मिल्कफेड अब गांव-गांव पहुंचकर पशुपालकों से गोबर भी खरीदेगा। उपलों के रूप में गोबर को दुग्ध समितियों के माध्यम से खरीदा जाएगा। इन उपलों का इस्तेमाल प्रदेश के तमाम मिल्क प्लांटों के बायलर चलाने के लिए होगा। इससे जहां पशुपालकों को आर्थिक फायदा होगा, वहीं मिल्क प्लांट में डीजल से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा।
जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। मिल्क प्लांट के बायलर चलाने के लिए 50 प्रतिशत डीजल और 50 प्रतिशत के लगभग ब्रिक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। मिल्कफेड की योजना डीजल की बजाय गोबर को इंधन के रूप में इस्तेमाल करना है।
गो संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
उपले खरीदने से गो संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। लोग अपने पशुओं को लावारिस नहीं छोड़ेंगे। उनका गोबर बेचकर वे अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं।
और अधिक जानकारी के लिए अमर उजाला में धर्मवीर गौतम की रिपोर्ट पढ़़े़े.... (लिंंक दिया हैैै))
Milkfed To Buy Dung Cakes
Milkfed may soon buy dung cakes to be used in its boilers. This will reduce the consumption of diesel in the plants of their boilers.
Read more of this in a report by Dharamvir Gautam published in Amar Ujala... (Link given below)