दिल्ली में अपना उपचार करवाने के लिए अन्य राज्यों से आने वाले कई रोगियों को आर्थिक कारणों से मजबूरी के कारण अस्पताल के बाहर ही रहना पड़ता है | इन्हें शुद्ध भोजन न मिलने कारण असुविधा का भी सामना करना पड़ता था एवं अपने सामर्थ्य से अधिक राशि खर्च करनी पड़ती थी |
समाज के सामर्थ्यवान जन, इस समस्या का समाधान निकालने के बारे में विचार करने लगे | भाऊराव देवरस सेवा न्यास की योजना से कुछ समाजसेवी और अन्य बंधुओं ने योजना पूर्वक 27 अप्रैल 2017 को एम्स अस्पताल के बाहर ऐसे रोगियों और उनके सहयोगियों के लिए दोपहर के समय निशुल्क भोजन वितरण प्रारंभ किया | शुरू में यह कल्पना थी कि यह व्यवस्था एक सप्ताह चलाकर फिर आगे की योजना पर विचार करेंगे | परन्तु जैसा कि कहते हैं कि प्रभु का कार्य प्रभु ही करते हैं, यह सेवा देखते ही देखते दिल्ली में 2 अन्य स्थानों - सफदरजंग अस्पताल के निकट और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निकट भी शुरू हो गई | प्रतिदिन तीनों केन्द्रों पर दो हज़ार के लगभग लोगों को भोजन वितरण प्रारंभ हो गया | समाज से सहयोग मिलता रहा और यह प्रकल्प चलता रहा |
इस पुनीत कार्य से प्रेरणा लेकर समाज के अन्य बंधुओं ने भी इस प्रकार की सेवा दिल्ली में ही नहीं अपितु पूरे देश में प्रारम्भ कर दी जिसमें कि सूदूर गोहाटी (असम), कोलकाता, भुवनेश्वर आदि तक शामिल हैं |
इस व्यवस्था के 1000 दिन पूर्ण होने पर एक विशेष कार्यक्रम एम्स के निकट संपन्न हुआ | कई कार्यकर्ताओं ने उस दिन भोजन वितरण में भाग लिया और लगभग 10,000 लोगों को भोजन वितरित किया गया जो कि एक बहुत अच्छा प्रेरणादायी कार्यक्रम रहा | अन्य लोग भी इस कार्यक्रम से जुड़े |
कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई | दिल्ली में रहने वाले मजदूर एवं एम्स में उपचार कराने वालों के सम्बन्धी भोजन के लिए तरसने को बाध्य हो गए | ऐसे कठिन समय में न्यास ने इस अक्षय सेवा का स्वरूप विस्तृत करते हुए धीरे धीरे पूरी दिल्ली में कई स्थानों पर बेसहारा लोगों को दोनों समय भोजन उपलब्ध कराया | भोजन वितरण के इस कार्य में कई अन्य समाजसेवी भी साथ में जुड़े और वितरण के लिए सेवा भारती और दिल्ली पुलिस और नॉएडा पुलिस सहित कई संस्थाओं ने सहयोग किया | दिल्ली में लगभग 11 स्थानों पर भोजन बनाने की व्यवस्था रही | बिस्किट और मुसली के ट्रक भी सहयोग के रूप में प्राप्त हुए | इस प्रकार लॉक डाउन के समय लगभग 5 लाख भोजन के पैकेट निशुल्क वितरित किए गए |
इस महामारी के समय भोजन व्यवस्था के साथ साथ न्यास ने कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए लगभग 500 PPE किट्स का वितरण चिकित्सा कर्मियों, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों व अन्यों को किया | इसी प्रकार 5000 मास्क, 300 कम्बल और 2000 लीटर sanitiser का वितरण भी विभिन्न जरूरतमंदों को किया गया |
इस अक्षय सेवा प्रकल्प के अंतर्गत अभी तक लगभग 30 लाख लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा चुका है और अनवरत चल रहा है |
यह सारा कार्य न्यास के द्वारा गठित अक्षय सेवा की संचालन समिति की देख रेख में चलता है | इस संचालन समिति के अतिरिक्त भी न्यासी और अनेक कार्यकर्ताओं का सहयोग इसमें लगातार मिलता रहता है | इस प्रकार ये कार्यकर्ता न्यास के इस प्रकल्प को सफलता पूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं | आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस सेवा प्रकल्प का विस्तार होगा और यह और भी कई स्थानों पर प्रारम्भ होकर समाज के दुर्बल वर्ग की सेवा कर सकेगा |