पीएमकेवीवाई 3.0 का लक्ष्य आठ लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के पहले और दूसरे चरण के तहत देश में 1.2 से अधिक करोड़ युवाओं को बेहतर मानकीकृत कौशल प्रणाली के माध्यम से प्रशिक्षित / निपुण किया गया है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने रोजगार आधारित कौशल के साथ भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। 300 से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ लगभग 600 केंद्रों में योजना की शुरूआत की गई। इसका लक्ष्य जरूरत के अनुसार कौशल प्रशिक्षण के लिए मांग-आधारित और इसके दृष्टिकोण में विकेंद्रीकृत कार्यक्रम चलाना है।
कौशल विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री माननीय आर.के. सिंह की उपस्थिति में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पीएमकेवीवाई का तीसरा संस्करण लॉन्च किया। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तीसरे चरण को वैश्विक एवं स्थानीय दोनों स्तरों पर बदलती मांगों के अनुसार बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है।
717 जिलों, 28 राज्यों / आठ केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया पीएमकेवीवाई का तीसरा चरण 'आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की तरफ एक और कदम है। पीएमकेवीवाई 3.0 को राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों तथा जिलों से समर्थन और उन्हें दी गई अधिक जिम्मेदारियों के साथ ज़्यादा परिष्कृत संरचना में लागू किया जाएगा। राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) के मार्गदर्शन में जिला कौशल समितियां (डीएससी) जिला स्तर पर कौशल अंतर को दूर करने तथा आवश्यकताओं का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। नई योजना अधिक प्रशिक्षण पर केंद्रीकृत होगी और इसमें आकांक्षापूर्ण भारत की समस्त ज़रूरतों को पूरा करने पर ध्यान दिया जायेगा।
पीएमकेवीवाई 2.0 ने कौशल आधारित इकोसिस्टम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब यह पीएमकेवीवाई 3.0 के साथ, कौशल विकास के एक नए प्रतिमान में प्रवेश करेगा जो आवश्यकता के अनुसार कौशल विकास प्रदान करने, डिजिटल प्रौद्योगिकी तथा उद्योगों के 4.0 कौशल पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार के विकास प्रायोजित एजेंडे को 'आत्मनिर्भर भारत’ और 'वोकल फॉर लोकल’ दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए कि, पीएमकेवीवाई का तीसरा चरण राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर बढ़ते हुए संपर्क को और मज़बूत करके परिणाम प्राप्त करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। पीएमकेवीवाई के दूसरे चरण ने पूर्व शिक्षण (आरपीएल) की मान्यता को शामिल करने तथा प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा कौशल विकास को भी व्यापक बनाया है। पीएमकेवीवाई 3.0 की शुरुआत के साथ ही नए युग और उद्योग 4.0 में नौकरी की भूमिका के क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देकर मांग एवं आपूर्ति के बीच की खाई को पाटने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
जबकि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति समग्र विकास और रोजगार बढ़ाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करती है, पीएमकेवीवाई 3.0 की भूमिका युवाओं को उद्योग से जुड़े अवसरों को भुनाने के लिए प्रारंभिक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा के प्रचारक के रूप में होगी।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने इस अवसर पर कहा कि, माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को जिला स्तर पर कौशल आधारित इकोसिस्टम को आगे बढ़ाकर ही प्राप्त किया जा सकता है। एक युवा राष्ट्र के रूप में हम उन अवसरों का लाभ उठाने की ओर अग्रसर हैं जो भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाएंगे। प्रशिक्षण के लिए नीचे से ऊपर तक एक समान दृष्टिकोण अपनाकर, पीएमकेवीवाई 3.0 स्थानीय स्तर पर नौकरी की भूमिकाओं की पहचान करेगा और युवाओं को इन अवसरों से जोड़कर उन्हें कौशल प्रदान किया जायेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उल्लेख और निगरानी करने में जिला प्रशासन तथा सांसदों की बढ़ी हुई भूमिका अधिक से अधिक स्थानीय संपर्क उपलब्ध कराएगी। पीएमकेवीवाई का तीसरा चरण उन राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो बेहतर विनियोजन उपलब्ध कराते हैं और उन्नत प्रदर्शन करते हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री और विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने कहा कि, “कौशल एक उद्देश्य नहीं है, बल्कि देश के आर्थिक विकास के लिए एक आवश्यक शर्त है। हमें रफ़्तार और मानकों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है, यदि हमें भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के सपने को पूरा करना है और फिर इसे दुनिया की औद्योगिक राजधानी बनाना है।
उद्घाटन समारोह में छह राज्यों से विभिन्न संसद सदस्यों और कौशल विकास मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मेरठ से; मध्य प्रदेश के सतना से; ओडिशा के कटक से; दक्षिणी दिल्ली के मीठापुर और बदरपुर के प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेकेएस) के उम्मीदवारों ने मंत्रियों के साथ बातचीत की और उनके साथ कौशल प्रशिक्षण के प्रेरणादायक अनुभवों को साझा किया कि कैसे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम ने उनके जीवन को बदल दिया है और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के करीब ले गया है। चर्चा के दौरान, उम्मीदवारों ने उन अतिरिक्त पाठ्यक्रमों के बारे में भी ज़िक्र किया, जिनके बारे में उन्होंने अपने संबंधित केंद्रों में प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता महसूस की।
दोनों मंत्रियों ने पीएमकेके केंद्रों के उम्मीदवारों और प्रमुखों को आश्वासन दिया कि, उन्हें अतिरिक्त पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे जो उन्हें स्थानीय मांग को पूरा करने में मदद करेंगे। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय को पीएमकेवीवाई 1.0 और 2.0 की सफलता के लिए बधाई संदेश दिए गए, इस दौरान 'वोकल फॉर लोकल' एक प्रमुख विषय के रूप में उभरा, जैसा कि सभी सांसदों और पीएमकेके केंद्रों ने एक स्थानीय प्रतिभा पूल बनाने की आवश्यकता के बारे में बताया जो उद्योग की मांगों को पूरा कर सकता है।
यह कार्यक्रम कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह की मौजूदगी में संपन्न हुआ। इस आयोजन में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव श्री प्रवीण कुमार, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अतुल कुमार तिवारी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनीष कुमार भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष एएम नाइक और एलएंडटी समूह के अध्यक्ष ने भी इस आयोजन को वर्चुअली संबोधित किया, इस दौरान एनएसडीसी द्वारा कौशल आधारित इकोसिस्टम में तेजी लाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया तथा एलएंडटी के स्किल ट्रेनर्स अकादमी मुंबई के शुभारंभ की घोषणा की गई।
देश भर के आठ निर्वाचन क्षेत्रों के संसद सदस्यों ने अपने राज्यों में कौशल विकास के प्रयासों के बारे में डॉ. महेंद्र नाथ पांडे और आर के सिंह के साथ बातचीत की और पीएमकेवीवाई के तीसरे चरण की शुरुआत करने करने के लिए धन्यवाद किया। इसके अतिरिक्त, छह राज्यों गुजरात ओडिशा, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के राज्य कौशल मंत्रियों ने कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
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