Portal Launched For Tracing Stolen/Lost Mobiles In Delhi, Pan-India Soon

Union Minister for Communications, Law & Justice and Electronics & IT, Ravi Shankar Prasad at the launch of the Central Equipment Identity Register System to facilitate tracing of Stolen/Lost Mobile Phones in Delhi, in New Delhi on December 30, 2019.

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Union Minister for Communications, Law & Justice and Electronics & Information Technology, Ravi Shankar Prasad has said that the Mobile Security should be our National Priority because the mobile handset became an important tool for all online activities. He was addressing the gathering, here today, after launching a Web Portal called ‘Central Equipment Identity Register (CEIR)’ for the customers of Delhi to facilitate blocking and tracing of Stolen/Lost Mobile Phones in Delhi.

The Lt. Governor of NCT of Delhi, Anil Baijal while addressing said that in the NCR Delhi itself the mobile theft cases are increasing to the tune of 40,000 cases per year and there should be a mechanism to address this problem. He requested the Minister for Communication to consider the integration of Zonal Integrated Police Network (ZIPNET) with the CEIR for better functioning.

International Mobile Equipment Identity (IMEI) is supposed to be a unique identity of a mobile phone device. A phone with one/two slots of SIM Card is programmed with one/two IMEI number as the case may be. IMEI number being programmable, some miscreants do reprogram the IMEI number, which results in cloning of IMEI causing multiple devices with same IMEI number. As on date, there are many cases of clones/duplicated IMEI handsets in the network.

If such IMEI is blocked, a large number of mobile phones will get blocked being handsets with same IMEI causing inconvenience to many genuine customers. Thus, there is a need to eliminate duplicate/fake IMEI mobile phones from the network.  

Accordingly, this project called Central Equipment Identity Register (CEIR) system has been undertaken by the DoT for addressing security, theft and other concerns including reprogramming of mobile handsets.

The launch of Project in Delhi will facilitate as follows:

  1. Request for blocking of stolen or lost mobile phone by customers.
  2. Blocking of such mobile phones across mobile networks.
  3. Allowing services to other existing customers have mobile phones with same IMEI number.
  4. Sharing of traceability date with Police Authorities.
  5. Unblocking of recovered/found stolen or lost mobile phones.

दिल्‍ली में खोये हुए मोबाइलों का पता लगाने के लिए केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर की शुरुआत 

केन्‍द्रीय संचार, विधि और न्‍याय तथा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि मोबाइल सुरक्षा हमारी राष्‍ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, क्‍योंकि मोबाइल हैंडसेट हर प्रकार के ऑनलाइन कार्यों के लिए एक महत्‍वपूर्ण उपकरण बन गया है। श्री प्रसाद दिल्‍ली के ग्राहकों के लिए ‘केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर)’ नाम के एक वेब पोर्टल की शुरुआत करने के बाद आज नई दिल्‍ली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल श्री अनिल बैजल, दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्‍यक्ष अंशु प्रकाश, दिल्‍ली पुलिस आयुक्‍त अमूल्‍य पाठक, डिजिटल संचार आयोग के सदस्‍य (टेक्‍नोलॉजी) एस.के. गुप्‍ता भी मौजूद थे।

दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल, अनिल बैजल ने कहा कि दिल्‍ली में मोबाइल चोरी के मामले बढ़ रहे हैं और इनकी संख्‍या प्रति वर्ष 40,000 तक पहुंच चुकी है। उन्‍होंने कहा कि इस समस्‍या को हल करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। उन्‍होंने संचार मंत्री से आग्रह किया कि वे बेहतर कामकाज के लिए जोनल समन्वित पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) को सीईआईआर से जोड़ने के बारे में विचार करे।

अंतर्राष्‍ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) मोबाइल फोन की एक अनेखी पहचान है। एक या दो सिम कार्ड के साथ एक फोन एक या दो आईएमईआई नंबर के साथ प्रोग्राम किया हुआ होता है। आईएमईआई प्रोग्राम किया हुआ होने के कारण कुछ अपराधी आईएमईआई संख्‍या को दोबारा प्रोग्राम कर लेते हैं, जिसके परिणामस्‍वरूप उसी आईएमईआई संख्‍या के साथ अनेक उपकरणों की आईएमईआई की क्‍लोनिंग हो जाती है। आज की तारीख में नेटवर्क में क्‍लोन/डुप्‍लीकेट आईएमईआई हैंडसेट के अनेक मामले हैं।

यदि ऐसे आईएमईआई को ब्‍लॉक कर दिया जाए, तो समान आईएमईआई के साथ हैंडसेट होने के कारण बड़ी संख्‍या में मोबाइल फोन ब्‍लॉक हो जाएंगे, जिससे अनेक ग्राहकों को असुविधा होगी। अत: नेटवर्क से डुप्‍लीकेट/फर्जी आईएमईआई मोबाइल फोनों को हटाने की आवश्‍यकता है। तदानुसार केन्‍द्रीय उपकरण पहचान रजिस्‍टर (सीईआईआर) प्रणाली नाम की इस परियोजना को दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट की दोबारा प्रोग्रामिंक सहित सुरक्षा, चोरी और अन्‍य चिंताओं को दूर करने के लिए हाथ में लिया है।

दिल्‍ली में परियोजना की शुरुआत से यह आसान होगा:

  1. चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोन को ब्‍लॉक कराने का ग्राहकों का अनुरोध।
  2. मोबाइल नेटवर्क पर ऐसे मोबाइल फोनों को ब्‍लॉक कराना।
  3. समान आईएमईआई नंबर के साथ मोबाइल फोन वाले अन्‍य वर्तमान ग्राहकों के लिए सेवाओं की अनुमति।
  4. मोबाइल का पता लग जाने की तारीख को पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करना।
  5. चोरी अथवा खोये हुए मोबाइल फोनों के बरामद होने पर उन्‍हें खोलना।

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