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More than 25 lakh applications have been received under the PM SVANidhi-Pradhan Mantri Street Vendor’s Atma-Nirbhar Nidhi- A Special Micro-Credit Facility Scheme, out of which more than 12 lakh have been sanctioned and about 5.35 lakh loans disbursed. In the state of Uttar Pradesh, more than 6.5 lakh applications have been received, out of which about 3.27 lakh have been sanctioned and 1.87 lakh loans have been disbursed. The stamp duty has been exempted for the loan agreement of SVANidhi Yojana in UP.
Vendors who had left for their native places due to Covid-19 lock down are eligible for the loan on their return. The provision of loans has become hassle-free as one can upload the application online on their own at any common service centre or Municipal office or by going to a bank. Banks are reaching the doorsteps of people to provide loans for helping them start their ventures. Prime Minister Narendra Modi has appreciated the hard-work done by the bank staff, saying that “There was a time when street vendors did not go inside the bank but today the bank is going to their home.”
In order to ensure fast implementation of the scheme with transparency, accountability and consistency, a digital platform with web portal/ mobile app has been developed to administer the scheme with end-to-end solution. The IT platform integrates the web portal/ mobile app with UdyamiMitra portal of SIDBI for credit management and PAiSA portal of MoHUA to administer interest subsidy automatically. The scheme incentivises digital transactions i.e. receipts/ payments using digital means like UPI, QR-codes of payment aggregators, RuPay debit cards etc. by the street vendors through monthly cash back. Durga Shanker Mishra, Secretary (MoHUA) had earlier tweeted that his ministry is working with all concerned stakeholders to make the process smooth & effortless to realise the objective of Atma-Nirbhar Bharat.
Covid-19 pandemic lockdown has shown the resilience of local traders and with help from the government they can definitely bounce back to business and strengthen their livelihoods. Most of the street vendors who were given loan through the SVANidhi scheme are repaying their loan on time proving that small-time borrowers do not compromise on their honesty & sincerity. Shri Hardeep Singh Puri, MoS, I/C, Housing and Urban Affairs while reviewing the implementation status and progress of PM SVANidhi Scheme had tweeted that this is a positive step towards the making of an AtmaNirbhar Bharat, where every Indian is a stakeholder in the nation’s progress and way forward.
Urban Local Bodies are playing pivotal role in the implementation of the scheme. They are leveraging the network of all stakeholders namely Street Vendor’s Associations, Business Correspondents (BCs)/ Agents of Banks/ Micro-Finance Institutions (MFIs), Self-Help Groups (SHGs) and their federations, Digital Payment Aggregators like BHIM, PayTM, GooglePay, BharatPay, AmazonPay, PhonePe etc. in administering the scheme successfully.
पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए
अभी तक 12 लाख से अधिक आवेदनों को मंजूरी
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि-पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए है। इस विशेष सूक्ष्म ऋण सुविधा योजना के अंतर्गत 12 लाख से अधिक आवेदनों को अभी तक मंजूरी दी गई है और लगभग 5.35 लाख ऋण वितरित किए गए है। उत्तर प्रदेश में 6.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 3.27 लाख आवदेनों को मंजूरी दी गई है और 1.87 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में स्वनिधि योजना के ऋण समझौते के लिए स्टैम्प शुल्क माफ किया गया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण अपना कारोबारी स्थान छोड़कर पैतृक स्थान जाने वाले वेंडर्स वापसी पर इस योजना के पात्र होते हैं। ऋण प्रावधान को बाधारहित बनाया गया है। किसी भी सामान्य सेवा केन्द्र या पालिका कार्यालय या बैंकों से आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किये जा सकते है। बैंक भी स्ट्रीट वेंडरों के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं, ताकि कारोबार शुरू करने के लिए उन्हें ऋण उपलबध कराया जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सिलसिले में बैंक कर्मियों के कठिन परिश्रम की सराहना करते हुए कहा है कि एक समय था जब स्ट्रीट वेंडर बैंकों के अंदर नहीं जाते थे, लेकिन अब बैंक उनके घर पहुंच रहे हैं।
पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और निरंतरता के साथ योजना को तेजी से लागू करने के काम को सुनिश्चित करने के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप के साथ डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया गया है, ताकि प्रारंभ से अंत तक के समाधान के साथ योजना को लागू किया जा सके। आईटी प्लेटफार्म ऋण प्रबंधन के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप को सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल से एकीकृत करता है तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय का पोर्टल पैसा से एकीकृत करता है, ताकि स्वत: ब्याज सब्सिडी दिलाई जा सके। यह योजना प्राप्तियों/यूपीआई जैसे डिजिटल साधनों के उपयोग से किए गए भुगतान, भुगतान संग्रहकर्ता के क्यूआर कोड, रुपे-डेबिट कार्ड आदि उपायों से वेंडरों के डिजिटल लेनदेन को मासिक कैश बैक के माध्यम से प्रोत्साहित करती है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पहले ट्वीट किया था कि उनका मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रक्रिया को सहज और प्रयासरहित बनाने के लिए सभी संबंधित हितधारकों के साथ काम कर रहा है।
कोविड-19 महामारी लॉकडाउन ने स्थानीय व्यापारियों की दृढ़ता को प्रदर्शित किया है और स्थानीय व्यापारी सरकार की सहायता से फिर से कारोबार के लिए तैयार हो सकते हैं और अपनी आजीविका को मजबूत बना सकते हैं। अधिकतर स्ट्रीट वेंडर्स जिन्हें स्वनिधि योजना के माध्यम से ऋण दिये गये थे, वे समय पर ऋण का पुनर्भुगतान कर रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि छोटी अवधि के कर्जदार अपनी ईमानदारी और नेकनियती से किसी तरह का समझौता नहीं करते। पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन की स्थिति और प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया था कि यह योजना आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है, जहां प्रत्येक भारतीय देश की प्रगति में हितधारक है।
योजना को लागू करने में शहरी और स्थानीय निकाय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। शहरी और स्थानीय निकाय योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में स्ट्रीट वेंडरों के एसोसिएशन, कारोबार अभिकर्ता (बीसी), बैंकों के एजेंट/माइक्रो फाइनेंस संस्थान (एमएफआई), स्वयं सहायता समूह और उनके संघों भीम, पेटीएम, गूगल पे, भारत पे, अमेजॉन पे, फोन पे, आदि डिजिटल भुगतान संग्रहणकर्ताओं जैसे सभी हितधारकों के नेटवर्क का लाभ उठा रहे हैं।