“Aahaar Kranti” - Mission Dedicated To Spread Awareness About Nutrition Launched

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Union Minister for Science and Technology, Earth Sciences and Health and Family Welfare, Dr Harsh Vardhanhas launched“AahaarKranti”, a mission dedicated to spreading awareness about nutrition and accessible to all locally available nutritious food, fruits, and vegetables in India.

Vijnana Bharati (Vibha), ‘Global Indian Scientists and Technocrats’ Forum (GIST), Vigyan Prasar, and Pravasi Bharatiya Academic and Scientific Sampark (PRABHASS) have come together to launch the mission “Aahaar Kranti”, with the motto of ‘Uttam Aahaar- Uttam Vichaar’ or `Good Diet-Good Cognition’.

The `AahaarKranti’ movement is designed to address the peculiar problem being faced by India and the world-`hunger and diseases in abundance’. Studies estimate that India produces as much as two times the amount of calories it consumes. However, many in the country are still malnourished. The root cause of this strange phenomenon is a lack of nutritional awareness.

The movement proposes to address the problem by working to rouse the people to the values and richness of India’s traditional diet, to the healing powers of local fruits and vegetables, and to the miracles of a balanced diet. It will renew the focus on nutritionally balanced diets replete in locally sourced fruits and vegetables.

While Vijnana Bharati (Vibha) and ‘Global Indian Scientists and Technocrats’ Forum initiated the programme, several other agencies have also joined hands and have agreed to pool in their expertise and resources. Besides various central and state government ministries and agencies, the Department of Science and Technology’s autonomous body VigyanPrasar, and Pravasi Bharatiya Academic and Scientific Sampark (PRABHASS) are a part of this collaborative effort. More organisations are in the pipeline to join the Mission as it proceeds.

Launching the initiative in virtual mode, the Union Minister said that it was apt that a social welfare programme like AahaarKranti is being launched as a public movement on the first day of Ma Annapurna’s Chaitra Navaratri.

“Today when the country is reeling under the onslaught of a pandemic like COVID -19, a balanced diet serves as a special tool to reduce the impact of the pandemic. At such a time, the need to create awareness about the importance of a balanced diet has become more vital than ever before”, he said.

He appreciated that overseas Indian scientists are in the forefront of the campaign. “It is a noble effort to take the message of balanced diet to every Indian. The Logo you have created for the programme is commendable and a slogan like Good Diet – Good Thought brings all the country men together”, said Dr Harsh Vardhan.

He particularly mentioned the contributions of Dr YellojiRaoMirajkar, Dr SrinivasaRao and Mr.Praful Krishna of GIST who came together and initiated a discussion to give shape to the programme as a public campaign. “We know that you all have undertaken a gigantic task in your able hands. It has to be run for several years to reach the common man like the Green & White Revolution”, he added.

Underscoring that only healthy individuals can lead to a prosperous society, he noted that Indian Ayurveda has been a guide to the entire world. It is time that we used the knowledge to meet the various health and social challenges of today.

The aim of the AahaarKranti development programme is to spread the message of good diet to every citizen of the country. It is essential that every section of the society is involved to ensure that the message reaches out to all corner of the country.

Director, Vigyan Prasar, Nakul Prashar, said “The mission will work on multiple dimensions simultaneously. In terms of objectives, it will seek to promote better awareness, better nutrition and better agriculture; the messages will be imparted through the curriculum in the form of `what’s and `why’s of nutrition, or through the forms of games or as instructions such as `how to’; and the content will be provided both online and offline, in all vernacularlanguages besides English and Hindi. The programme will focus on training teachers, who, in turn, will pass on the message to the multitudes of students, and through them to their families and finally the society at large”.

On this occasion, a monthly (English and Hindi) newsletter 'Aahaar Kranti' has also been launched, which is being published by Vigyan Prasar.

"आहार क्रांति", पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के बारे में समर्पित एक मिशन की घोषणा

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ‘आहार क्रांति’ का शुभारंभ किया। यह पोषण तथा भारत में स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन, फलों ​​और सब्जियों तक पहुंच स्थापित करने के बारे में समर्पित एक मिशन है।  

विजनाना भारती (विभा), 'ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स' फोरम (जीआईएसटी), विज्ञान प्रसार और प्रवासी भारतीय अकादमिक और वैज्ञानिक सम्पर्क (प्रभास) "आहार क्रांति" मिशन को लॉन्च करने के लिए एक मंच पर आए हैं। इसका आदर्श वाक्य है- उत्तम आहार-उत्तम विचार या अच्छा आहार-अच्छी अनुभूति।  

"आहार क्रांति" आंदोलन को भारत और दुनिया में बहुतायत में भूख और बीमारियों की गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए तैयार किया गया है। अध्ययन से पता चला है कि भारत जितनी कैलोरी का उपयोग करता है उससे दोगुनी ऊर्जा का उत्पादन करता है। हालांकि अभी भी अनेक लोग कुपोषित हैं। इस अजीबो-गरीब हालात का मुख्य कारण पोषण संबंधी जागरूकता का अभाव है। 

