There have been some incorrect reports in media pertaining to reduction in numbers of Income Tax Returns(ITR) e-filed during Financial Year(F.Y.) 2018-19 as compared to F.Y. 2017-18. This is factually untrue, because the figures for F.Y. 2017-18 and F.Y. 2018-19 are not directly comparable.
It is stated that during F.Y. 2017-18, out of a total of 6.74 crore ITRs which were e-filed, 5.47 crore ITRs were filed for Assessment Year(A.Y.) 2017-18 (the current year). In comparison, during F.Y. 2018-19, a total of 6.68 crore ITRs were e-filed which included 6.49 crore ITRs of current A.Y. 2018-19 marking an increase of almost 19%. This would imply that substantially larger number of taxpayers filed their ITRs electronically in the F.Y. 2018-19 as compared to F.Y. 2017-18.
Furthermore, during F.Y. 2017-18, apart from the returns for the A.Y. 2017-18, nearly 1.21 crore ITRs were filed for A.Y. 2016-17. The balance number of ITRs filed for A.Y. 2015-16 and prior A.Ys is 0.06 crore. In comparison, during F.Y. 2018-19 only 0.14 crore ITRs for A.Y. 2017-18 were filed. Thus, the apparent decrease in the number of ITRs filed during F.Y. 2018-19 pertaining to earlier years was due to an amendment in Section 139(5) of the Income-tax Act, 1961 brought in vide Finance Act, 2017, w.e.f. 01.04.2018, which mandated that a revised return could be furnished only upto the end of the relevant Assessment Year. As a result, only 0.14 crore ITRs pertaining to A.Y. 2017-18 were filed during F.Y. 2018-19 as these were the revised ITRs for the relevant A.Y. which could only be filed due to change in law and no other ITR of any earlier A.Y. could be filed in view of the amended provisions of law.
These figures are also available in the Tab-> 'Filing growth (A.Y.)' on the e-filing website.
It is also stated that the number of paper ITRs for A.Y. 2017-18 was only 9.2 lakh (1.5% of total ITRs filed) and the number of paper ITRs for A.Y. 2018-19 is 4.8 lakh (0.6% of total ITRs filed). As per the above details, it is evident that most of the taxpayers have steadily switched to e-filing which is clear from the dwindling numbers of paper returns filed for A.Y. 2018-19 compared to earlier years.
आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग में 19 प्रतिशत की वृद्धि
मीडिया में कुछ आधारहीन खबरें आई हैं कि वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग में कमी आई है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 के आंकड़ों की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जा सकती।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान फाइल किए गए कुल 6.74 करोड़ आईटीआर में से 5.47 करोड़ आईटीआर निर्धारण वर्ष 2017-18 (चालू वर्ष) के लिए फाइल किए गए थे। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 6.68 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए और इसमें चालू निर्धारण वर्ष 2018-19 के 6.49 करोड़ आईटीआर शामिल हैं। इस प्रकार इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका अर्थ है कि आयकर दाताओं की एक बड़ी संख्या ने वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से आईटीआर फाइल किया।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान निर्धारण वर्ष 2017-18 के अतिरिक्त लगभग 1.21 करोड़ आईटीआर निर्धारण वर्ष 2016-17 के लिए फाइल किए गए। निर्धारण वर्ष 2015-16 और इसके पूर्व के निर्धारण वर्षों के लिए फाइल की गई शेष आईटीआरों की संख्या 0.06 करोड़ है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए केवल 0.14 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए। इस प्रकार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान आईटीआर की संख्या में कमी आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(5) में किए गए संशोधन से संबंधित है जिसे वित्त अधिनियम 2017 में 01 अप्रैल, 2018 से लागू किया गया है। इस धारा के अनुसार संशोधित रिटर्न संबंधित निर्धारण वर्ष के अंत तक जमा किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2018-19 में निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए केवल 0.14 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए। ये संबंधित निर्धारण वर्ष के लिए संशोधित आईटीआर थे और इन्हें नियमों में बदलाव आने के कारण फाइल किया जा सकता था। संशोधित कानून के दायरे में किसी पूर्व निर्धारण वर्ष के लिए कोई अन्य आईटीआर फाइल नहीं किया जा सकता था।
यह आंकड़ें ई-फाइलिंग वेबसाइट के Tab-> 'Filing growth (A.Y.)' टैब पर उपलब्ध है।
यह भी कहा गया है कि निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए कागज के रूप में फाइल किए गए आईटीआर की संख्या केवल 9.2 लाख (फाइल किए गए कुल आईटीआर का 1.5 प्रतिशत) तथा निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए 4.8 लाख (फाइल किए गए कुल आईटीआर का 1.6 प्रतिशत) है। उक्त ब्यौरे के अनुसार यह स्पष्ट है कि अधिकांश आयकर दाता धीरे-धीरे ई-फाइलिंग अपना रहे हैं और कागज/दस्तावेजों के रूप में फाइल किए जाने वाले आईटीआरों की संख्या में कमी आ रही हैं।