This story is of one Mansi, a teenager who started her studies from Ekal Vidyalaya and today pursuing her MBA. Mansi is from village Bhajrala in the Jogindernagar block of Mandi district in Himachal Pradesh.
She is of short stature, may be mistaken for a middle school student, but wants to achieve big in life. Her mother, Saroj Kumari, was selected as a teacher in the village and she got Mansi enrolled here. Mansi started her education in the Ekal Vidyalaya and continued coming here even when she had enrolled in the nearby government school later. In the board exams of Class X she secured 78% marks and later took to the Commerce stream. Presently she is pursuing BBA from Sri Santraj College and would do MBA thereafter.
Her future plans are to take up a respectable job after completing her MBA. Mansi is simultaneously studying to appear for various entrance examinations. Her younger sister, now in Class VIII and younger brother in Class V, have also started their education in Ekal Vidyalaya.
Presently, Mansi, 18, looks after the household work also with great confidence. Her mother, Saroj Kumari, has been promoted from an Ekal teacher to a full time volunteer.
यह कहानी है मानसी की जो एकल विद्यालय से पढ़ाई प्रारंभ कर आज एम.बी.ए. की पढ़ाई की और अग्रसर है।
छोटे कद काठी की सुश्री मानसी एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयासरत है। प्रथम दृष्टया मे तो वह चौथी-पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा होगी, लेकिन पारिवारिक परिचय एवं पूछ-ताछ के क्रम में यह पता चला कि यह मानसी है और एकल विद्यालय की पूर्व छात्रा रही है।
हिमाचल प्रदेश के मण्डी ज़िलान्तर्गत जोगिन्दर नगर तहसील के भजराला ग्राम की रहने वाली 18 वर्षीया सुश्री मानसी कुमारी वर्ष 2006 में एकल विद्यालय से पढ़ाई प्रारंभ की थी। एकल विद्यालय के लिए उसी गांव के आचार्या के रूप में सुश्री सरोज कुमारी का चयन किया गया था। एकल आचार्या सरोज ने अपनी बेटी मानसी का भी एकल विद्यालय में नामांकन करा दिया। वह कहती है कक्षा आठवीं तक मानसी एकल विद्यालय में पढ़ती रही एवं स्थानीय शासकीय पाठशाला में भी पढ़ाई करती थी। कक्षा दसवीं में मानसी ने 78 प्रतिशत अंक प्राप्त किया तथा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गयी। +2 की पढ़ाई काॅमर्स से करने के बाद BBA की पढ़ाई बैजनाथ ज़िला कांगड़ा के श्री सन्तराज काॅलेज से कर रही है।
सुश्री मानसी के घर पर जब उससे पूछा गया कि - तुम पढ़कर क्या करोगी? इस पर वह कहती है कि मैं MBA की पढ़ाई करूँगी और नौकरी करूँगी। उसकी दो बहनें एवं एक भाई है। छोटी बहन सोनाक्षी जो आठवीं कक्षा में पढ़ती है एवं भाई कमल राय पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। इन दोनों ने भी एकल विद्यालय में पढ़ाई की है। सुश्री मानसी घर के काम-काज़ को भली भांति संभाल लेती है।
अब सुश्री मानसी 18 वर्ष की हो गयी है तो उसकी माँ एकल अभियान की सेवाव्रती पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गयी है। वे जोगिन्दर नगर अंचल के प्राथमिक शिक्षा प्रशिक्षण प्रमुख का दायित्व संभाल रही हैं। मानसी की माँ हमेशा प्रवास पर रहती हैं और उसके पिता भी रोज़ी-रोज़गार के लिए काँगड़ा में काम करने चले जाते है। इस परिस्थिति में वह घर की बड़ी बेटी होने के कारण अपनी छोटी बहन एवं छोटे भाइ को संभालते हुए घर के सभी काम-काज़ को निबटा कर स्वयं की पढ़ाई भी पूरी करती है। एम.बी.ए. की डिग्री हासिल करते हुए नौकरी की तलाश में बैंक सहित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में जुटी मानसी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है।