इस आंदोलन में भारत की परम्परागत खुराक का मूल्य और पौष्टिकता के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम करके इस समस्या का समाधान करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि स्थानीय फलों और सब्जियों की ताकत और संतुलित आहार के चमत्कारों का लाभ उठाया जा सके। इस आंदोलन में स्थानीय फलों और सब्जियों में पोषक रूप से संतुलित आहार को परिपूर्ण बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। 

विजनाना भारती (विभा) और ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स फोरम ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की है, लेकिन कई अन्य एजेंसियां भी इसमें शामिल हो गईं और उन्होंने अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग करने के बारे में सहमति भी व्यक्त की है। इसके अलावा विभिन्न केन्द्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालय तथा एजेंसियां के अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त निकाय, विज्ञानप्रसार तथा प्रवासी भारतीय अकादमिक और वैज्ञानिक संपर्क (प्रभास) भी इस सहयोगात्मक प्रयास का एक हिस्सा बन गए हैं। अनेक संगठन इस मिशन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

वर्चुअल मोड में इस पहल की शुरुआत करते हुए, केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आहार क्रांति जैसे समाज कल्याण कार्यक्रम को मां अन्नपूर्णा के चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर एक जन आंदोलन के रूप में शुरू किया जा रहा है।  

आज जब देश कोविड-19 जैसी महामारी के हमले से ग्रस्त है, एक संतुलित आहार इस महामारी के प्रभाव को कम करने में एक विशेष उपाय के रूप में कार्य करता है। ऐसे समय में संतुलित आहार के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

उन्होंने विदेशी भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा की, जो इस अभियान में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को संतुलित आहार का संदेश देना एक बहुत अच्छा प्रयास है। आप लोगों ने इस कार्यक्रम के लिए जो आदर्श वाक्य बनाया है वह बहुत सराहनीय है तथा अच्छा आहार-अच्छे विचार जैसे नारे देश के लोगों को एक मंच पर लाते हैं।  

उन्होंने डॉ. येलोजीराव मिरजकर, डॉ. श्रीनिवासराव और जीआईएसटी के श्रीप्रफुल्ल कृष्णा के योगदानों का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिन्होंने एक साथ मिलकर इस कार्यक्रम को एक जन अभियान के रूप में आकार प्रदान करने के लिए विचार-विमर्श की शुरूआत की। हम जानते हैं कि आप लोगों ने बड़ा महत्वपूर्ण कार्य अपने हाथों में लिया है। यह कार्यक्रम अनेक वर्षों तक चलेगा और हरित एवं श्वेत क्रांति की तरह आम आदमी तक पहुंचेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल स्वस्थ व्यक्ति ही समृद्ध समाज का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्वेद पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक बन गया है। यह उचित समय है कि आज हम स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करें।

आहार क्रांति विकास कार्यक्रम का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक तक अच्छे आहार का संदेश पहुंचाना है। यह आवश्यक है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को इसमें शामिल किया जाए, ताकि यह संदेश देश के हर कोने तक पहुंच सके।

विज्ञान प्रसार के निदेशक नकुल प्रसाद ने कहा कि यह मिशन एक साथ कई आयामों पर काम करेगा। अपने उद्देश्यों के संदर्भ में यह बेहतर जागरूकता, बेहतर पोषण और बेहतर कृषि को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। इसका संदेश पोषण के  ‘क्या’ और ‘क्यों’ के रूप में या खेलों के रूपों के माध्यम से या ‘कैसे’ के निर्देश के रूप में पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इसकी विषयवस्तु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अग्रेंजी और हिन्दी के अलावा सभी मातृ भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो प्रशिक्षण के बाद अनेक छात्रों को इस कार्यक्रम का संदेश देंगे जो छात्रों के माध्यम से उनके परिवारों तक पहुंचेगा और आखिर में बड़े पैमाने पर समाज में इसका प्रचार होगा।

इस अवसर पर एक मासिक (अंग्रेजी और हिंदी) समाचार पत्र 'आहार क्रांति' का भी विमोचन किया गया है, जो विज्ञान प्रसार द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।

विजनाना भारती के अध्यक्ष डॉ. विजय भटकर, प्रभास के श्री दान्यानेश्वर, विजनाना भारती के महासचिव श्रीसुधीरजी भदौरिया, विजनाना भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे, डॉ. येलोजीराव मिरजकर और जीआईएसटी के डॉ. श्रीनिवासराव और श्रीप्रफुल्ल कृष्णा ने यह उम्मीद जाहिर कि यह पहल पूरे विश्व द्वारा अनुसरण करने के लिए एक मॉडल सिद्ध होगी।

News Source
PIB Release

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