Inspired By Reciting Patriotic Songs In Ekal, Sumit Is Now An Army Jawan

Sumit Barwal, from Himachal Pradesh, started his education from an Ekal school in village Radabhankhed in Mandi district. In Ekal he used to recite patriotic songs every day, as is the practice in all Ekal schools. From those early days in life, Sumit used to get very excited while he used to recite the patriotic songs. Then only he had a vision of joining the army and serving the nation. In May 2015 he got the opportunity and succeeded in getting entry to the army. After training, his first posting was in his home state Himachal Pradesh, at the army headquarters in Dharamshala. Ekal is very proud of Sumit.

सुमित बरवाल हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िला के ग्राम रडाभंखेंड का रहने वाला है। इसी गाँव में चलने वाले एकल विद्यालय में दो वर्षों तक सुमित ने पढ़ाई की। एकल विद्यालय में जब देशभक्ति गीत गाया जाता तो सुमित में देशभक्ति गीत के प्रति अद्भूत जुनून आ जाता था। वह कहता भी था कि बड़ा होकर फौजी बनूँगा और देश की सेवा करूँगा। पढ़ाई करते-करते सुमित बड़ा हो गया। बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। जवान हुआ तो वह देश का जवान बन गया।

एक मई 2015 को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के पालमपुर में थल सेना 6 जैक की भर्ती थी, जिसमें भर्ती हेतु सुमित भी शामिल था। थल सेना के सैनिक के रूप में सुमित का चयन कर लिया गया। इसने नौ महीने की जुलाई 12015 से एक मार्च 2016 तक जबलपुर में सेना का प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री सुमित की प्रथम नियुक्ति हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िला के सेना मुख्यालय धर्मशाला में हुई है। श्री सुमित वरवाल एकल विद्यालय के देशभक्ति के गीतों से प्रेरणा लेकर आज वह सेना में नियुक्त होकर देश की सेवा कर रहा है। इस पर एकल को गर्व है।

News Source
Ekal

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