षेत्रों से और 60 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी स्कूलों से थे। विजेता दल में लगभग 46 प्रतिशत बालिकाएं थीं। फिर अटल इनक्यूबेशन केन्द्रों ने विद्यार्थी अन्वेषक कार्यक्रम के माध्यम से कई महीनों तक संरक्षण दिया गया था। इस क्रम में, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 14 नवंबर, 2019 को आठ शीर्ष दलों को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया था। शीर्ष 8 दल अब एसईपी 2.0 के माध्यम से अपने प्रोटोटाइप्स को उत्पाद के स्तर पर ले जाएंगे।
एआईएम के मिशन निदेशक आर. रमणन ने छह दलों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “पिछले कुछ महीनों में, आपने एक उद्यमी बनने के लिए धैर्य और उत्साह दिखाया है। अपनी दृढ़ता के परिणाम स्वरूप आप अपने स्टार्टअप्स और उद्यमों के ‘सह संस्थापक’ बन गए हैं। आत्मनिर्भर भारत का यही सार है।” उन्होंने कहा कि उद्योग के साथ इस तरह की भागीदारियां युवा विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिए अहम हैं और इससे हमारा ग्रह एक बेहतर स्थान बनने में सक्षम हो जाएगा।