A special drive has been initiated for removal of all sorts of speed breakers on National Highways. The step comes in a bid to ensure smooth and hassle-free traffic movement, especially at toll plazas. With the effective implementation of FASTag on toll plazas and conversion of cash toll lanes to FASTag lanes, the speed breakers/ rumble strips constructed at toll plazas are being removed with immediate effect for smooth vehicular movement.
Roads of different categories and under different situations are designed for designated speeds at which vehicles can travel with convenience and safety. At certain locations, control of speed becomes necessary to promote orderly traffic movement and improved safety. Considering the fact that National Highways are designed to cater to high speed traffic without any hindrance, the drive to remove speed breakers from national highways under the jurisdiction of National Highway Authority of India (NHAI).
The speed breakers result in considerable delay, damage to the vehicles and significant discomfort to vehicle occupants and more fuel consumption due to acceleration and deceleration. This initiative will save time, money and facilitate smooth vehicular movement especially to ambulances, elderly and unwell people commuting on National Highways. In the larger context, this will also ensure avoidable wastage of transportation fuel for which country is heavily import-dependent, and will also result in lesser pollution.
Electronic Toll Collection through FASTag has been implemented from 15th December 2019 to provide commotion-free movement on highways. Positive effects of ETC are being realized by the commuters on toll plazas. Introduction of speed breakers-free highways is another step in commitment to provide safe, smooth and seamless journey to commuters on National Highways.
राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने गति अवरोधकों को हटाने के लिए विशेष अभियान
राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने सभी प्रकार के गति अवरोधकों (स्पीड ब्रेकरों) को हटाने के लिए विशेष अभियान शुरु किया गया है। ऐसा विशेष रूप से टोल प्लाजाओं पर सड़क यातायात को सुगम और व्यवधान मुक्त बनाने के लिए किया जा रहा है।
टोल प्लाजों पर फास्टैग को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने तथा नकद में टोल टैक्स वसूलने की व्यवस्था को फास्टैग में परिवर्तित किए जाने के साथ ही वहां बने गति अवरोधकों और रंबल स्ट्रिप्स को वाहनों की आवाजाही आसान बनाने के लिए तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है।
विभिन्न श्रेणियों की सड़कों को अलग-अलग परिस्थितियों में वाहनों की गति नियंत्रित करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है ताकि इन पर वाहनों का परिचालन सुगम और सुरक्षित तरीके से हो सके। कुछ स्थानों पर यातायात को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाए रखने के लिए उनकी गति पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि राष्ट्रीय राजमार्गों को बिना किसी बाधा के वाहनों को पूरी गति से आने जाने की सुविधा के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों से स्पीड ब्रेकरों को हटाने का अभियान शुरु किया गया है।
वाहनों की गति तेज या धीमी करते समय गति अवरोधक काफी दिक्कत पैदा करते हैं। इनकी वजह से ईंधन खपत भी ज्यादा होती है तथा यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। गति अवरोधक हटाए जाने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी और साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर विशेष रूप से एंबुलेंस गाडि़यों और वृद्ध जनों तथा अस्वस्थ लोगों को लाने ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही आसान हो सकेगी। व्यापक संदर्भ में यह ईंधन की बचत को भी सुनिश्चित करेगा जिसके लिए देश को बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।इसके अलावा इससे प्रदूषण में भी कमी आएगी।
राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही सुगम बनाने के उद्देश्य से फास्टैग प्रणाली को 15 दिसंबर 2019 से लागू किया जा चुका है। इसके माध्यम से टोल संग्रह इलेक्ट्रानिक प्रणाली से किया जाता है। इसके लागू होने के साथ ही टोल प्लाजा पर यात्रियों द्वारा ईटीसी के सकारात्मक प्रभावों को महसूस किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को सुरक्षित, सुचारू और निर्बाध यात्रा प्रदान करने की प्रतिबद्धता की दिशा में स्पीड ब्रेकर-मुक्त राजमार्ग एक और कदम है।