Agreement With WHO For Promotion of Traditional System of Medicine

Bharat Mahan

चिकित्सा की परंपरागत प्रणालियों को वैश्विक रूप से बढ़ावा देने के लिए भारत और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने परंपरागत और पूरक चिकित्सा में गुणवत्ता, सुरक्षा और सेवा प्रावधान की प्रभाविता को बढ़ावा देने में सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना सहयोग समझौता (पीसीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पीसीए पर आयुष मंत्रालय में सचिव श्री अजीत एम शरण और डब्ल्यूएचओ सहायक महानिदेशक, स्वास्थ्य प्रणालियां और नवाचार, डॉ मैरी किनी ने 13 मई, 2016 को जिनेवा में हस्ताक्षर किए।

इस ऐतिहासिक समझौते पर आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपाद येसो नाइक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ मार्गरेट चान की उपस्थिति में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय में हस्ताक्षर हुए।

पीसीए को विश्व स्वास्थ्य संगठन और आयुष, भारत 2016-2020 के परंपरागत और पूरक चिकित्सा के क्षेत्र में गुणवत्ता, सुरक्षा और सेवा के प्रावधान की प्रभाविता को बढ़ावा देने के बारे में सहयोग' का शीर्षक दिया गया है। इस का उद्देश्य 'परंपरागत और पूरक चिकित्सा रणनीति : 2014-2023' के विकास और कार्यान्वयन में डब्ल्यूएचओ की मदद करना है और यह अनुबंध चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों को वैश्विक रूप से बढ़ावा देने में भी योगदान देगा।

2016-2020 अवधि के लिए पीसीए पहली बार योग में प्रशिक्षण के लिए तथा आयुर्वेद, यूनानी और पंचकर्म में प्रेक्टिस के लिए डब्ल्यूएचओ बेंचमार्क दस्तावेज़ प्रदान करेगा। इससे परंपरागत चिकित्सा उत्पादों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में उनके एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नियामक ढाँचे स्थापित करने सहित परंपरागत चिकित्सा की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभाविता को सुनिश्चित करने में राष्ट्रीय क्षमताओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

इस अवसर पर भारत द्वारा आयोजित भोज के अवसर पर आयुष मंत्री ने भारत में परंपरागत चिकित्सा के लम्बें इतिहास और समृद्ध विरासत तथा समग्र और व्यापक देखभाल उपलब्ध कराने में इसकी बढ़ती प्रासंगिकता को याद किया।

उन्होंने भारत और विदेशों में परंपरागत चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई उच्च प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज के लिए आयुष को क्रियात्मक रूप से एकीकृत करने के लिए की गई अनेक पहलों का जिक्र किया।

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन परंपरागत चिकित्सा रणनीति 2014-2023 की तरह देश में भारत द्वारा की गई पहलों और गतिविधियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तव में बहुलवादी स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली को अपनाकर विशिष्ट उदाहरण स्थापित किया है जो प्रत्येक मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली को विकसित होने और उसमें प्रेक्टिस करने की अनुमति देती है ताकि एकीकृत और समग्र स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

डब्ल्यूएचओ के साथ पीसीए पर अनुबंध से परंपरागत चिकित्सा में चिकित्सा के विकास और शासन में भारत के समृद्ध अनुभव को और मान्यता मिली है। यह रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण और स्वास्थ्य उपायों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण में आयुर्वेद और यूनानी को शामिल करने के माध्यम से चिकित्सा की किए जाने आयुष प्रणालियों को वैश्विक रूप से बढ़ावा देने और एकीकरण करने में भारत को कको बढ़ावा देने में डब्ल्यूएचओ के साथ लंबी अवधि को सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

News Source
PIB Release

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