Inviting Collaborators/ Investors

The BharatMahan.in team is looking for financial collaborators/ investors. We can also consider acquisition possibilities if the right consideration is offered. Contact us if you are interested and want to discuss further possibilities.

7 राज्यों की 200 नई मंडियां कृषि उपज के विपणन के लिए ‘ई-नाम’ प्लेटफॉर्म से जुड़ीं

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि उपज के विपणन के लिए लगभग एक हजार मंडियां मई 2020 तक ‘ई-नाम’ प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी। श्री तोमर आज नई दिल्‍ली स्थित कृषि भवन में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे, जहां 7 राज्यों की 200 नई मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम)  से जोड़ दिया गया। मंत्री महोदय ने  शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मूंगफली एवं मक्का में कुरनूल और हुबली की मंडियों के बीच लाइव ट्रेडिंग भी देखी। उन्होंने कहा कि किसानों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन को जल्द ही साकार किया जाएगा।  

ई-नाम प्लेटफॉर्म से आज जुड़ी 200 नई  मंडियों में 94 राजस्थान की, 27 तमिलनाडु की, 25-25 गुजरात व उत्तर प्रदेश की, 16 ओडिशा की, 11 आंध्र प्रदेश की तथा 2 मंडियां कर्नाटक की हैं। यह देश भर में 415 नई मंडि़यों को एकीकृत करने या जोड़ने के मार्ग में पहला मील का पत्थर है। पहली बार कर्नाटक राज्य को ई-नाम राज्यों की सूची में जोड़ा गया है।

अंतिम छोर पर मौजूद किसान तक पहुंचने और अपनी कृषि उपज बेचने के तरीके को बदलने के उद्देश्य से ई-नाम ने इन नई मंडियों के और भी अधिक किसानों एवं व्यापारियों तक पहुंच बनाकर आज और भी ज्‍यादा मजबूती हासिल कर ली है। 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 585 मंडियां पहले से ही जोड़ दी गई हैं और वे बाकायदा काम कर रही हैं।

इन नई मंडियों सहित 785 मंडियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ गई हैं। शीघ्र ही इनकी संख्या एक हजार हो जाएगी। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने निरंतर इस तरह के कदम उठाकर पारदर्शिता की मिसाल कायम की है। ई- नाम पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।

किसानों के लिए कृषि उत्पादों के विपणन को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ की थी। बीते 4 साल के दौरान ई- नाम से 585 मंडियां जुड़ चुकी हैं और आज 200 मंडियां जुड़ने के साथ कुल संख्या 785 हो गई है।इस मौके पर कृषि भवन में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सचिव श्री संजय अग्रवाल उपस्थित थे, वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला तथा विभिन्न राज्यों के मंडी पदाधिकारी-अधिकारी इत्यादि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि ई-नाम कृषि विपणन में एक अभिनव पहल है, जो किसानों की पहुंच को कई बाजारों-खरीदारों तक डिजिटल रूप से पहुंचाता है, कीमत में सुधार के इरादे से व्यापारिक लेन-देन में पारदर्शिता लाता है, गुणवत्ता के अनुसार कीमत व उपज के लिए "एक राष्ट्र-एक बाजार" की अवधारणा को विकसित करता है।तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने जबसे कार्यभार संभाला, तब से लगातार उनका जोर पारदर्शिता पर रहा है। जनता को काम करने में सरलता-सुगमता व समय की बचत हो, इस पर भी प्रधानमंत्री बल देते रहे हैं।साथ ही, प्रौद्योगिकी का हमारे कामकाज में अधिक से अधिक उपयोग हो, इसी दृष्टिकोण के आधार पर कृषि मंत्रालय ने ई- नाम प्लेटफॉर्म ईजाद किया है।

तोमर ने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि इस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्‍यापार हो चुका है और 1.66 करोड़ से ज्यादा किसान एवं 1.28 लाख से अधिक व्यापारी पंजीकृत हैं। लॉकडाउन के दौरान भी करोड़ों रुपये का व्यापार ई-नाम के माध्यम से हुआ है। 200 मंडियां जुड़ने के साथ ही कुल संख्या 785 हो गई है और कृषि मंत्रालय के संबंधित अधिकारी शिद्धत के साथ जुटे हुए हैं, जिससे उम्मीद है कि मई के अंत तक ई- नाम से जुड़ने वाली मंडियों की कुल संख्‍या एक हजार हो जाएगी। खेती-किसानी के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है और इसका सार्थक उपयोग हुआ है।

150 कृषि जिंस व गुणवत्ता जांच- ई-नाम पर व्यापार में सुविधा हेतु शुरू में 25 कृषि जिंसों के लिए मानक मापदंड विकसित किए गए थे, जो अब बढ़कर 150 है। ई-नाम मंडियों में कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जो किसानों को उपज की गुणवत्ता के अनुरूप कीमतें दिलाने में मदद करती हैं। वर्ष 2016-17 में गुणवत्ता जांच लॉट संख्या 1 लाख से बढ़कर 2019-20 में 37 लाख हो गई है।

"किसानों के अनुकूल"- ई-नाम प्लेटफॉर्म/मोबाइल एप को "किसानों के अनुकूल" सुविधाओं के साथ और मजबूत किया गया है, जैसे कि एप के माध्यम से लॉट का एडवांस पंजीकरण, जो बदले में मंडी के प्रवेश गेट पर किसानों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा, बड़ी दक्षता लाएगा एवं गेट पर कृषि उत्पाद के आगमन की रिकॉर्डिंग की सुविधा देगा। किसान मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच रिपोर्ट देख सकते हैं, मोबाइल से किसान अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति देख सकते हैं और आसपास की मंडियों में कीमतों की वास्तविक समय की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक तौल व अन्य कई सुविधाएं- वजन तौलने में पारदर्शिता के लिए ई-नाम पर बोली लगाने के बाद किसानों को उपज सही ढंग से तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तराजू प्रदान किए गए हैं। व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान BHIM एप का उपयोग करके मोबाइल फोन के माध्यम से किया जा सकता है। व्यापारियों के लिए अतिरिक्त ओटीजी (ऑन द गो) फीचर्स जोड़े गए हैं जिनमें खरीदारों के लिए मंडी में व्‍यक्तिगत रूप से मौजूद हुए बगैर बोली लगाना, ट्रेडर लॉग-इन में ई-नाम शॉपिंग कार्ट सुविधा, कई इन्वॉयस के लिए एकल ई-भुगतान लेन-देन सुविधाएं/बंचिंग, ई-भुगतान के दौरान व्यापारियों को ई-भुगतान, एकीकृत ट्रेडिंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, इत्‍यादि शामिल हैं।

News Source
PIB Release

More from Bharat Mahan