गन्ना किसानों के 92 प्रतिशत बकाये का भुगतान
देश भर में चीनी सीजन वर्ष 2015-16 के दौरान किसानों का करीब 230 मीलियन मीट्रिक टन गन्ना चीनी मिलों द्वारा खरीदा गया। एफआरपी के अनुसार कुल भुगतान योग्य गन्ने की कीमत 52,900 करोड़ रुपये है। चालू सीजन में इस राशि में केवल 4,225 करोड़ रुपये बकाया रह गया है। शुगर मील मालिकों ने अपने बकाये का 92 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है।
चालू चीनी सीजन में गन्ने के कुल बकाया मूल्य का करीब 1975 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश में है, जो बकाये का 14 प्रतिशत है। 1600 करोड़ रुपये पांच कंपनियों बजाज, मवाना, मोदी, सिंभावली और राणा पर बकाया है।
सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में लगभग 96 प्रतिशत गन्ने के मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। महाराष्ट्र में केवल 590 करोड़ रुपया बकाया लंबित है। कर्नाटक जैसे अन्य चीनी उत्पादक राज्यों ने किसानों का 94 प्रतिशत बकाये का भुगतान कर दिया है।
चीनी सीजन 2014-15 के दौरान किसानों का बकाया 21,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 684 करोड़ रह गया है। केंद्र सरकार बकाये के मामले में बराबर निगरानी रखे हुए है और राज्य सरकारों को इससे तेजी से समाप्त करने की सलाह देता रही है।