MoU With Industry Bodies To Promote Medicinal Plants Cultivation

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In a historic event on Thursday, the National Medicinal Plants Board (NMPB), Ministry of AYUSH  signed an MoU through virtual meeting with the major AYUSH and Herbal industry bodies covering a set of measures to promote medicinal plant cultivation.

The industry bodies which signed the MoU include ADMA (Ayurvedic Drug Manufacturer’s Association), Mumbai; AMAM (Association for Manufactures of Ayurvedic Medicines), New Delhi; AMMOI (Ayurvedic Medicines Manufacturers Organization of India), Thrissur; AHNMI (Association for Herbal and Nutraceutical Manufacturers of Inida), Mumbai; FICCI (Federation of Indian Industries), New Delhi and CII (Confederation of Indian Industry), New Delhi.

The signing ceremony was graced by the presence of Vd. Rajesh Kotecha, Secretary AYUSH who assured that his ministry would provide necessary support to resolve the issues related to the industry provided they form a combined team and approach with solutions to the respective problems faced by them. He further assured that the present govt is committed to the development of AYUSH systems.

The industry assured the NMPB that they will provide the buy-back guarantee to the farmers / gatherers on the NMPB supported medicinal plant cultivation and collection programs. Dr JLN Sastry, CEO, NMPB signed the MoU on behalf of Ministry of AYUSH while Mr. Chandrakant Bhanushali (ADMA), Mr Prdeep Multani (AMAM),Dr Ramanathan (AMMOI), Mr Sanjay Mariwala (AHNMI), Mr Praveen Mittal (FICCI), Mr Rajeev Vasudevan (CII) have represented respective bodies. Industry representatives agreed that this unique gesture of Ministry of AYUSH would provide the sustainable supply of quality raw material to AYUSH, Nutraceutcial and Herbal industry.

आयुष मंत्रालय ने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्योग निकायों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

कल एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों के तहत प्रमुख आयुष और हर्बल उद्योग निकायों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले उद्योग निकायों में एडीएमए (आयुर्वेदिक ड्रग निर्माता संघ) मुंबई; एएमएएम (एसोसिएशन फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन) नई दिल्ली; एएमएमओआई (आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया) त्रिशूर; एएचएनएमआई (एसोसिएशन फॉर हर्बल एंड न्यूट्रास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया) मुंबई; फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज) नई दिल्ली तथा सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) नई दिल्ली शामिल थे।

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया था। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय आयुष उद्योग से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, बशर्ते वे एक संयुक्त टीम का गठन करें और सामने आने वाली संबंधित समस्याओं के समाधान के साथ संपर्क करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्तमान सरकार आयुष प्रणालियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

आयुष उद्योग ने राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड को आश्वासन दिया कि वे राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड समर्थित औषधीय पौधों की खेती और संग्रह करने वाले किसानों तथा संग्रहकर्ताओं को बाय-बैक गारंटी प्रदान करेंगे। एनएमपीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जे एल एन शास्त्री ने आयुष मंत्रालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जबकि आयुर्वेदिक ड्रग निर्माता संघ के श्री चंद्रकांत भानुशाली, एसोसिएशन फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन से श्री प्रदीप मुल्तानी, आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया से डॉ. रामनाथन, एसोसिएशन फॉर हर्बल एंड न्यूट्रास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया के श्री संजय मारिवाला, फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज से श्री प्रवीण मित्तल और भारतीय उद्योग परिसंघ से श्री राजीव वासुदेवन ने संबंधित निकायों का प्रतिनिधित्व किया। सभी प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त की कि, आयुष मंत्रालय के इस महत्वपूर्ण कदम से आयुष, न्यूट्रास्युटिकल (पौष्टिक-औषध) और हर्बल उद्योग को गुणवत्ता वाले कच्चे माल की सतत आपूर्ति मिलेगी।

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PIB Release

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