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Call for multiple Use of Bamboo to increase its demand and plantation
Minister for Road Transport & Highways and Micro, Small and Medium Enterprises, Nitin Gadkari addressed a virtual exhibition on Bamboo Technology, Products and Services through video conferencing on Tuesday. The exhibition was organised by the Indian Federation of Green Energy (IFGE).
In his address, Gadkari said that there is a need to increase demand for bamboo. He said that bamboo has potential to be used as an alternative to coal and can also be used in construction. Gadkari said that use of jute and coir mattresses is soon going to be made mandatory for all NHAI roads. He advocated varied use of traditional materials like jute, coir and bamboo by developing them further.
Gadkari expressed hope that, with integrated efforts from all stakeholders, bamboo industry in India will be worth 25-30 thousand crore rupees.Technologically proven, cost effective and attractive product designing can establish and promote the use and demand of bamboo, which will encourage people to go for bamboo plantation. He assured all assistance from Ministry of MSME for any scheme related to promotion of bamboo.
The Minister said that we need more research, more appropriate approach for product development, market support. He also said that he is trying to get 50 per cent subsidy from Railways for bamboo and bamboo sticks. He exuded confidence that by increasing use and requirement of bamboo will lead to increase in its plantation. He said that bamboo can also be used to make bio-CNG and charcoal and IITs can be roped in to conduct further research on this with help of special grants from Bamboo Mission.
बांस उद्योग में 30,000 करोड़ रुपए तक बढ़ने की क्षमता: नितिन गडकरी
बांस के अधिक से अधिक इस्तेमाल की अपील ताकि इसकी मांग और इसके रोपण को बढ़ाया जा सके
सड़क परिवहन और राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बांस प्रौद्योगिकी, उत्पाद और सेवाओं पर एक वर्चुअल प्रदर्शनी को संबोधित किया। प्रदर्शनी का आयोजन इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (आईएफजीई) द्वारा किया गया।
अपने संबोधन में गडकरी ने कहा कि बाँस की माँग बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोयले के विकल्प के रूप में बांस का उपयोग करने की क्षमता है और इसका उपयोग निर्माण कार्यों में भी किया जा सकता है। श्री गडकरी ने कहा कि जल्द ही सभी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों के लिए जूट और कॉयर मैट्रेसेज का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने जूट, कॉयर और बांस जैसी पारंपरिक सामग्रियों के और अधिक विकास की वकालत की।
गडकरी ने उम्मीद जताई कि सभी हितधारकों के एकीकृत प्रयासों से भारत में बांस उद्योग 25-30 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा। सैद्धांतिक रूप से सिद्ध, लागत प्रभावी और आकर्षक उत्पाद डिजाइनों से बांस का उपयोग और इसकी मांग बढ़ सकती है जिससे लोगों को बांस रोपण का भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बांस को बढ़ावा देने से संबंधित किसी भी योजना के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से सभी सहायता का आश्वासन दिया।
मंत्री ने कहा कि हमें उत्पाद विकास, बाजार समर्थन के लिए अधिक शोध, अधिक उपयुक्त दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बांस और बांस के डंडे के लिए रेलवे से 50 फीसदी सब्सिडी लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बांस के उपयोग और आवश्यकता को बढ़ाने से इसके रोपण में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बांस का इस्तेमाल बायो-सीएनजी और चारकोल बनाने के लिए भी किया जा सकता है और आईआईटी को बांस मिशन के विशेष अनुदानों की मदद से इस पर आगे अनुसंधान करने के लिए शामिल किया जा सकता है।