एकल के प्रयास से पूरा गांव साक्षर हुआ
पश्चिम बंग मालदा जिला के हबीबपुर ब्लॉक, आकलौल पंचायत भदुपाड़ा गांव में 2001 से एकल विद्यालय शुरू हुआ था। इस समय इस गांव में खोजने से एक या दो व्यक्ति ही शिक्षित मिलते थे जिनकी शिक्षा तीसरी एवं चैथी कक्षा तक ही थी। और आबादी 272 के आसपास।
एकल के निरंतर प्रयास ने 13 साल में इस पूरे गांव को साक्षर बनाया। वर्तमान में 6-14 साल तक का एक भी बच्चा निरक्षर नहीं है। ग्राम समिति ने बच्चों की शिक्षा देखकर 2005 साल में एकल विद्यालय के लिए टीने का एक गृह निर्माण कराया। 6-7 बार मालदा-कोलकाता की वनयात्रा भी हुई थी।
वर्तमान में 40 अनिवार्य छात्र हैं। इन 13 सालों में 56 छात्र पास हुये हैं। पास हुये विद्यार्थी बी.ए. में चन्द्रमोहन सरकार, ललिता सरकार, श्यामलाल मुर्मू, विश्वजीत बर्मन। हाई स्कूल में - प्रिया कर्मकार, पिंकी राय, संजीव कुमार, सन्तोष बर्मन, सुकीर्ति अधिकारी, रूबी बर्मन, नन्दिता राय उनमें से मैट्रिक में 25, हायर सेकेण्डरी में 7 तथा बी.ए. में 4 छात्र पढ़ रहे हैं।
ग्रामवासी बहुत खुश हैं। मुझे सब सम्मान देते हैं। गांववासी तो अब ऐसा कहते हैं कि - एकल अगर न होता तो हमलोग आंख रहते हुए भी अन्धा बनकर रह जाते। अब प्रत्येक परिवार में सभी आंख वाले हो गये हैं।
एकल विद्यालय की समर्पित आचार्य सुषमा कर्मकार द्वारा दी गयी रिपोर्ट।