The Food & PD department will be implementing a new Centrally Sponsored Pilot Scheme for “Fortification of Rice and its Distribution under Public Distribution System” which was given administrative approval on 14-Feb-2019. The pilot scheme has been approved with a total budget outlay of Rs.147.61 crores for a period of 3 years beginning 2019-20. The pilot scheme would be funded by Government of India in the ratio of 90:10 in respect of North Eastern, Hilly and Island States and 75:25 in respect of the rest of the States.
This fortification of rice will address the issue of micronutrient deficiency and anemia in the country in which milled rice will be mixed with a premix containing vitamins and minerals post-harvest.
The pilot scheme will focus on 15 districts (one district per State).At present, 9 states have agreed to start the scheme and have identified the districts. These states are Andhra Pradesh, Gujarat, Karnataka, Kerala, Maharashtra, Uttar Pradesh, Orissa, Tamil Nadu and Assam. The remaining states have been requested to select the districts and work on implementation of this system by selecting Agency-Mills for rice fortification. It has been kept in the government's 100 days agenda.The Ministry of Women and Child Development and Human Resource Development have already been providing rice fortified with nutritious elements in Anganwadi centers and Mid-Day Meal Scheme.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल का सुदृढीकरण और इसका वितरण’, जिसे 14 फरवरी 2019 को प्रशासनिक अनुमोदन दिया गया था, के लिए एक नई केन्द्रीय प्रायोजित पायलट स्कीम का कार्यान्वयन करेगा। पायलट स्कीम को 2019-20 से आरंभ तीन वर्ष की अवधि के लिए 147.61 करोड़ रुपए के कुल बजट परिव्यय के साथ स्वीकृति दी गई है। पायलट स्कीम का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर, पहाड़ी एवं द्वीपीय राज्यों के संबंध में 90:10 के अनुपात में एवं शेष अन्य राज्यों के लिए 75:25 के अनुपात में किया जाएगा।
पायलट स्कीम का फोकस 15 जिलों (प्रति राज्य एक जिला) पर होगा। वर्तमान में, नौ राज्यों ने स्कीम को आरंभ करने के प्रति सहमति जताई है एवं जिलों की पहचान की है। ये राज्य हैं आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु एवं असम। शेष राज्यों से जिलों को चुनने और चावल में पोषक तत्वों के मिश्रण के लिए एजेंसी/मिलों को चुनने के लिए आग्रह किया गया है। इसे सरकार के 100 दिनों के एजेंडा में रखा गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहले ही आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं मिड डे मील स्कीम में पोषक तत्वों के साथ चावल उपलब्ध करा रहे हैं।