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Arunachal Pradesh has again received a very high rainfall in the current monsoon season. Many of the drinking water supply installations dependent on the surface sources have faced the fury of natural calamities in terms of flash flood, cloud bursts, landslides and erosions. The Ledum multi village water supply project feeding potable drinking water to Bilat circle, Oyan-Sille Circle and Ruksin headquarter covering 19 villages with population of 21,287 under East Siang District, Arunachal Pradesh was one of the projects damaged badly due to sudden cloud burst at its catchment area. The intake work which is situated at 1,500 feet above MSL and at a distance of 7 Km from last motorable road point was hit hard. The main pipe line (DI 250 mm diameter) was also damaged at various river crossings.
Arunachal Pradesh is highly dependent on Assam and states beyond for skilled and unskilled work force. With the Covid-19 pandemic related lockdowns and safety protocols in place, the availability of work force are constrained. Going by the gravity of the damages, it would have taken weeks to restore the water supply system, but the motivated youth of Bilat circle, about 70 of them, came forward to help the Public Health Engineering Department in restoration works. The Department while providing the skilled manpower, materials, etc. had to use the services of elephants also in retrieving the DI pipes that were scattered and buried under the silt or debris along the river bed. The result of participation of the people in the restoration effort saw that the resumption of drinking water supply to the entire villages was ensured in 3 days.
The efforts of the officials of PHED and the determination of the community to come forward for this kind of repair work shows that the community can play a huge role in operation and maintenance of water supply systems in rural areas. Jal Jeevan Mission aims to capitalise on the community participation.
Announced by Prime Minister on 15th August, 2019, Jal Jeevan Mission is under implementation in partnership with States with the objective to provide functional household tap connections to every rural household of the country by 2024. The goal of the Mission is to enable every rural household has assured availability of potable water at a service level of 55 litres per capita per day (lpcd) on regular and long-term basis so as to bring improvements in lives of people living in rural areas.
Water availability in Arunachal Pradesh is not an issue, but the challenges faced in implementation are the tough mountainous terrain, sparsely located habitations and the harsh climatic conditions. However, the State Govt is making all efforts to cover all villages/ habitations so as potable water reaches every rural household. Jal Jeevan Mission provides a golden opportunity to the State to provide clean, potable water to its citizens in their houses, so that the burden of women and girls is lessened.
Arunachal Pradesh Government has decided to provide 100% tap water connections to all the households in the State by 2023 under the Mission.
अरुणाचल प्रदेश 2023 तक सभी ग्रामीण घरों में नल जल उपलब्ध कराएगा
स्थानीय समुदाय लेडुम जल आपूर्ति परियोजना में जल आपूर्ति के बहाली कार्य के लिए आगे आया
वर्तमान मानसून के मौसम में अरुणाचल प्रदेश में फिर से बहुत अधिक वर्षा हुई है। सतह के स्रोतों पर निर्भर पेयजल आपूर्ति प्रतिष्ठानों में से कई ने अचानक बाढ़, आने बादल फटने, भूस्खलन और भूमि कटाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप का सामना किया है। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सियांग जिले के अंतर्गत 21,287 आबादी वाले 19 गांवों को कवर करने वाले बिलाट सर्कल, ओयान-सिल सर्किल और रुक्सिन मुख्यालय को पीने योग्य पानी की आपूर्ति करने वाली लेडुम बहु ग्राम जल आपूर्ति परियोजना अपने जलग्रहण क्षेत्र में अचानक बादल फटने के कारण ध्वस्त होने वाली परियोजनाओं में से एक थी। अन्तर्ग्रहण कार्य, जो एमएसएल से 1,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और अन्तिम मोटरेबल रोड पॉइंट से 7 किलोमीटर की दूरी पर है, भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। मुख्य पाइप लाइन (डीआई 250 मिमी व्यास) भी विभिन्न नदी मुहानों पर क्षतिग्रस्त हो गई थी।
अरुणाचल प्रदेश कुशल और गैर-कुशल श्रमबल के लिए असम और उसके आगे के राज्यों पर अत्यधिक निर्भर है। जगह-जगह कोविड-19 महामारी संबंधी लॉकडाउन और सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण, कार्य बल की उपलब्धता बाधित है। नुकसान की गंभीरता को देखते हुए, पानी की आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने में कई सप्ताह लग सकते थे, लेकिन बिल्ट सर्कल के उत्साहित लगभग 70 युवा बहाली के कामों में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग की मदद के लिए आगे आए। विभाग को कुशल श्रमशक्ति, सामग्री आदि प्रदान करते हुए डीआई पाइपों, जो बिखर गए थे और नदी तलछट के साथ गाद या मलबे के नीचे दब गए थे, को फिर से प्राप्त करने के लिए हाथियों की सेवाएं भी लेनी पड़ी। बहाली के प्रयास में लोगों की भागीदारी का परिणाम यह हुआ कि 3 दिनों में ही समस्त गांवों में पेयजल आपूर्ति फिर से शुरू हो गई।
इस तरह के मरम्मत कार्य के लिए पीएचईडी के अधिकारियों के प्रयास और आगे आने के समुदाय के दृढ़ संकल्प से प्रदर्शित होता है कि समुदाय ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रणालियों के संचालन और रखरखाव में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी का लाभ उठाना है।
प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2019 को घोषित जल जीवन मिशन 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ साझेदारी के तहत कार्यान्वयन में है। मिशन का लक्ष्य नियमित और दीर्घकालिक आधार पर हर ग्रामीण घर को 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन (आईपीसीडी) पीने योग्य पानी की आश्वस्त उपलब्धता में सक्षम बनाना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाया जा सके।
अरुणाचल प्रदेश में पानी की उपलब्धता कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों में दुर्गम पहाड़ी इलाक़े, छिटपुट बसी बस्तियां और कठोर जलवायु परिस्थितियाँ शामिल हैं। हालांकि, राज्य सरकार सभी गांवों / बस्तियों को कवर करने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है, क्योंकि पीने का पानी हर ग्रामीण घर तक पहुंचता है। जल जीवन मिशन राज्य को अपने नागरिकों को उनके घरों में स्वच्छ, पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है, ताकि महिलाओं और लड़कियों का बोझ कम हो।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने मिशन के तहत 2023 तक राज्य के सभी घरों में 100 प्रतिशत नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।