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Scheme designed to provide access to quality care irrespective of paying capacity
Ministry of Road Transport and Highways has prepared a blue print for implementing the scheme of cashless treatment of motor accident victims, as contemplated under the MV Act 2019. This includes treatment of victims during the crucial Golden hour.
The ministry has written to principal secretaries and secretaries in charge of transport in all States and union territories soliciting their views on concept note of the cheme by the 10th of this month. The scheme also includes creation of a Motor Vehicle Accident Fund.
The National Health Authority being the nodal agency for PM-JAY and having footfall across the country with over 21,000 hospitals on board has been entrusted to implement the scheme.
It has been envisaged in the scheme to provide compulsory insurance cover to all Road users in the country. The Fund would be utilised for treatment of road accident victims and for payment of compensation to the injured or to the family of person losing life in hit and run cases. The proposed modalities of the scheme have been designed in a way that they allow access to quality care at the right time for all individuals, irrespective of their capability to pay.
मोटर दुर्घटना पीड़ितों का कैशलेस उपचार आरंभ करने की योजना
संकल्पना नोट पर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के विचार मांगे गए
भुगतान क्षमता चाहे जो हो, सभी को गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई योजना की रूपरेखा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर दुर्घटना पीड़ितों का कैशलेस उपचार आरंभ करने की योजना को कार्यान्वित करने के लिए एक खाका तैयार किया है, जैसाकि मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत सुविचारित है। इसमें बेहद महत्वपूर्ण समय (गोल्डेन आवर) के दौरान पीड़ितों का उपचार शामिल है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधान सचिवों तथा परिवहन के प्रभारी सचिवों से इस महीने की 10 तारीख तक स्कीम के संकल्पना नोट पर उनके विचार मांगते हुए एक पत्र लिखा है। इस स्कीम में मोटर वाहन दुर्घटना फंड का सृजन भी शामिल है।
पीएम-जेएवाई की नोडल एजेंसी होने तथा 21,000 अस्पतालों के साथ देश भर में इसकी उपस्थिति होने के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को इस स्कीम को कार्यान्वित करने का जिम्मा सौंपा गया है।
इस स्कीम में देश में सभी उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवर उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है। फंड का उपयोग सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के उपचार के लिए एवं दुर्घटना में जान गवां चुके व्यक्तियों के परिवारजनों या घायलों की क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिए किया जाएगा। स्कीम के प्रस्तावित तौरतरीकों की रूपरेखा इस प्रकार बनाई गई है कि उनकी भुगतान क्षमता चाहे जो हो, सभी व्यक्तियों को सही समय पर गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।