इस समाचार को हिन्दी मेें आगे पढ़े....
A Memorandum of Understanding has been signed between Ministry of Housing & Urban Affairs and Small Industries Development Bank of India (SIDBI), here today, in order to engage SIDBI as the Implementation Agency for PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi (PM SVANidhi) - a Special Micro-Credit Facility for Street Vendors. The MoU was signed by Sanjay Kumar, Joint Secretary on behalf of Ministry of Housing and Urban Affairs (MoHUA) and V. Satya Venkata Rao, Deputy Managing Director, SIDBI, in the presence of Hardeep S. Puri, Minister of State (Independent Charge) MoHUA.
As per the MoU terms, SIDBI will implement the PM SVANidhi Scheme under the guidance of MoHUA. It will also manage the credit guarantee to the lending institutions through Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises (CGTMSE). It will develop and maintain a customized and integrated IT Platform providing end-to-end solutions, including documentation of all the processes and workflows for an end-to-end solution, through a Portal and a Mobile App, to ensure engagement and information flow between Urban Local Bodies (ULBs), Lending Institutions, Digital Payment Aggregators and other stakeholders.
It will leverage the network of lending Institutions like Scheduled Commercials Banks (SCBs), Non-Bank Finance Companies (NBFCs), Micro Finance Institutions (MFIs), Co-operative Banks, Small Finance Banks (SFBs), Regional Rural Banks (RRBs), etc. for the Scheme implementation.
With a view to ensure effective implementation, SIDBI shall also provide a Project Management Unit (PMU), comprising of domain experts in training/ capacity building, project and platform management, Information Education and Communication (IEC), banking, NBFC and MFI sectors etc., for the period of PM SVANidhi i.e. upto March 2022.
It is pertinent to mention that PM SVANidhi was launched by the Ministry of Housing and Urban Affairshad, on June 01, 2020for providing affordable Working Capital loan to street vendors to resume their livelihoodsthat have been adversely affected due to Covid-19 lockdown.This scheme targets to benefit over 50 lakh Street Vendors. Under the Scheme, the vendors can avail a working capital loan of up to Rs. 10,000, which is repayable in monthly instalments in the tenure of one year. On timely/ early repayment of the loan, an interest subsidy @ 7% per annum will be credited to the bank accounts of beneficiaries through Direct Benefit Transfer on quarterly basis. There will be no penalty on early repayment of loan.The scheme promotes digital transactions through cash back incentives up to an amount of Rs. 100 per month. Moreover, the vendors can achieve their ambition of going up on the economic ladder by availning the facility of escalation of the credit limit on timely/ early repayment of loan.
Ministry has already circulated the Guidelines of the Scheme to all stakeholderse.g. States and other stakeholders, including Banks, MFIs, NBFCs, SIDBI and Street Vendors’ Associations to sensitize them about their role and respeonsibilties. The integrated IT platform for PM SVANidhi is likely to be launched by forth week of June, 2020. In the first phase, 108 cities have been selected, in consultation with States/Uts, for saturation by September 2020. Disbursement of loan is planned to commence in July, 2020.
रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए विशेष लघु-ऋण (माइक्रो-क्रेडिट) सुविधा योजना का शुभारंभ– आत्म-निर्भर भारत की ओर प्रयास
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के बीच आज यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्यरेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंजर्स) के लिए एक विशेष लघु-ऋण (माइक्रो क्रेडिट) सुविधा- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि)के लिए सिडबी को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शामिल करना है। इस समझौता पत्र पर आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस. पुरी की उपस्थिति में मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव श्री संजय कुमार और सिडबी के उप-प्रबंध निदेशक श्री वी. सत्य वेंकट राव ने हस्ताक्षर किए।
समझौते की शर्तों के अनुसार, सिडबी पीएम स्वनिधि योजना को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में लागू करेगा। यह सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई)के माध्यम से ऋण प्रदाता संस्थानों को क्रेडिट गारंटी का प्रबंधन भी करेगा। यह एक विशिष्ट रूप सेनिर्मित और एकीकृत आईटी प्लेटफ़ॉर्म विकसित करेगाजोशहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी), ऋण प्रदाता संस्थानों, डिजिटल भुगतान संग्राहकों और अन्य हितधारकों के बीच कार्य और उनसे संबंधित जानकारियां प्राप्त करना सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से सभी प्रक्रियाओं और शुरू से अंत तक कार्य संपादन के दस्तावेज तैयार करने सहितपूरा समाधान मुहैया कराएगा।
यह योजना के कार्यान्वयन के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी),गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी),सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई), सहकारी बैंकों,लघु वित्त बैंकों (एसएफबी),क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) इत्यादि जैसे ऋण प्रदाता संस्थानों के नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य सेसिडबी परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) भी उपलब्ध कराएगा जिसमें पीएम स्वनिधि की अवधि यानी मार्च 2022 तक प्रशिक्षण / क्षमता निर्माण,परियोजना और मंच प्रबंधन,सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी),बैंकिंग,एनबीएफसी और एमएफआईआदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यहबताना जरूरी है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि योजना को 01 जून, 2020 को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को अपनी आजीविका शुरू करने के लिए सस्ती कार्यशील पूंजी ऋण मुहैया कराना है जो कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है।
इस योजना का लक्ष्य 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाना है। इस योजना के तहतस्ट्रीट वेंडर्स10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण ले सकते हैं जिसे एक वर्ष की अवधि में मासिक किश्तों में चुकाने होंगे। समय पर / जल्दी ऋण चुकाने परसात प्रतिशत की सालाना ब्याज सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में त्रिमासिक आधार परडाल दी जाएगी। ऋण के शीघ्र पुनर्भुगतान पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। यह योजनाकैश बैक प्रोत्साहन के रूप में हर महीने 100 रुपये तक की राशि देते हुए डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स समय पर / जल्दीऋण चुकाते हुए क्रेडिट सीमा को बढ़ाने की सुविधा का लाभ उठाकर आर्थिक प्रगति की राह पर आगे बढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को भी पूरा कर सकते हैं।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पहले ही योजना के दिशानिर्देशों को सभी हितधारकों- बैंकों, एमएफआई, एनबीएफसी, सिडबी औरस्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन सहित राज्यों और अन्य हितधारकों के पास भेज दिया है ताकि उन्हें उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया जा सके। पीएम स्वनिधि के लिए एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म को जून, 2020 के चौथे सप्ताह तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। योजना के पहले चरण को सितबंर 2020 तक पूरा करनेके लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से 108 शहरों का चयन किया गया है। जुलाई 2020 से ऋण के आवंटन की योजना बनाई गई है।