Union Minister for Home Affairs, Amit Shah launched three citizen centric services of the Chandigarh Police, in Chandigarh today. The services include the Emergency Response Support System (ERSS - Dial 112), ‘E-Beat Book’ System and the ‘E-Saathi App’. Shri Shah observed that the beat officer system has been the cornerstone of the Indian Policing system for ages and through suchCitizen Centric Services, a SMART Police force can be built in the country. He congratulated Chandigarh Police to have taken a lead in introducing such Citizen Centric Services in Policing.
ERSS is one of the key projects of the Union Ministry of Home Affairs under Nirbhaya Fund. It has been designed to play a pivotal role in mitigation or preventing escalation of crime, especially against women and children. ERSS provides a single emergency number (112), computer aided dispatch of field resources to the location of distress. Citizens can send their emergency information through call, sms, email and through the 112 India mobile app.
The ‘Dial 112’ emergency response service is an initiative to strengthen proactive community policing that would end confusion among distress callers, who at times end up dialling 100 in fire or medical emergency cases. Till now, there were more than 20 numbers that were running for the help of public for various emergency situations, which were creating confusion to the distress callers.But after starting this service, public will not face these problems. In future, the Emergency Number for Road Accidents (1073),Women Helpline (1091, 181), Child Help Line (1098), including other Helpline services would be added under the 112 unified emergency response number.
The ‘E-Beat Book’ is a web and mobile based application which will ease the collection, updation and analysis of the information related to crime and criminals in a real time. Chandigarh has been divided in 54 divisions. In each division, there is one ‘Atal Sehbhagita Kendra’that is under the supervision of a Beat Officer,having an Android Phone to the use the app. The E-Beat Book would be linked with Crime and Criminal Tracking Network & Systems (CCTNS), which would help in a real time updation of crime/criminal data. The citizen can directly approach the‘Atal Sehbhagita Kendra’ for redressal of their grievances and can render their suggestions too.
The ‘E-Saathi’ App would help the general public, including senior citizens, to remain in touch with the police and also give suggestions to facilitate participative community policing(‘Your Police at Your Doorstep’ initiative). The beat officer would be able to provide services like passport verification, tenant verification, servant verification, character certification etc. at a click of a button through the app, without the people needing to visit the police station.With this initiative, on one hand, where the beat officer would become more efficient in his/her working, this would make police-people communication a two-way process, on the other.
These valuable public services would effectively reduce the response time of police to address the distress calls of the public and strengthen the police-public interface endeavour of community policing.
देश में पहली एकीकृत एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS), ई- बीट बुक (E- BEAT BOOK) व ई-साथी (E-SAATHI) एप का लोकार्पण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज देश में पहली एकीकृत ERSS, E-Beat Book, E-SAATHI App का लोकार्पण किया जिससे अब चण्डीगढ में आम नागरिक को आपातकाल में सहायता के लिये अलग – अलग नम्बर याद रखने की आवश्यकता नहीं होगी | इसके लिए नयी सेवा एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम डायल 112 पर सभी तरह की सहायता आम जनता के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी |
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड के अंतर्गत इस तरह के एप को जनता के लिए उपलब्ध कराया ताकि महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों मे कमी लाई जा सके और इसी के अंतर्गत सैक्टर – 9 स्थित चण्डीगढ पुलिस मुख्यालय में 112 कामन कंट्रोल रूम से पहले से चालित, डायल न. 100 (पुलिस), 101 (दमकल) व 108 (स्वास्थ्य) सेवाओं को जोड दिया गया हैं | जिसके लिए पुलिस कंट्रोल रूम में इन सभी हेल्प लाइन के कर्मचारियों का अलग-अलग डेस्क बनाया गया है, डिस्पैचर यहीं बैठकर अपने-अपने विभाग के काल डिस्पैचर के जरिए निकटतम उपलब्ध पी सी आर / एंबुलेंस / फायर टेंडर को सूचित करेंगे | इसमें कंट्रोल रूम मेन काल डाइवर्ट करने की सुविधा भी होगी| जब तक आम जनता इस आपातकालीन सेवा डायल 112 के बारे में पूरी तरह से जागरुक नही हो जाती तब तक पुराने आपातकालीन सेवा 100, 101, 108 भी चालू रखें जाएगें | भविष्य में अन्य सभी आपातकालीन सेवाओं जैसे कि यातायात (1073) महिला हैल्प लाईन ( 1091, 181) बाल हैल्प लाईन (1098), व आपदा प्रबंधन सहित अन्य सेवाओं को भी इस आपातकालीन सेवा डायल 112 से जोड दिया जाएगा| आज तक आपातकाल सहायता के लिए 20 से अधिक आपात नम्बर जनता की सुविधा के लिए चल रहे थे | कई बार नंबर व्यस्त रहने के कारण मिल नहीं पाता था लेकिन अब यह सेवा शुरु होने से इन सभी दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा |
ई-बीट बुक सिस्टम के तहत हर “ई-बीट बुक” के ईंचार्ज को एंडराइड फोन दिये गये हैं, जिसके अन्दर बीट-इंचार्ज के पास पूरी पुलिसिंग का रिकार्ड होगा एवम इस फोन पर एक क्लिक करते ही पूरे शहर से जुडी हर जानकारी जैसे की बाजार, आभूषण विक्रेता, शराब के ठेके, वरिष्ठ नागरिकों की सूची, पीजी क्षेत्र के अच्छे बुरे नागरिकों के बारे में बीट ईंचार्ज को मिल जायेगी | इस पर अपराधियों के बारे में पूरा रिकार्ड दर्ज होगा | आम नागरिक गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से अपने मोबाईल पर ई-साथी एप डाउनलोड कर सकता है, जिससे कि कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि, नशा-बिक्री, जुआ-सट्टे बाजी आदि की जानकारी पुलिस को आसानी से दे सकेगा | इसके साथ ही क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक भी इस एप के माध्यम से पुलिस के सम्पर्क में रहेंगे | ई-बीट मेन इंटरएक्टिव फीचर भी होगा जिससे की सम्बंधित क्षेत्र के निवासी से सीधा सम्पर्क करके अपने सुझाव और शिकायत दे पायेंगे |
इसके अतिरिक्त “ई-साथी एप” से आम जनता को बिना थाने में गए “आपकी पुलिस आपके द्वार” योजना के तहत पासपोर्ट सत्यापन, किरायेदार सत्यापन, नौकर सत्यापन, चरित्र सत्यापन आदि सेवाओं की अपने क्षेत्र के थाना-अध्यक्ष को सूचना देनी होगी और उनके एक बटन दबाते ही सम्बंधित थानाध्यक्ष उनके दिए हुए समय पर बीट सिपाही भेजकर वाँछित सेवा प्रदान करेगा| इसके लिये नागरिकों को एक बटन दबाकर सम्बंधित एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा | इस प्रोद्योगिकी तकनीकी कुशलता से एक ओर जहां बीट सिपाही सशक्त और सक्षम होगा वही ये सीसीटीएनएस और ईआरएसएस से पूर्णत: समायोजित व अनुकुल होगा | इससे दो तरफा सूचना का संचार सरल हो सकेगा |